सांसद ने केंद्रीय योजना से दिलायी थी स्वीकृति महिषी. मुख्यालय स्थित अति प्राचीन सिद्ध शक्तिपीठ उग्रतारा मंदिर परिसर के बाहर कैफेटेरिया भवन के समीप श्रद्धालुओं को शुद्ध पेयजल आपूर्ति की मंशा से केंद्रीय योजना मद से लगाया गया प्लांट उद्घाटन काल से हीं बंद पड़ा है. पूर्व सांसद चौधरी महबूब अली कैसर की अनुशंसा पर लोक सभा निर्वाचन से पूर्व उग्रतारा मंदिर व कात्यायनी मंदिर में मिनरल वाटर प्लांट लगाने के लिए संविदा के माध्यम से कार्य कराने का जिम्मा नुमालीगढ रिफाइनरी लिमिटेड को आवंटित हुआ. प्लांट तैयार कर एक्वा गार्ड की मशीनरी भी लगायी गयी व आनन फानन में सांसद व सिमरी विधायक युसुफ सलाहउद्दीन को बुला उद्घाटन कराया गया. उद्घाटन काल में तत्काल मोटर से टंकी में पानी भर प्लांट चालू होने की बात बता स्थानीय लोगों को गुमराह कर निर्माण एजेंसी पलायन कर आवंटित राशि का उठाव भी कर लिया. आज तक इस प्लांट से पेयजल की आपूर्ति नहीं हुई व प्लांट के दरवाज़े पर ताला झूल रहा. ना तो मंदिर न्यास और ना हीं अधिकारियों ने इसकी सुधि ली. ग्रामीणों का कहना है कि आचार्य किशोर कुणाल उग्रतारा मंदिर में विकास कार्यों की निगरानी व कुशल प्रबंधन की मंशा से जिलाधिकारी को मंदिर न्यास का स्थायी अध्यक्ष मनोनीत किया था. तत्कालीन जिलाधिकारी से वर्तमान तक किसी ने भी उग्रतारा मंदिर प्रबंधन पर आज तक सुधि नहीं ली. प्रशासन में बैठे लोग वर्ष में एक बार उग्रतारा सांस्कृतिक महोत्सव के लिए सरकार से आवंटित राशि को मनमाने ढंग से खर्च कर अपनी जबावदेही पूरी कर लेते. मंदिर में व्याप्त कुव्यवस्थाओं पर इनकी कोई नजर नहीं होती. ग्रामीणों से जिलाधिकारी से नवरात्रा से पूर्व पेयजल आपूर्ति प्लांट को चालू करवाने की मांग की है.
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