जल-जमाव व कीचड़ से बाजार व चौक-चौराहे की स्थिति नारकीय
पंचायत में करोड़ोंं खर्च के बाद भी स्थिति बद से बद्तर, सात निश्चय योजना से बनी किसी नाली में नहीं बह रहा है पानी जांच होने से योजनाओं की खुलेगी पोल
पंचायत में करोड़ोंं खर्च के बाद भी स्थिति बद से बद्तर, सात निश्चय योजना से बनी किसी नाली में नहीं बह रहा है पानी जांच होने से योजनाओं की खुलेगी पोल सौरबाजार . लगातार हो रही बारिश से बाजारों व चौक-चौराहे पर जलजमाव व कीचड़ की समस्या से लोग पूरी तरह परेशान हैं. बाजारों में शायद ही कोई ऐसा सड़क हो जहां जलजमाव व कीचड़ नहीं हो. नगर एवं पंचायत के विकास के नाम पर सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष खर्च हो रहे लाखों करोड़ों रुपए से क्या विकास हुआ यह साफ झलक रहा है. नगर निगम के बैजनाथपुर चौक की स्थिति वर्तमान में यह है कि दुकानदारों को अपने दुकान तक पहुंचने में भारी फजीहत झेलनी पड़ती है. ग्राहक तो सिर्फ ज्यादा जरुरत रहने पर ही मजबूरी में चौक पर जाते हैं. बीच चौराहे पर बना अंडर पास पुल के नीचे जमा कचरा से आ रही बदबू व सभी चारों दिशाओं में निकलने वाली रोड पर जमा कीचड़ व पानी हर आने जाने वाले राहगीरों के लिए मुश्किल खड़ा कर रहा है. यही स्थिति पंचायत से नगर पंचायत बनने के बाद सौरबाजार की है. यहां समुदायिक अस्पताल के मुख्य द्वार पर जमा गंदा पानी से होकर मरीजों एवं उनके परिजनों को गुजरना पड़ता है. सौरबाजार प्रखंड के सभी पंचायतों का भी कमोबेश यही स्थिति है. लाखों करोड़ों खर्च कर बनाया गया नाली व पक्की सड़क कहीं दिखाई नहीं दे रहा है. आखिर यह करोड़ो रुपए कहां खर्च किए गये व उनसे लोगों को क्या लाभ हुआ यह बड़ा सवाल है. पंचायत के विकास के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही महत्मवपूर्ण योजना मनरेगा, पंचम वित, षष्ठम वित, चौदहवीं, पन्द्रहवीं व सात निश्चय योजना चलाने के लिए कार्य एजेंसी, जनप्रतिनिधियों तथा पदाधिकारियों द्वारा उन जगहों का चयन किया गया जहां उसे अधिक लाभ हो सके. लोगों को कितना लाभ मिलेगा इस बात का ध्यान नहीं रखा गया. जिसका परिणाम है कि वर्षात आते ही लोगों को कीचड़ व जलजमाव की समस्या शुरू हो जाती है. सौरबाजार प्रखंड में सात निश्चय योजना से बनाई गयी नाली की जांच की जाय तो किसी पंचायत में कोई नाली ऐसा नहीं है जिसमें पानी बह रहा हो. अधिकांश नाली तो टूटकर मलबा में तब्दील हो गया है. वहीं स्थिति सात निश्चय योजना से बनाई गयी अधिकांश सड़कों की है. पंचायत एवं नगर के लोगों का मानना है कि जब पंचायत के जनप्रतिनिधि जिसपर जनता विश्वास कर उन्हें अपने गांव व पंचायत के विकास की जिम्मेदारी दी. जब वही पदाधिकारियों से मिलकर अपनी जेब भरने में लगे जाए तो पंचायत का विकास कैसे होगा यह सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.जलजमाव एवं कीचड़ से परेशान लोगों ने जिला के वरीय पदाधिकारी को ऐसे जगह को चिह्नित कर इस समस्या से निजात दिलाने की मांग किया है.
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