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सांप व बिच्छू के डर के बीच बाढ़ पीड़ितों की कट रही रात

नीचे पानी और ऊपर धूप व बारिश से हताश और परेशान

नीचे पानी और ऊपर धूप व बारिश से हताश और परेशान

कोसी नदी के कहर के बाद बाढ़ से प्रभावित लोगों की जिंदगी पूरी तरह से बेपटरी

सिमरी बख्तियारपुर

विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत महिषी प्रखंड के गंडौल से लेकर घोंघेपुर तक सड़क किनारे बाढ पीड़ित नीचे पानी और ऊपर धूप व बारिश से हताश और परेशान हैं. कोसी नदी के कहर के बाद बाढ़ से प्रभावित लोगों की जिंदगी पूरी तरह से बेपटरी हो गयी है. हर ओर लबालब भरे पानी के बीच ऊंचे स्थान पर शरण लिए बाढ़ पीड़ित रात के समय में हल्की आवाज से भी सिहर उठते हैं. अंधेरे में रात गुजारने को विवश हजारों परिवारों के लिए बिजली के अभाव में पसरा अंधेरा खौफनाक बन गया है. इन्हें केवल इसी बात का भय सताता रहता है कि रात के अंधेरे में कोई विषैला सांप उनके परिवार के लोगों को क्षति न पहुंचा दे. प्रखंड में पिछले छह दिनों से बाढ़ का कहर जारी है. गांवों से लेकर सड़क पर रह रहे लोगों की रात बिजली के बिना गुजर रही है. रात के सन्नाटे में जानवरों की डरावनी आवाज व सांप तथा बिच्छू के खौफ के साये में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोग जी रहे हैं. उन्हें हर पल लगता है कि मौत उनके करीब है. शाम ढ़लने के बाद अंधेरे की शुरुआत के समय से ही ऊंचे स्थानों पर शरण लिए लोग सुबह होने का इंतजार करने लगते हैं. जिले के बाढ़ से प्रभावित इलाके में नदी की तेज धारा के कारण सैकड़ों विद्युत पोल उखड़ गये हैं. जिसके बाद अधिकांश इलाकों में बिजली की आपूर्ति पूर्ण रूप से बंद है. इस बीच बाढ़ से प्रभावित गांवों में ही हजारों परिवार के लोग अपने मकान की छत पर शरण लिए हुए हैं. लेकिन असली पीड़ा उन परिवारों के समक्ष है, जो बाढ़ आने के बाद अपने कच्चे घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थान की तलाश में तटबंध व सड़क की पटरियों पर पॉलीथीन शीट के नीचे रात गुजारने को विवश हैं.

भोजन की गाड़ी देख दौड़ पड़ते है बाढ़ पीड़ित

महिषी प्रखंड अंतर्गत गंडौल से लेकर घोंघेपुर तक सड़क किनारे रह रहे बाढ़ पीड़ित शाम मे अंधेरा होते ही भोजन की गाड़ी के इंतजार मे रहते हैं. चूंकि प्रशासन द्वारा संचालित हो रही कम्युनिटी किचन की संख्या कम रहने के कारण ये बाढ़ पीड़ित समाज सेवी संस्थाओं के द्वारा उपलब्ध कराये जाने वाले भोजन के इंतजार में रहते हैं. बुधवार शाम सात बजे के करीब जैसे ही एक गाड़ी पहुंची, बाढ़ पीड़ित समय ना गंवाते हुए सड़क के दोनों ओर बैठ गये. जिसके बाद सभी को खिचड़ी खिलायी गयी.

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बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत पैकेट बांट रहे हैं अधिकारी

सलखुआ

सलखुआ अंचल के कोसी तटबंध के अंदर आयी जल प्रलय से विस्थपित परिवारों के बीच प्रशासनिक व निजी संस्थानों की ओर से राहत वितरण कार्य शुरू है. ऊंचे स्थानों पर शरण लिए परिवारों के बीच प्रशासनिक स्तर पर पॉलीथिन शीट व सूखा तैयार भोजन पैकेट का वितरण जारी है. बुधवार एवं गुरुवार को एसडीएम अनीशा सिंह, अंचलाधिकारी पुष्पांजलि कुमारी, राजस्व कर्मचारी वरुण कुमार के साथ कोसी तटबंध के अंदर सोंथि, भिरखी, खजुरबन्नी में सूखा राहत पैकेट का वितरण किया है. अंचल प्रशासन बचाव करने को लेकर कैंप कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक विस्थापितों के लिए पॉलीथिन शीट के साथ सूखा तैयार पैकेट में ढाई किलो चूरा, एक किलो चना, 500 ग्राम चीनी व गुड़, एक माचिस, छह मोमबत्तियां एवं दो पैकेट ओआरएस पाउडर का पैक उपलब्ध कराना शुरू किया गया है. फूड पैकेट में पांच किलो चावल, एक किलो दाल, दो किलो आलू, आधा किलो नमक तथा छोटा पैकेट हल्दी का सीलबंद पैकेट विस्थापितों को उपलब्ध कराने की व्यवस्था जिले से की गयी है. विस्थापितों को आवागमन की सुविधा के लिए निजी नाव उपलब्ध करायी गयी है. बाढ़ के पानी में फंसे लोगों को एसडीआरएफ की टीम के सहयोग से ऊंचे स्थलों पर पहुंचाया जा रहा है. एसडीओ ने बताया कि राहत वितरण युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया है. इसके लिए अधिकारी व सुरक्षा बल की तैनाती की गयी है. वितरण कार्य की निगरानी सतत की जा रही है. किसी भी विस्थापित परिवार को राहत से वंचित नहीं रखा जायेगा. अंचल अधिकारी पुष्पांजलि ने बताया कि सम्हारखुर्द, अलानी, कबीरा, चानन में राहत शिविर चलाया जा रहा है. वहीं मंगलवार को साम्हरखुर्द के घोरमहा, ताजपुर, खजुरबन्ना आदि गांवों में सूखा राहत पहुंचाना जारी है.

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बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के पीड़ित परिवारों के बीच दी राहत सामग्री

सहरसा

आजाद युवा विचार मंच ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र पुनाच, बहरामपुर एवं पुनर्वास से आये तीन सौ से अधिक परिवारों के बीच राहत सामग्री का वितरण किया. मंच ने कोसी तटबंध के पश्चिमी भाग से आये बाढ़ पीड़ित परिवारों के बीच खाद्यान्न सामग्री चुड़ा, मूढ़ी, दालमूट, बिस्किट, मोमबत्ती, सलाई, पानी बोतल, दवाई एवं बच्चों के लिए टॉफी का वितरण किया. शैलेश कुमार झा के नेतृत्व में विकास भारती, राहुल बनगांव, रवि रोशन वत्स, घनश्याम चौधरी ने सुबह पांच बजे से प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर राहत वितरण का कार्य आरंभ कर दिया. स्थानीय लोगों को साथ लेकर प्रभावित हरेक परिवार में जाकर राहत सामग्री वितरण का कार्य किया. उन्होंने कहा कि मंच द्वारा यथासंभव प्रभावित क्षेत्रों में मदद जारी रहेगी.

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प्रखंड के आधे दर्जन भर सड़क बाढ़ के पानी की चपेट में

ई गांव में आवागमन बाधित, प्रशासन कर रही नाव की व्यवस्था

बनमा ईटहरी

बाढ़ से जहां एक तरफ जन-जीवन पूरी तरह प्रभावित है. वहीं प्रखंड क्षेत्र के दर्जन भर से अत्यधिक सड़क कहीं टूट गयी है, कहीं बड़े-बड़े रेनकट जैसे हालात हो गये हैं तो कहीं सड़कों पर बाढ़ का पानी बह रहा है. कई गांव का संपर्क मुख्य मार्ग से अवरुद्ध हो गया है. अंचल प्रशासन की तरफ से नाव की मुकम्मल व्यवस्था कुछ ही जगहों पर की गयी है. ग्रामीणों ने बताया कि सड़क निर्माण में संवेदक के द्वारा मिट्टी नहीं दिया गया. जीएसबी, पीचिंग अलकतरा में भी घपला किया गया. जिस कारण महज दो माह में ही प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री मद से बनी सड़कों की स्थिति दयनीय हो गयी है. बाढ़ जैसे आपदा में सड़क चंद मिनटों में जमीदोंज हो जा रहा है. जान जोखिम में डालकर स्थानीय ग्रामीण आवागमन को मजबूर है.

मुरली में आक्रोशित ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

गुरुवार को मुरली वार्ड संख्या 3 शर्मा टोला के दो दर्जन से अत्यधिक ग्रामीणों ने आवागमन बंद होने पर बाढ़ के पानी में खड़े होकर संवेदक के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. ग्रामीण जगलाल शर्मा, कपिलदेव शर्मा, जोगिंदर शर्मा, विजय शर्मा, सनोज शर्मा, अनोज शर्मा, ज्ञानी शर्मा, राजकुमार शर्मा, राम लखन, जगदीश, पान तांती, रामचंद्र शर्मा, प्रशासन यादव, मुन्ना यादव, सुभिलेश यादव, नवीन कुमार, अजय कुमार, मीरा देवी, रेशमा देवी, मीरा देवी, रेशमा देवी, कला देवी, अनिता देवी, बिमला देवी, सरोजिनी देवी समेत अन्य ने बताया कि सड़क निर्माण कार्य में जमकर अनियमितता बरती गयी है. जिस समय सड़क निर्माण कार्य हो रहा था, उस समय संवेदक को मिट्टी देने कहा गया, लेकिन बात अनसुनी कर दी. जिस कारण स्थिति यह है कि सड़क जर्जर होकर बाढ़ के पानी में जमीदोंज होने को तैयार है. पानी के तेज बहाव से कभी भी सड़क बह सकती है .सड़क पर बाढ़ का पानी आ गया. सैकड़ो लोगों का आवागमन बंद है. कमर भर पानी में जान जोखिम में डालकर मुख्य सड़क तक पहुंचते हैं. आक्रोशित ग्रामीणों ने अंचलाधिकारी को मोबाइल से रास्ता अवरुद्ध होने पर जानकारी दी. ग्रामीणों ने जिला अधिकारी से सड़क को बचाने के साथ-साथ नाव की मुकम्मल व्यवस्था करने की मांग की है.

2 करोड़ 42 लाख 51 हजार 668 रुपये से बनी थी सड़क

एनएच 107 से सटे सड़क के समीप लगे सूचना बोर्ड में योजना का नाम एनएच 107 से शर्मा टोला मुरली तक कार्य है. कुल प्राक्कलित राशि 2 करोड़ 42 लाख 51 हजार 268 रुपये की लागत से 5 अगस्त 2023 को कार्य प्रारंभ किया गया था. पथ की लंबाई 1.5 किलोमीटर है. साथ ही पांच साल तक रखरखाव के लिए 18 लाख 21 हजार 815 रुपये भी है व कार्य समाप्ति की तिथि 4 अगस्त 2024 निर्धारित की गयी थी. इसमें पांच पुलिया का भी निर्माण किया गया है. संवेदक कुंवर कंस्ट्रक्शन के द्वारा सड़क का निर्माण कार्य कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल सिमरी बख्तियारपुर की देखरेख में किया गया था. सड़क पूर्ण होने के एक माह बाद ही जगह-जगह टूट गयी है.

बनमा प्रखंड की ये सड़क है जर्जर

बताते चलें कि सोनवर्षा पीडब्ल्यूडी सड़क से सुगमा पंचायत भवन होते हुए प्राथमिक विद्यालय ठढ़िया तक जाने वाली सड़क मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना मद से करोड़ों रुपये की लागत से बनी सड़क जर्जर, राम पोखर से भेरहा जाने वाली सड़क कुल लंबाई 1.8 किलोमीटर व 1,42,23,237.28 रुपया की लागत से मां ज्वाला इंटरप्राइजेज तिवारी टोला सहरसा के द्वारा बनायी गयी थी, वह सड़क भी जर्जर हो गयी. घास तक उग आये हैं सुगमा चौक से अंबाडीह गांव होते हुए लालपुर गांव तक जाने वाली प्रधानमंत्री मद से बनी सड़क भी पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है. परसाहा गांव को राम पोखर भेरहा व खगडया जिला के सीमावर्ती क्षेत्र कैजरी के हजारों परिवार एप्रोच पथ नहीं बनने के कारण नाव पर सवार होकर प्रखंड कार्यालय व मुख्य बजार जाने को मजबूर है. भेरहा निवासी राजो सादा,मीरा देवी,दुलारी देवी ,रामदेव सादा ने बताया कि परसाहा नदी पर पुल तो बना दिया गया है. लेकिन महज सौ मीटर सड़क अभी तक नहीं बन पायी है. रसलपुर गांव से हसनपुर चौक होते रामपोखर तक अभी तक पूर्ण नहीं हो पायी है. लेकिन सड़क आधी से ज्यादा ध्वस्त हो चुकी है. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री मद से एनएच 107 से सहुरिया पंचायत के मनिया गांव को जोड़ने वाली16 जनवरी 2022 को पूर्ण की गयी सड़क दो वर्ष के अंदर ही जर्जर स्थिति में तब्दील हो गयी है. वहीं तेलियाहाट बाजार से महारस पंचायत के खुरेशान तक जाने वाली सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. जहां मरम्मति को लेकर ग्रामीणों द्वारा प्रदर्शन भी किया गया. इधर कार्यपालक अभियंता सिमरी बख्तियारपुर संग्राम हेंब्रम से संपर्क करना चाहा तो संपर्क नहीं हो पाया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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