प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा आठ घोषणाओं के अद्यतन स्थिति की डीएम ने दी जानकारी तिलाबे नदी की 1253.52 लाख से उड़ाही की मिली प्रशासनिक स्वीकृति सहरसा . पिछले 23 जनवरी को प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा जिले में की गयी घोषणाओं के क्रियान्वयन की अद्यतन स्थिति को लेकर शुक्रवार को समाहरणालय सभागार में जिलाधिकारी वैभव चौधरी ने प्रेस प्रतिनिधियों को विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा की गयी आठ विभिन्न योजनाओं की स्थिति पर विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने तिलाबे नदी का निरीक्षण किया था व इसके उड़ाही को लेकर घोषणा की थी. तिलाबे नदी की उड़ाही सत्तरकटैया प्रखंड से शुरू होगी. यह सौरबाजार, सिमरी बख्तियारपुर, सोनवर्षा व बनमा ईटहरी से गुजरती है. वर्तमान नदी में गाद भर गया है व नदी पानी विहीन हो चुकी है. साथ ही यह बरसाती नदी बनकर रह गयी है. जबकि पूर्व में यह नदी पानी से भरी रहती थी. जिससे नदी के किनारे किसान अपने खेतों में सिंचाई के कार्य के लिए प्रयोग करते थे. यह नदी के स्वरूप में आ जाती है तो आमजनों व किसानों को काफी लाभ होगा. साथ ही भूमिगत जल का जलस्तर बढ़ेगा व शहर की जल निकासी में सहूलियत होगी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद इसकी प्रशासनिक स्वीकृति मिल गयी है. इस पर अनुमानित लागत 1253.52 लाख निर्धारित की गयी है. वहीं नगर निगम क्षेत्र में स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज सिस्टम का विकास किया जायेगा. पूर्व में नगर निगम में बुडको द्वारा कुछ वार्डों में नाला एवं दो पंप हाउस का निर्माण किया गया है. लेकिन शहरी क्षेत्र से पानी निकासी के लिए यह अपर्याप्त है. जिसके कारण बरसात के लिए दिनों में जल जमाव की समस्या रहती है. साथ ही अन्य समय में भी पानी निकासी नहीं होने के कारण कहीं-कहीं पर समस्या रहती है. जिसके कारण आमजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि नगर निगम के तहत ड्रेनेज सिस्टम को सुव्यवस्थित एवं सुदृढ़ीकरण से आम जनों को जल जमाव की समस्या से निजात मिलेगी. इसको लेकर सचिव नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा बुडको को डीपीआर अविलंब समर्पित करने का निर्देश दिया गया है. मां उग्रतारा धाम को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जायेगा. इससे श्रद्धालुओं को काफी लाभ मिलेगा. उग्रतारा मंदिर जिला का एक प्रसिद्ध पुरातत्व प्राचीन मंदिर में से एक है. जो महिषी प्रखंड के महिषी ग्राम में स्थित है. मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व में भ्रमण के दौरान उग्रतारा संस्कृत महोत्सव की घोषणा की गयी थी. प्रत्येक वर्ष यहां कला संस्कृति एवं युवा विभाग व जिला प्रशासन के संयोजन से महोत्सव का आयोजन होता है. इस मंदिर को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किए जाने की आवश्यकता है. श्री उग्रतारा धाम क्षेत्र को पर्यटन केंद्र रूप में विकसित करने पर देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा होगी. साथ ही आसपास के क्षेत्र का विकास भी होगा. जिससे इस क्षेत्र का चौमुखी विकास होगा एवं यहां के आसपास के लोगों को रोजगार सृजन का लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि मां उग्रतारा मस्जिद के परिक्षेत्र को पर्यटन की दृष्टिकोण से विकसित करने के लिए 14 करोड़ 98 लाख 33 हजार की प्रशासनिक स्वीकृति मिल गयी है एवं वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रथम किस्त के रूप में तीन करोड़ 74 लाख 58 हजार 250 रूपये के निकासी एवं व्यय की स्वीकृति दी गयी है. योजना के तहत प्रवेश द्वार चाहरदीवारी, पार्किंग, दुकान, यात्री निवास का निर्माण, नैनोबबल ट्रीटमेंट प्लांट का अधिष्ठापन व संचालन, मुख्य मंदिर की फ्लोरिंग, लैंडस्कैपिंग एवं अन्य संबंधित कार्य किया जाना प्रस्तावित है. इस योजना की कार्यकारी एजेंसी बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम होगा. इस योजना को आगामी 24 माह में पूर्ण कर लिया जाना है. वहीं उन्होंने बताया कि जिला मुख्यालय में प्रमंडल स्तरीय खेल परिसर का विकास किया जायेगा. इससे खेलों को बढ़ावा मिलेगा. इसके लिए प्रशासनिक स्वीकृति मिल गयी है. अनुमानित लागत 58 करोड़ 22 लख रुपये है. स्वीकृति आदेश दे दिया गया है. वहीं शहर में बंगाली बाजार रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण किया जायेगा. रेल ओवरब्रिज की मांग आम जनता का वर्षों से रहा है. शहर के बीचों-बीच रेलवे लाइन रहने के कारण शहर दो भागों में विभक्त है. शहर में एक भी ओवरब्रिज नहीं रहने के कारण अक्सर जाम की समस्या रहती है. जिस कारण आमजनों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. इसके निर्माण से लोगों को काफी सुविधा होगी एवं जाम की समस्या से मुक्ति मिलेगी. उन्होंने बताया कि ओवरब्रिज निर्माण को लेकर निविदा खोलने की तिथि 25 मार्च निर्धारित की गयी है. जिसको लेकर रेलवे से अनुमोदित किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि सत्तरकटैया प्रखंड के ओकाही गांव से चैनपुर होते कोपरिया तक वाटर चैनल की उड़ाही की जायेगी. जिले के सत्तरकटैया प्रखंड के ओकाही ग्राम से मुरली बसंतपुर, महिडगरा घाट, बनगांव, चैनपुर होते कोपरिया तक वाटर चैनल उड़ाही प्रस्तावित है. इस वाटर चैनल की उड़ाही नहीं होने से वॉटर लॉगिंग रहती है. जिससे इस इलाके के आम जनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस कार्य के संपन्न होने से जल जमाव की समस्या खत्म हो जायेगी. उन्होंने बताया कि उच्च स्तरीय दल द्वारा पांच फरवरी को स्थल निरीक्षण किया गया है. स्थल निरीक्षण के बाद दल द्वारा विभाग को समर्पित प्रतिवेदन के आधार पर निर्णय लिया जायेगा. जिले के बनमा ईटहरी एवं सत्तरकटैया प्रखंड में प्रखंड सह अंचल कार्यालय भवन का निर्माण किया जायेगा. यह प्रक्रियाधीन है. वहीं उन्होंने शहर में वर्तमान हवाई अड्डे पर छोटे विमान के संचालन के लिए उड़ान योजना में से शामिल करने की बात कही. इसके लिए विमानपत्तन प्राधिकरण से संबंधित भूमि सलाहकार के नेतृत्व में उच्च स्तरीय दल द्वारा हवाई अड्डा का निरीक्षण किया गया है. उच्च स्तरीय दल द्वारा समर्पित प्रतिवेदन के आधार पर शीघ्र निर्णय लिया जायेगा. मौके पर अपर समाहर्ता संजीव कुमार चौधरी, अनुमंडल पदाधिकारी प्रदीप कुमार झा, उप निदेशक जनसंपर्क आलोक कुमार, जिला पंचायती राज पदाधिकारी संजीव कुमार मौजूद थे. फोटो – सहरसा 01 – जानकारी देते डीएम व अन्य.
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