Loading election data...

मरीज का इलाज होता है भगवान भरोसे

सलखुआ अस्पताल में चिकित्सक की कमी से मरीज रहते हैं परेशानएक चिकित्सक हैं पदस्थापित

By Prabhat Khabar News Desk | July 17, 2024 6:37 PM

सलखुआ अस्पताल में चिकित्सक की कमी से मरीज रहते हैं परेशानएक चिकित्सक हैं पदस्थापित, आयुष पर चलता अस्पताल प्रतिनिधि, सलखुआ एक तरफ सरकार अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था का दावा करती है. जबकि सरजमीं पर हालत सिफर है. अस्पताल में सारी व्यवस्था ऑन लाइन कर दी गयी है. लेकिन चिकित्सकों एवं अन्य स्टॉफ की भारी कमी है. सुविधाएं नहीं होने के कारण मरीजों को परेशान होना पड़ता है. यहां तक की बीपी के मरीज को खड़े खड़े चेक किया जाता है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है बदहाल स्वास्थ्य केंद्र को सलखुआ को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा तो दिया गया. लेकिन जो सुविधाएं होनी चाहिए, वह अभी तक उपलब्ध नहीं करायी गयी. जिससे अस्पताल अव्यवस्था के दौर से गुजर रहा है. सलखुआ में चिकित्सक की घोर कमी है. सीएससी में मात्र एक चिकित्सक पदास्थित हैं. वह भी सप्ताह में दो दिन उपलब्ध रहते हैं. जिससे मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ता है. यह अस्पताल प्रशिक्षण में आये आयुष पर निर्भर है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी भी प्रभार में हैं. वह भी यदा कदा कार्यालय काम से आते हैं. लोगों ने की व्यवस्था सुधारने की मांग स्थानीय लोगों, मरीजों एवं उनके परिजनों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था सुधारने की मांग उठाई है. कहा कि यहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की पदस्थाना के साथ ही संसाधन मुहैया कराया जाने चाहिए. जिससे लोगो का इलाज हो सके. यहां तो मरहम पट्टी भी समुचित नही हो पाता है. थोड़ी सी परेशानी देख रेफर कर दिया जाता है. माताओं का प्रसव भी भगवान भरोसे होता है. महिला चिकित्सक तो हैं, लेकन वह भी मात्र सप्ताह में दो दिन ही मिल पाती हैं. जबकि मरीजों की संख्या काफी अधिक है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version