नगर निगम में शामिल होने के बाद बैजनाथपुर की स्थिति नारकीय सौरबाजार नगर निगम में शामिल होने के बाद बैजनाथपुर की स्थिति नारकीय हो गयी है. चौक चौराहे और गलियों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है.कहीं कोई सफाई कर्मी नहीं दिखाई देता है. सरकार द्वारा जहां नगर को साफ सफाई रखने के नाम पर प्रतिमाह करोड़ो रूपए खर्च किया जा रहा है. लेकिन इसका कोई लाभ नगर के लोगों को नहीं मिल पा रहा है. बैजनाथपुर चौक के बीचोंबीच बन रहे फ्लाईओवर के नीचे गंदगी का अंबार लगा हुआ है. जिससे निकल रही बदबू से आने जाने वाले राहगीरों और दुकानदारों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लोगों को सांस लेने भी दिक्कतें आ रही है. सफाई के अतिरिक्त सड़क किनारे कहीं कोई स्ट्रीट लाइट भी नहीं लगा हुआ है. कहने के लिए तो नगर निगम है. लेकिन सुविधा गांव और कस्बा से भी बदतर है. जबकि पड़ोस का जिला सुपौल नगर निगम नहीं रहने के बावजूद भी वहां साफ-सफाई, रौशनी समेत अन्य सभी सुविधाएं लोगों को सही तरीके से मिल पा रही हैं. यहां बगल में स्थित सब्जी मंडी, मछली बाजार समेत चौक का पूरा कचरा यहां जमा किया जाता है, जिसे देखने वाला न तो कोई जनप्रतिनिधि है और न हीं कोई पदाधिकारी जिसके कारण स्थिति में कोई सुधार नहीं हो पा रहा है. यहां के लोगों का मानना है कि इससे बेहतर हर सुविधा तो हमलोगों को बैजनाथपुर जब पंचायत था. उस समय मिल रहा था, लेकिन जब से यह पंचायत नगर निगम में शामिल हुआ है. तब से सुविधा के नाम पर हमलोग सिर्फ ठगे जा रहे हैं. नगर निगम में शामिल होने के बाद सिर्फ यहां राजस्व बिजली पानी बिल समेत अन्य सुविधा के नाम पर खर्च में बढ़ोतरी हुई है. स्थानीय दुकानदारों और व्यवसायियों ने बैजनाथपुर चौक और आसपास के एरिया को साफ सफाई रखने के साथ साथ फ्लाईओवर ब्रिज के नीचे से कचरा हटवाने की मांग जिला के वरीय पदाधिकारी से की है.
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