ऐक्टू का मजदूर अधिकार सम्मेलन आयोजित सहरसा . डीबी रोड स्थित जिला परिषद प्रांगण में ऑल इंडिया सेंट्रल कौंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन द्वारा सोमवार को मजदूर अधिकार सम्मेलन आयोजित किया गया. कार्यक्रम में सहरसा, सुपौल, मधेपुरा के सभी संगठित व असंगठित क्षेत्र के मजदूर संगठनों ने भाग लिया. कार्यक्रम की अध्यक्षता असंगठित कामगार महासंघ राज्य सचिव सह ऐक्टू जिला सचिव मुकेश कुमार, ऐक्टू राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह जिला सचिव सुपौल अरविंद कुमार शर्मा, असंगठित कामगार महासंघ राज्य उपाध्यक्ष सह ऐक्टू जिला सचिव मधेपुरा रामचंद्र दास ने संयुक्त रूप से किया. सम्मेलन को संबोधित करते मुख्य वक्ता भाकपा माले के नव निर्वाचित विधान परिषद सदस्य सह ऑल इंडिया स्कीम वर्कर्स फेडरेशन महासचिव सह आशा कार्यकर्ता संघ राज्य अध्यक्ष शशि यादव ने कहा कि राजसत्ता सभी तरह के सार्वजनिक उद्योग धंधों का निजीकरण कर रही है. स्वयं सरकार बनाये गये श्रम कानून को न्यूनतम मजदूरी के मानक को लूटने के लिए कॉरपोरेट एवं नियोक्ता को आमंत्रित कर रहे हैं. इसका ताजा उदाहरण श्रम मंत्रालय की अधिसूचना है. इसमें इपीएफ फंड का जमा में देरी करने पर लगाया गया ब्याज दर में कटौती है. जो सीधे श्रमिकों के ऊपर सरकार द्वारा कॉर्पोरेट के फायदे के लिए आर्थिक हमला है. एनजीओ के आउटसोर्स माध्यम से सभी सरकारी व निजी कार्यों में कामगारों को न्यूनतम मजदूरी नहीं दिया जा रहा है. उनका शोषण किया जा रहा है एवं कामगारों को कॉर्पोरेट एवं नियोक्ता कंपनी का गुलाम बनाया जा रहा है. सभी प्रकार के लोकतांत्रिक एवं संवैधानिक अधिकार को छीना जा रहा है. उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार कंपनी राज के बदौलत स्वास्थ्य विभाग को चलाना चाह रही है. जिसका दंश एंबुलेंस कर्मी को झेलना पड़ रहा है. तीन महीने का वेतन बकाया है. महीनों से इपीएफ का पैसा मजदूरों के खाते में नहीं डाला जा रहा है. वहीं संविदा पर एनएचएम के सभी कर्मी व एएनएम फेस उपस्थिति केंद्र पर करना कहीं से न्यायोजित नहीं है. ये संविदाकर्मी का दमन है. वर्तमान सरकार शिक्षा में सुधार के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है. बल्कि शिक्षा एवं कर्मी को प्रताड़ित करने का कदम उठा रही है. इसी क्रम में शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति एवं शिक्षा विभाग में बाजारीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है. ऑनलाइन उपस्थिति में सरकार का सारा तंत्र विफल है. सबसे बड़ी बात यह है कि स्थानीय पदाधिकारी द्वारा शिक्षकों की मूलभूत समस्याओं में कोई दिलचस्पी नहीं ली जा रही है. उन्होंने वादा किया की सड़क पर चल रहे आंदोलन की आवाज आने वाले सत्र में सदन में गूंजेगी. सम्मेलन को भाकपा माले के कोसी जोन प्रभारी बैजनाथ यादव, भाकपा माले जिला सचिव ललन यादव, युवा नेता आरवाईए राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य कुंदन यादव, सुपौल जिला आशा कार्यकर्त्ता संघ जिलाध्यक्ष उषा सिंह, बिहार राज्य आंगनबाड़ी वर्कस यूनियन के जिला उपाध्यक्ष नुरून नेहार, आंगनबाड़ी वर्कस यूनियन के सुपौल जिलाध्यक्ष गुंजन, इंद्रभूषण कुमार, विनोद कुमार, संतोष राम, माधव सिंह, इंद्रभूषण पोद्दार, विनोद कुमार, अमरेंद्र कुमार सिंह, सांत्वना कुमारी, ललन झा, विनोद मल्लिक, सीताराम यादव, वकील यादव ने संबोधित किया. मौके पर सती देवी, वीणा देवी, भुलकुन देवी, काजल देवी, मंसुरिया देवी, अफसाना परवीन, साबो देवी, किरण देवी, बुलंती देवी, नईम आलम, रणधीर ठाकुर, सागर शर्मा, कमलकिशोर यादव सहित अन्य मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है