एक ही काम का चार बार प्राक्कलन व तीन बार मिल गयी स्वीकृति
एक ही काम का चार बार प्राक्कलन व तीन बार मिल गयी स्वीकृति
आरसीडी के कार्यालय भवन व चाहरदीवारी का मामला, आधी राशि का हो चुका भुगतान, अब फिर से तैयार हुआ प्राक्कलन, 98 लाख से मुख्यमंत्री के आगमन के समय शुरू हुआ था काम विनय कुमार मिश्र, सहरसा आरसीडी अपने कामों व कारनामों के लिए हमेशा सुर्खियों में रहता है. अब एक नया मामला सामने आया है. मुख्यमंत्री के पिछले साल समाधान यात्रा के दौरान कराये गये काम का चौथी बार प्राक्कलन तैयार किया गया है. जबकि यह काम उनकी यात्रा के समय ही पूरा हो गया था. विभागीय जानकारी के मुताबिक पिछले वर्ष दो फरवरी को मुख्यमंत्री समाधान यात्रा के क्रम में सहरसा आये थे. जिस दौरान अधिकांश विभागों द्वारा अपने कार्यालय को चकाचक किया गया था. इसी क्रम में आरसीडी द्वारा भी अपने कार्यालय को नया लुक दिया जा रहा था. आरसीडी द्वारा अपने कार्यालय को चकाचक करने के लिए काम शुरु करा दिया गया. काम पूरा हो गया द लगभग पचास लाख का भुगतान भी हो गया. विभागीय सूत्रों का कहना है कि पूरे हो चुके काम को लेकर तीन बार पूर्व में प्राक्कलन तैयार हुआ. अब चौथी बार इसका प्राक्कलन तैयार किया जा रहा है. जबकि यह मामला सात अगस्त को अपर मुख्य सचिव पथ निर्माण विभाग की बैठक में भी उठ चुका है. जहां उन्होंने पूरे मामले में जिला के अधिकारियों की जमकर क्लास लगायी थी. बावजूद उसके नये सिरे से विभागीय अधिकारी प्राक्कलन तैयार करने में जुटे हैं. जब इस संबंध में बात करने का प्रयास किया गया तो अधिकारियों ने गोल मटोल जवाब दिया. दूसरी तरफ विभाग के वरीय अधिकारी पूरे मामले की जानकारी के बाद कार्रवाई में जुट गये हैं. हालांकि इस मामले में स्थिति साफ नहीं हो पायी है कि पूरे हुए काम को लेकर फिर से प्राक्कलन क्यों तैयार किया जा रहा है. मुख्यमंत्री के आगमन को देखते मौखिक आदेश पर फिर हुआ काम दिवारी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आने की संभावना के मद्देनजर बड़े पैमाने पर मौखिक आदेश पर ही काम हुआ है. कई विभागों द्वारा मौखिक निर्देश देते काम करा लिया गया है. हालांकि कई विभाग के अधिकारी का कहना है कि पुराने संवेदक से पूर्व में इस तरह का काम लिया जाता है व बाद में काम का आकलन कर भुगतान किया जाता है. इस बाबत कार्यपालक अभियंता आरसीडी भरत लाल ने कहा कि आरसीडी के कार्यालय में कई काम बचा हुआ है. जिसको लेकर प्राक्कलन तैयार किया गया है. एमआर के तहत हुए काम का भुगतान कर दिया गया है. वहीं अधीक्षण अभियंता विजय कुमार ने मामले को लेकर कहा कि आरसीडी के सहरसा डिवीजन द्वारा प्राक्कलन तैयार कर भेजा गया है. पूरे मामले की जानकारी ली जा रही है. उसके बाद इस पर कार्रवाई की जायेगी.
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