जिले के बाजार में सजने लगे है फलों का राजा प्रतिनिधि, सिमरी बख्तियारपुर जिले में फलों के राजा आम ने दस्तक दे दी है. शहर के फल मंडी से लेकर, लोकल फलों की दुकान और ठेला-साइकिल पर लादे कई लोग चौक-चौराहों पर बिक्री और खरीदारी करते देखे जा सकते है. हालांकि, अभी आम चुनिंदा घरों तक ही पहुंच पा रहा है, क्योंकि इनकी चार-पांच किस्में ही बाजार में उपलब्ध है, वो भी काफी महंगी, फिलहाल फल मंडियों में ज्यादातर दक्षिण भारत और बंगाल से आम मंगाये गये हैं. नहीं मिल रहा असली स्वाद सहरसा जिले के फलों की दुकानों पर अब आम दिखाई देने लगे है. अधिक मुनाफा के चक्कर में कई कारोबारियों ने समय से पहले ही बाजार में आम व लीची उतार दिये है. हालांकि अभी लोगों को इनका असली स्वाद नहीं मिल पा रहा है. इन फलो के दाम ज्यादे होने की वजह से खरीददार अभी चुनिंदा लोग ही है. जिले के फल विक्रेताओं का कहना है कि कुछ दिन बाद आम व लीची मे स्वाद भी आयेगा, खरीदारी बढ़ेगी और दाम भी कम होंगे. जून मे आयेंगी ढेरो किस्में जिले के फल विक्रेताओ से मिली जानकारी के अनुसार मार्केट में फिलवक्त आम की चार-पांच किस्में ही उपलब्ध है. वैसे फल मंडी में कई किस्में आती हैं. प्रत्येक किस्म का एक अलग स्वाद, आकार और रंग होता है. अगले महीने से बंबइया से लेकर मालदह, जर्दालु, फाजली, गुलाब खास, आम्रपाली, सुंदरी, अलफान्सो, लंगड़ा, दशहरी, बादामी, चौसा, सीपिया तक की किस्में यहां के बाजार में उपलब्ध होती है. केमिकल से पका आम है हानिकारक चिकित्सक बताते है कि कृत्रिम रूप से पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड का उपयोग एफएसएसएआइ द्वारा प्रतिबंधित है. क्योंकि यह बहुत हानिकारक होता है. इसकी वजह से चक्कर आना, नींद न आना, पेट खराब होने जैसे कई लक्षण दिखाई देने लगते हैं. प्राकृतिक रूप से पके फल की बात अलग होती है. कार्बाइड यूज किया हुआ आम खाने से पेट दर्द, दस्त की शिकायत होती है, इसलिए इससे लोगों को परहेज करना चाहिए. जानकारों के अनुसार एक्सपर्ट का मानना है कि समय से पहले बाजार में उतरे आम एक तो खाने में कम मीठे होते है और स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक होते है.फिर भी आम व्यवसायी वर्ग अपनी आमदनी के लिए इन आमो को बेचते है.केमिकल से पके और पेड़ो में पके आमो में काफ़ी अंतर होता है.अभी हाल ही में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑडी इंडिया ने गाइडलाइन जारी कर सचेत किया.कैल्शियम कार्बाइड आमतौर पर आम जैसे फलो को पकाने के लिए उपयोग किया जाता है.यह एसिटिलीन गैस छोड़ता है.जो हानिकारक है. ऐसे करें पहचान आप जो आम खा रहे है वह प्राकृतिक है या केमिकल से पकाया गया है, इसकी पहचान काफी आसानी से की जा सकती है. आप सारे आमों को एक बाल्टी में डाल दे. अगर आम पूरी तरह से डूब जायें तो वे स्वाभाविक रूप से पके हुए होते हैं. अगर वे तैरते है, तो इसका मतलब यह है कि आमों को केमिकल से पकाया गया है. फोटो – सहरसा 03 – फल दुकानों पर सज गए आम.
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