राम नाम लेने से आनंद की होती है प्राप्ति, नौ दिवसीय श्रीराम कथा में उमड़ रहे श्रद्धालु
Taking the name of Ram brings happiness,
सिमरी बख्तियारपुर . नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत उच्च विद्यालय के मैदान पर आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा में सोमवार को निर्धारित समय पर संध्या चार बजे से अयोध्या से आये बैजू शास्त्री के द्वारा कथा प्रारंभ किया गया. जो रात नौ बजे तक चली. इस दौरान श्रद्धालुओं का तांता कथा सुनने के लिए लगा रहा. कथा के छठे दिन श्री शास्त्री ने श्रीराम के बचपन के कार्यों का बखान किया. उन्होंने कहा कि भगवान राम बचपन से ही शांत स्वभाव के वीर पुरूष थे. धर्म के मार्ग पर चलने वाले राम ने अपने तीनों भाइयों के साथ गुरु वशिष्ठ से शिक्षा प्राप्त की. किशोरावस्था में गुरु विश्वामित्र उन्हें वन में राक्षसों द्वारा मचाए जा रहे उत्पात को समाप्त करने के लिए साथ ले गये. उन्होंने कहा कि भगवान को निर्मल मन वाला पसंद है. जहां- जहां पर भगवान की कथा होती हैं वहां पर सभी विराजमान देवतागण व भक्त शिरोमणि हनुमान भी कथा सुनने आते हैं. उन्होंने कहा कि राम नाम लेने से आनंद की प्राप्ति होती है. संतों की कृपा से ही भगवान के दर्शन होते है. संतों की वाणी से ही हम श्रीराम कथा, श्री कृष्ण कथा का वर्णन सुन सकते हैं. वही हमारा कल्याण करा सकते हैं. भगवान कहते हैं ना मैं बैकुंठ में रहता हूं, ना ही संतों के हृदय में, मैं तो जहां कथा हो रही हो, वहां भक्तों के दिल में रहता हूं. राम से मिलना कथा में ही हो सकता है. जिस पर प्रभु की कृपा होती है, वही श्रीराम कथा सुनता है. इस दौरान भक्ति संगीत का भी आयोजन किया गया. कथा के अंत में भगवान श्रीराम की आरती हुई. उसके बाद श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया. इस मौके पर डॉ प्रमोद भगत, नमिता कुमारी, विपिन यादव, बिजेंद्र भगत, रतन भगत, राजकुमार पोद्दार, नंदकिशोर पोद्दार, शंकर भगत, विनोद कुमार भगत, प्रेम भगत, गोपाल जी, गिरधर स्वर्णकार सहित अन्य मौजूद रहे.
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