जिले में भीषण गर्मी की मार फिर शुरू, तपती धूप की चपेट में आने से लोग हो रहे बेचैन
जिले में भीषण गर्मी की मार फिर शुरू, तपती धूप की चपेट में आने से लोग हो रहे बेचैन
सहरसा . पिछले लगभग पांच छह दिनों से जिला एक बार फिर से भीषण गर्मी की चपेट में है. प्रतिदिन तापमान में वृद्धि से आम जनमानस के आगे रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो रही है. खासकर दिहाड़ी मजदूरों को काम नहीं मिलने से परेशानी बढ़ने लगी है. साथ ही बिजली कटौती से लोग रतजगा करने को विवश हैं. शुक्रवार को अधिकतम तापमान लगभग 39 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है. पूरे जिले में भीषण हीट वेव का लहर फिर से जारी हो गया है. जानकारी देते क्षेत्रीय अनुसंधान संस्थान अगवानपुर के तकनीकी पदाधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग के संख्यात्मक मॉडल के विश्लेषण के अनुसार 11 जून तक तापमान में बढ़ोतरी होने की संभावना है. अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. मौसम के गतिविधियों में परिवर्तन को देखते हुए हीट वेव की स्थिति के परिणाम स्वरूप शारीरिक तनाव हो सकता है. जिसके परिणाम स्वरूप गंभीर बीमारी हो सकती है. हीट वेव के दौरान प्रभाव को कम करने एवं हीट स्ट्रोक के कारण होने वाली गंभीर बीमारी को रोकने के लिए धूप में विशेष रूप से दोपहर 12 बजे से तीन बजे के बीच बहार जाने से बचें. बाहर का तापमान अधिक होने पर श्रम साध्य गतिविधियों से बचें. अपने घर को ठंडा रखे. रात में परदे, शटर या सनशेड का प्रयोग करे एवं खिड़कियों को खोलें. जितनी बार संभव हो भले प्यास न लगी हो तो भी पानी पीते रहें. यात्रा के दौरान अपने साथ पानी जरूर रखें. हलके रंग के ढीले व झरझरा सूती कपड़े पहने. धूप में बाहर जाते समय सुरक्षात्मक चश्मे, छाता, टोपी, जूते या चप्पल का प्रयोग करें. पंखे, नम कपड़े का प्रयोग एवं बार बार ठंढे पानी से स्नान करें. शराब, चाय, कॉफी एवं कार्बोनेटेड शीतल पेय से बचें जो शरीर को निर्जलित करते हैं. पशुओं को छाया में रखे एवं उन्हें पीने के लिए भरपूर पानी दें. बेहोशी या बीमार महसूस करते है तो तुरंत चिकित्सक के पास जायें. ओआरएस, घर के बने पेय जैसे लस्सी, तोरानी, चावल का पानी, निंबू पानी एवं खाने का उपयोग करें. जो शरीर को फिर से हाईड्रेट करने में मदद कर है. उच्च प्रोटीन वाले भोजन से बचें एवं बासी भोजन न करें. वहीं किसान परिपक्व मूंग की फलियों को तुड़ाई करें. मक्का के दाने को धूप में सुखाकर सुरक्षित स्थान पर भंडारित करें. परती खेतों में गहरी जुताई करके खाली छोड़ दें. जिससे मिट्टी में छुपे कीट के प्यूपा, लार्वा एवं खरपतवार के बीज सूर्य की रोशनी पड़ने पर नष्ट हो सके. धान एवं खरीफ मक्का, सोयाबीन, मूंग, उरद व अरहर लगाने के लिए खेत को तैयार करें. फोटो – सहरसा 02- गर्मी में धूप से बचने का प्रयास करती छात्रा. फोटो – सहरसा 03- शंकर चौक मंदिर में लगे प्याउ से पानी पीते राहगीर.
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