जनसमस्याओं के समाधान को लेकर माकपा ने समाहरणालय पर किया प्रदर्शन, डीएम को सौंपा 24 सूत्री मांगपत्र सहरसा. भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी जिला कमेटी ने अपने राज्यव्यापी आह्वान पर गुरुवार को समाहरणालय पर विशाल प्रदर्शन किया. सुपर मार्केट कला भवन के पास 10 बजे दिन से ही जिले के चारों ओर से ऑटो, ट्रैक्टर, बस, ई-रिक्शा, रेलगाड़ी से हाथों में लाल झंडे के साथ कार्यकर्ताओं का पहुंचना शुरू हो गया था. लगभग एक बजे दिन में हजारों की संख्या में गाजे बाजे, झंडा बैनर से लैस प्रदर्शनकारी सुपर मार्केट से अपनी मांगें, भूमिहीनों को पांच डिसमिल जमीन देना होगा, बेदखली पर्चाधारियों को जमीन पर कब्जा दिलाना होगा, पर्चा की जमीन का जमाबंदी कायम कर लगान रसीद काटना होगा, स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर नहीं चलेगा, सहरसा को सूखाग्रस्त घोषित करना होगा, वृद्ध को तीन हजार पेंशन देना होगा, बढ़े आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में जोड़ना होगा, 94 लाख महागरीब परिवार को दो-दो लाख की आर्थिक सहायता देना होगा, रसोईया, आशा, ममता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित सभी संविदा कर्मी को स्थायीकरण के साथ 18 हजार मानदेय देना होगा, किसानों का कर्ज माफ करना होगा, एमएसपी की गारंटी करना होगा, बेरोजगारों को रोजगार या पांच हजार बेरोजगारी भत्ता देना होगा, सभी गरीब को राशन देना होगा, जमीन सर्वे में हो रही लूट पर रोक लगाओ का गगनचुंबी नारा लगाते शहर के विभिन्न मार्गों गांधी पथ, दहलान चौक, शंकर चौक, डीबी रोड, थाना चौक, वीर कुंवर सिंह चौक होते जिला समाहरणालय पहुंचे. जहां सभी की गयी. समाहरणालय पर ब्यास प्रसाद यादव की अध्यक्षता में प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते माकपा राज्य सचिव मंडल सदस्य बिनोद कुमार ने केंद्र एवं राज्य की गरीब जन विरोधी नीतियों पर जमकर निशाना साधते कहा कि केंद्र की मोदी सरकार संविधान एवं आरक्षण विरोधी है. लेटरल एंट्री के सहारे आमजन को सारे अधिकार से वंचित रखने की योजना थी. बिहार सरकार ने जाति गणना के आधार पर अनुसूचित जाति, जनजाति, अति पिछड़ा, पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का जो दायरा बढ़ाया, उसको संविधान के नौवीं अनुसूची में शामिल नहीं कर सभी को ठग रही है. पार्टी जिला सचिव रणधीर यादव ने कहा कि बिहार की सरकार बसेरा योजना के तहत भूमिहीनों को पांच डिसमिल जमीन देने, पर्चा की बेदखल जमीन पर दखल दिहानी दिलाने, 94 लाख महागरीब परिवार को दो दो लाख रुपए आर्थिक सहायता देने की बात करती है. लेकिन सरजमीन पर सब ढाक के तीन पात वाली कहानी साबित हो रही है. उन्होंने सरकार व जिला प्रशासन से जनहितैषी कामों को तुरंत पूरा करने की मांग करते कहा कि हमारी मांगें नहीं मानी गयी तो उग्र आंदोलन करेंगे. प्रदर्शन को किसान सभा जिलाध्यक्ष कृष्ण दयाल यादव, रामचंद्र महतो, गुरुदेव शर्मा, व्यास प्रसाद यादव , कुलानंद कुमार, रूपेश रंजन, हृदय नारायण यादव, शकील अहमद खां, दिलीप ठाकुर, डोमी पासवान, बद्रीनारायण मंडल, रुपेश रंजन, माखन साह, असफाक अंसारी, कारी मुखिया, उपेंद्र महतो, यशोधर मंडल, निर्बुद्धि सादा, बुधन मुखिया, दुखी शर्मा, नसीमुद्दीन, रामविलास पासवान, सुकनी देवी, पूजा कुमारी, रानी कुमारी, राधा देवी, चंद्रकला देवी, अनिता देवी, मुसहरनियां देवी, महेंद्र शर्मा, नसीम मिस्त्री, कैलाश स्वर्णकार, सूर्य नारायण पासवान, राजेंद्र कामत, पिंटू कामत, शिवशंकर शर्मा, दिनेश साह, मनोज शर्मा, प्रदीप साह, केशव कुमार, बलराम यादव, धनेश्वर सादा, पवन सादा नीलम देवी, उमेश राम, अमरजीत राम, वीरेंद्र कुमार, धनेश्वर सादा, सुख सागर शर्मा, मो अली ने संबोधित किया. सभा के अंंत में 24 सूत्री मांगों का स्मार पत्र जिलाधिकारी को समर्पित करते आवश्यक कार्रवाई करने मांग की.
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