21 सौ दीपों से जगमगा उठा कार्यक्रम स्थल, लगे जय श्रीराम के नारे
21 सौ दीपों से जगमगा उठा कार्यक्रम स्थल, लगे जय श्रीराम के नारे
नौ दिवसीय राम थाना भक्तिमय माहौल हुआ संपन्न सिमरी बख्तियारपुर. नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत हाई स्कूल मैदान पर चल रहे नौ दिवसीय श्रीराम कथा का कार्यक्रम शुक्रवार की सुबह कलश विसर्जन के साथ भक्तिमय माहौल में संपन्न हो गया. इससे पूर्व कार्यक्रम स्थल पर हवन यज्ञ का आयोजन किया गया. हवन यज्ञ में काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया. जिसके बाद कलश शोभायात्रा की शुरुआत की गयी. यह शोभायात्रा नगर परिषद के विभिन्न इलाकों में भ्रमण करते हुए नगर के हाई स्कूल के समीप मुख्य पोखर में विसर्जित किया गया. वहीं गुरुवार रात कथा के अंतिम दिन पंडाल में कथा सुनने के लिए महिला व पुरुष श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. श्रीराम कथा के अंतिम दिन अयोध्या से आये बैजू शास्त्री ने रावण वध की कथा सुनाई. उन्होंने बताया कि श्रीलंका में पाप और पुण्य के बीच तथा धर्म और अधर्म के बीच युद्ध शुरू हो चुका था. रण में एक-एक कर रावण के सभी पुत्रों व भाइयों का नाश होने लगा. अंतत: जब सेना कम पड़ी तो रावण ने श्री राम प्रभु की सेना को नष्ट करने के लिए छह माह सोने वाले भाई कुंभकर्ण को असमय ही जगाया. यह प्रयास भी निरर्थक साबित हुआ और कुंभकर्ण भी वीरगति को प्राप्त हुआ. उन्होंने आगे का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि रावण ने फिर मेघनाद को युद्ध भूमि में भेजा. मेघनाथ के शक्तिबाण से लक्ष्मण बेहोश हो गए. उनका उपचार करने के लिए हनुमान विभीषण के कहने पर सुषेण वैद्य को भवन सहित उठा लाए.उन्होंने सूर्योदय से पहले हनुमान से संजीवनी लाने को कहा. इस पर हनुमान पूरा का पूरा पहाड़ ही उठा लाए. संजीवनी के उपचार से लक्ष्मण को होश आया. इसके बाद उन्होंने मेघनाद का वध कर दिया. आखिर में स्वयं रावण युद्ध भूमि में आया. राम का प्रताप देख वह आकाशमार्ग में पहुंच गया. जहां पहुंचकर प्रभु श्री राम ने ब्रह्मास्त्र का प्रयोग कर उसकी नाभि का अमृत सोख लिया और उसका वध कर दिया. रावण वध का प्रसंग सुनते ही भक्तजन भाव-विभोर हो उठे और पूरा आयोजन स्थल प्रभु श्री राम के जयकारों से गूंज उठा. इस दौरान अयोध्या में श्रीराम के आगमन पर कार्यक्रम स्थल पर दीपोत्सव का आयोजन किया गया. जिसमें 21 सौ दीप प्रज्वलित किये गए. दीप जलते ही दीपों की रोशनी से कार्यक्रम स्थल जगमगा उठा और लोगों ने जय श्री राम के नारे लगने लगे हैं. जिससे पूरा इलाका भक्ति में माहौल में बदल गया. कार्यक्रम के दौरान झांकी निकाली गई. जो आकर्षक का केंद्र बना रहा. इस मौके पर डॉ प्रमोद भगत, नमिता कुमारी, विजेंद्र भगत, नंदकिशोर पोद्दार, विपिन यादव, रतन भगत, राजकुमार पोद्दार, दीपक महंथ, रवि रंजन कुमार, प्रेम भगत, शंकर भगत, विनोद कुमार भगत, गोपाल जी सहित अन्य लोग मौजूद रहे.
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