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ठंढ़ ने एक बार फिर बदले अपने तेवर, दिन भर रहा कुहासे का साम्राज्य

अधिकतम तापमान 20 डिग्री से 25 डिग्री के बीच रहने का अनुमान जताया है.

सड़कों पर वाहनों की रफ्तार पर लगा ब्रेक सहरसा मौसम ने एक बार फिर करवट बदलते लोगों को यह जता दिया कि अभी वह जारी है. मंगलवार को एकाएक तापमान में काफी कमी आने से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. दिनभर कोहरे के छाये रहने से जहां यातायात प्रभावित हुआ. वहीं लोग घरों में दुबकने पर मजबूर हुए. जबकि सोमवार को मौसम सामान्य रहने के बाद शाम ढ़़लते ही ठंढ़ ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया था. इधर मुख्यमंत्री के गुरुवार को जिले के विभिन्न स्थानों सहित जिला मुख्यालय में कार्यक्रम को लेकर अंतिम तैयारी चल रही है. जिसमें भी बढ़ते ठंढ ने खलल डाल दिया. हालांकि इसके बावजूद भी तैयारी अपने परवान पर है. इधर मौसम विभाग ने आगामी पांच दिनों के लिए जारी मध्यम अवधि के पूर्वानुमान के अनुसार अधिकतम तापमान 20 डिग्री से 25 डिग्री के बीच रहने का अनुमान जताया है. जबकि न्यूनतम तापमान 12 डिग्री से 14 डिग्री के बीच रहने का अनुमान जताया है. अगवानपुर कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम विभाग के तकनीकी पदाधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि सुबह के समय सापेक्षिक आर्द्रता 90 से 95 प्रतिशत के बीच एवं अपराह्न सापेक्षिक आर्द्रता 70 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है. सतही हवा की गति तीन किलोमीटर प्रति घंटा से नौ किलोमीटर प्रति घंटा अधिकतर पश्चिम से उत्तरी पश्चिमी दिशा में चलने की उम्मीद जतायी है. इस दौरान मौसम शुष्क रहेगा. आने वाले दिनों में मौसम शुष्क रहेगा लेकिन ज्यादातर हल्की से घना कोहरा होने की संभावना बनी हुई है. वहीं उन्होंने बताया कि सोमवार को न्यूनतम तापमान 11 डिग्री एवं अधिकतम तापमान 19 डिग्री रहा. किसानों के लिए सामान्य सलाह फसलों को ठंड से बचाने के लिए शाम के समय हल्की एवं बारंबार स्प्रींकलर सिचाई करने की सलाह दी है. किसान स्वयं सर्दियों से बचाने के लिए पर्याप्त कपड़े पहने. हमेशा अपने सर को टोपी, मफलर या गमछा से ढ़ंक कर रखे. आने वाले दिनों में मौसम शुष्क रहेगा. तापमान में धीरे-धीरे गिरावट होने से ठंढ़ का प्रकोप बढ रहा है. किसान तड़के सुबह एवं देर शाम में अपने खेतों में कार्य करते है तो गर्म कपड़े जरुर पहने. प्रयास करके अपने सिर को गर्म कपड़ो से जरूर ढंके. संभव हो सके तो ज्यादातर कार्य धूप निकलने के बाद करें. मौसम को देखते हुए फसलों पर जरूरत के अनुसार रासायनिक छिड़काव कर सकते हैं. बदलते मौसम में पशुओं का विशेष ध्यान रखे. पशु व पशुशाला को साफ सुथरा रखे. पशुओं को हमेशा स्वच्छ एवं ताजा पानी दिन में कई बार पिलायें. पशुओं को धुप निकलने के बाद ही पशुशाला से बाहर निकाले. शाम को धूप ढलने से पहले पशुशाला के अंदर बांध दें. फसल के लिए दी सलाह गेहूं की फसल में खर पतवारों के नियंत्रण के लिए खरपतवार नाशक सल्फोसल्फ्यूरान को 33 ग्राम या चौड़ी पत्ती के घास के लिए मेटसल्फ्यूरान मिथाईल का 20 ग्राम प्रति हेक्टयर की दर से बुआई के 30 से 35 दिन के बाद प्रयोग करे. गेहूं की पत्ती ठंढ़ के कारण पीला पड़ने लगे तो ऐसी स्थिति में नत्रजन 30 किलोग्राम प्रति हेक्टयर की दर से हल्की सिचाई कर छिड़काव करें. मक्का की फसल को ठंढ़ से बचाव के लिए सिंचाई की व्यवस्था करें. 35 से 40 दिन के मक्का में खरपतवार नियंत्रण के लिए टेम्बोट्रियोन 42 प्रतिशत एससी का 115 मिली लीटर प्ऋति एकड के हिसाब से प्रयोग करें. सिंचाई के समय प्रथम उप परिवेशन के लिए 30 किलोग्राम नत्रजन का प्रयोग करें. सरसों की खेत में माहू का प्रकोप होने पर इमिडाक्लोरप्रिड कीटनाशी का एक मिली लीटर प्रति तीन लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें. मसूर की फसल में जड़ सड़न व सूखने की बीमारी से बचाव के लिए कार्बेन्डाजिम, मंकोज़ेब 200 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिडकाव करें. आलू की फसल में पछेती झुलसा रोग का प्रकोप होने पर मेटलैक्जिल, मैंकोजेब का एक ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें.

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