आत्मबोध के बिना शांति नहीं व शांति के बिना नहीं मिल सकता सुखः स्नेहा बहन
आत्मबोध के बिना शांति नहीं व शांति के बिना नहीं मिल सकता सुखः स्नेहा बहन
विश्व शांति दिवस के रूप में मनायी गयी ब्रह्मा बाबा की 56वीं पुण्यतिथि सहरसा . प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के शांति अनुभूति भवन में शनिवार को संस्थान के साकार संस्थापक ब्रह्मा बाबा की 56वीं पुण्यतिथि विश्व शांति दिवस के रूप में मनायी गयी. कार्यक्रम को संबोधित करते सेवाकेंद्र प्रभारी स्नेहा बहन ने कहा कि वर्तमान समय यह संस्थान 140 देशों में 85 सौ से भी अधिक सेवाकेंद्रों द्वारा अनेक शांतिदूत बनाकर जीवन में शांति की सच्ची धारणा कराकर विश्व शांति का भागीरथ प्रयास कर रहा है. संस्थान द्वारा विश्व शांति स्थापना का कार्य कैसे चल रहा है इस विषय पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि गीता में कहा गया है कि आत्मबोध के बिना शांति नहीं हो सकती. शांति के बिना सुख नहीं मिल सकता. इतने समय से हम गीता का श्रवण व अध्ययन करते आये, लेकिन आत्मज्ञान व आत्मानुभूति से दूर ही रहे. स्वयं शांति के सागर, शांति के दाता निराकार परमपिता परमात्मा शिव ने शांति के मसीहा प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के तन में अवतरित होकर शांति के लिए प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की स्थापना कर विश्व शांति की आधारशिला रखी. जिसके द्वारा लाखों शांतिदूत भाई-बहन प्रतिदिन स्वयं के जीवन में व विश्व शांति के लिए मन वचन-कर्म से निरंतर योगदान दे रहे हैं. हम सबका यह सामूहिक भागीरथ प्रयास विश्व में सुख-शांति का साम्राज्य स्थापित करने का काम करता है. अंत में ब्रह्मा बाबा को सभी ने श्रद्धांजलि अर्पित की. कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रो अर्जुन प्रसाद, अवधेश भाई, बृजेश भाई, सदानंद भाई, मनोज भाई, रविंद्र भाई, शत्रुघ्न भाई सहित दर्जनों भाई बहन मौजूद थे.
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