Loading election data...

मॉनसून की हुई पहली बारिश ने लोगों को तरसाया

मॉनसून की हुई पहली बारिश ने लोगों को तरसाया

By Prabhat Khabar News Desk | June 20, 2024 7:06 PM

अल्प बारिश से किसानों को नहीं मिला कुछ लाभ, दिन चढ़ते ही गर्मी से फिर लोग हुए परेशान सहरसा . मॉनसून आगमन को लेकर मौसम पूर्वानुमान में मौसम विभाग ने गुरुवार तक जिले में मॉनसून प्रवेश की संभावना जतायी थी. पूर्वानुमान के अनुसार गुरुवार की अहले सुबह हल्की बारिश हुई. जिससे थोडी देर के लिए मौसम एक बार सुहाना हुआ. लेकिन ज्यों-ज्यों दिन चढ़ता गया, तापमान में वृद्धि होती रही. गर्मी से लोगों को निजात नहीं मिली. ना ही किसानों को ही इस बारिश से कोई लाभ मिला. हालांकि तपती जमीन को थोडी ठंढक अवश्य पहुंची. इस मॉनसून की बारिश से लोग ठगा महसूस कर रहे हैं. वहीं किसानों की परेशानी बनी हुई है. उन्होंने अब तक धान के बीज तक खेतों में नहीं डाली हैं. उन्हें मॉनसून की पहली बारिश का अब भी इंतजार बना हुआ है. किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं. कब आसमान में बदरा छाये एवं जमकर बारिश हो कि वे अपनी घान के बीज खेतों में डाल सकें. बीज को लेकर किसानों के खेत तैयार हैं. बस मध्यम बारिश का इंतजार है. जिससे उनके अरमान को पंख लगे. इधर मॉनसून भी शायद रूठी है. मॉनसून के प्रवेश स्थल किशनगंज एवं पूर्णियां जिले में अच्छी बारिश हुई है. जबकि कोसी क्षेत्र में अब भी किसानों को बारिश का इंतजार है. वहीं आम लोगों को तपती धूप से रक्षा के लिए भी बारिश का इंतजार है. जिससे लोगों को राहत मिल सके. गुरुवार की सुबह मात्र छह एमएम बारिश रिकॉर्ड किया गया. सिर्फ कहने मात्र के लिए बारिश हुई है. गर्मी से अब भी जनजीवन प्रभावित है. मॉनसून की बेरुखी से किसानों को परेशानी शहरी लोग तो गर्मी से झुलस ही रहे हैं. साथ ही उन्हें एसी या कूलर से काफी हद तक राहत है. लेकिन असल दिक्कत गांव के किसानों के लिए है. धान के बीज डालने का समय आ चुका है. वैसे तो रोहण नक्षत्र का लोगों ने इंतजार किया. लेकिन बरसात न होने की वजह से किसान रुक गये हैं. रोहण के बाद आठ दिन तक आठक में वैसे भी खेती नहीं होती है. लेकिन ये भी अब खत्म हो गया है. किसानों के लिए दिक्कत यह है कि खेत में पानी डालते ही सूख जा रहा है. ऐसे में आसमानी बारिश का आना बेहद जरूरी है. लेकिन मॉनसून इस वर्ष धोखा दे रहा है. मॉनसून आने की संभावना 20 जून को व्यक्त की गयी थी. लेकिन मॉनसून की पहली बारिश इतनी कम हुई कि जमीन की कौन कहे सडक भी पूरी तरह भींग नहीं सकी. पानी का कहीं निशान एक घंटे बाद नजर नहीं आया. इस दौरान मात्र छह एमएम ही बारिश रिकॉर्ड किया गया. जो खेती के लिए कहीं से उपयुक्त नहीं रहा. अब भी किसान खेतों में बीज डालने के लिए आसमान की ओर टकटकी लगाये हैं. मॉनसून की बेरुखी से सबसे अधिक प्रभावित किसान हो रहे हैं. अगवानपुर कृषि विज्ञान केंद्र के तकनीकी पदाधिकारी जितेंद्र कुमार ने कहा कि मौसम विभाग ने मॉनसून की पहली बारिश गुरुवार की सुबह हल्दी हुई है. आगे मध्यम से तेज बारिश के आसार बने हुए हैं. जल्द ही झमाझम बारिश होगी. उन्होंने किसानों से खेत में बीज डालने की तैयारी करने की बात कही.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version