करोड़ों की लागत से बना सदर अस्पताल का आईसीयू उद्घाटन के बाद से है बंद
करोड़ों की लागत से बना सदर अस्पताल का आईसीयू उद्घाटन के बाद से है बंद
मरीजों को नहीं मिल रहा लाभ, चिकित्सा उपकरण खा रहे हैं जंग सहरसा. सदर अस्पताल में स्वास्थ्य ढांचे की बदहाली का नमूना करोड़ों की लागत से बने सदर अस्पताल के आईसीयू में देखने को मिल रहा है. करीब 1 करोड़ 84 लाख की लागत से बना 10 बेड का अत्याधुनिक आईसीयू उद्घाटन के बाद से ही बंद पड़ा हुआ है. आईसीयू का उद्घाटन 6 सितंबर 2024 को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया था. माॅडल अस्पताल में आईसीयू रहने के बाद करोड़ों की लागत से पुराने ओपीडी भवन में आईसीयू बनाया गया. उद्घाटन के लगभग चार महीने बीत जाने के बाद भी इस आईसीयू का उपयोग गंभीर मरीजों के इलाज के लिए नहीं हो रहा है, अंदर रखी अत्याधुनिक चिकित्सा मशीन धूल फांक रही हैं, आईसीयू के दरवाजे पर ताला लटका है. इसे मरीजों के लिए अब तक चालू नहीं किया गया है. अस्पताल प्रशासन की लापरवाही की वजह से यह आईसीयू केवल एक शोपीस बनकर रह गया है. आईसीयू को विशेष रूप से गंभीर व बीमार मरीजों को बेहतर इलाज देने के उद्देश्य से तैयार किया गया था. यहां आधुनिक मॉनिटरिंग सिस्टम, वेंटिलेटर व अन्य जरूरी उपकरण उपलब्ध है. लेकिन इन सुविधाओं का लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा है. आईसीयू में रखा आधुनिक मशीन जंग खा रहा है. आईसीयू के अंदर गंदगी फैली हुई है. फर्श पर धूल जमा है व मशीनों पर मकड़ी के जाले लगे हैं. वहां न तो कोई मरीज है और न ही कोई स्टाफ. वरदान साबित हो सकता है आईसीयू जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं की पहले से ही कमी है., वहां यह आईसीयू मरीजों के लिए जीवनदान साबित हो सकता था. खासकर गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों के लिए यह एक बड़ी राहत होती. लेकिन प्रशासन की उदासीनता के कारण करोड़ों की लागत से बना आईसीयू धूल खा रहा है. आईसीयू बना है, लेकिन आदमी की कमी है, टेक्निकल स्टाफ नहीं है. इसके लिए विभाग को लिखा गया है. डॉ एसपी विश्वास, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल
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