स्मार्ट प्रीपेड मीटर में मानव हस्तक्षेप नहीं होने से विद्युत विपत्र में त्रुटि की संभावना नहीं : ईईई

स्मार्ट प्रीपेड मीटर में मानव हस्तक्षेप नहीं होने से विद्युत विपत्र में त्रुटि की संभावना नहीं : ईईई

By Prabhat Khabar News Desk | November 19, 2024 5:40 PM

सहरसा . विद्युत आपूर्ति प्रमंडल के सभी पुराने मीटरों को बदलकर स्मार्ट मीटर का अधिष्ठापन किया जा रहा है. साथ ही स्मार्ट मीटर के अधिष्ठापन के समय उपभोक्ताओं से कोई भी शुल्क नहीं ली जाती है. कार्यपालक विद्युत अभियंता सहरसा अमित कुमार ने बताया कि स्मार्ट मीटर में डाटा स्वतः ही बिलिंग सर्वर पर आ जाता है. जिससे ऊर्जा रीडिंग के लिए मीटर रीडर की जरूरत नहीं पड़ती है व ऑन लाइन के माध्यम से समय पर विपत्र प्राप्त कर सकते हैं व मानव हस्तक्षेप नहीं होने से विद्युत विपत्र में त्रुटि की संभावना नहीं रहती है. स्मार्ट मीटर के कारण बिलिंग प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होने से उपभोक्ताओं में विद्युत विपत्र को समझने में सुविधा होती है. स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ता को दैनिक ऊर्जा खपत या राशि की कटौती की जानकारी वास्तविक समय में प्रदान करता है. जिससे उपभोक्ता अपने उपयोग की आदतों को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं एवं ऊर्जा की बचत कर अपने विपत्र की राशि को कम कर सकते हैं. वास्तविक समय डाटा की उपलब्ध होने से अधिक खपत करने वाले उपकरणों की पहचान कर सकते हैं. जिससे ऊर्जा बचत करने के उपाय ढ़ूंढ़ सकते हैं. स्मार्ट मीटर अधिष्ठापन से पूर्व विद्युत बकाया राशि को किस्तों में भुगतान करने की व्यवस्था की गयी है. जिससे उपभोक्ताओं को बकाया राशि एक मुश्त जमा करने की वित्तीय भार से मुक्ति मिलती है. भुगतान ऊर्जा विभाग केंद्र सरकार द्वारा प्रदत दिशा-निर्देश के तहत किसी भी उपभोक्ता को पोस्टपेड से प्रीपेड में परिवर्तित करते समय बकाए की राशि की वसूली किसी भी कीमत पर प्रतिमाह पिछले तीन माह की औसत खपत के 25 प्रतिशत से ज्यादा की जा सकती है. स्मार्ट मीटर द्वारा नये विद्युत संबंध स्थापित करने के लिए किसी भी प्रकार का प्रतिभूति राशि नहीं लिया जाता है. पहले से लिए गए प्रतिभूति की राशि को स्मार्ट मीटर लगने के बाद वापस भी किया जाता है. स्मार्ट मीटर अधिष्ठापन के बाद मैक्सिमम डिमांड स्वीकृत भार से बढ़ जाता है तो उपभोक्ता को छह माह तक मैक्सिमम डिमांड शुल्क से राहत दी जाती है. स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के परिसर में सोलर पैनल अधिष्ठापन के बाद स्मार्ट मीटर को नेट मीटर में बदल दिया जाता है. जिससे उपभोक्ताओं का अलग से नेट मीटर खरीदने की आवश्यकता नहीं पड़ती है. स्मार्ट मीटर से प्राप्त स्टीक एवं विस्तृत डेटा समस्याओं का समाधान जल्दी करने में मदद करता है. उपभोक्ता को मोबाइल ऐप के माध्यम से ही विपत्र प्राप्त हो जाता है एवं बिना कार्यालय गए अपने स्मार्ट मीटर का रिचार्ज भी कर सकते हैं. त्रुटिरहित विपत्रीकरण से उपभोक्ताओं को विद्युत कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ता है. स्मार्ट मीटर प्रणाली को पारदर्शी व सुलभ बनाता है. जिससे उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा उपलब्ध होती है. स्मार्ट प्रीपेड मीटर डिस्कनेक्शन होने के बाद मीटर में लगे पुश बटन की मदद से बिजली चालू की जा सकती है. ऐसा करने पर 72 घंटे तक बिजली बाधित नहीं होगी. यह सुविधा महीने में एक बार उपलब्ध होगी. विभाग द्वारा खपत संबंधित भ्रांति को दूर करने लिए चेक मीटर का अधिष्ठापन भी विभिन्न जगहों पर स्मार्ट मीटर के साथ किया जा रहा है. जिससे स्मार्ट मीटर की शुद्धता को सत्यापित किया जा सके.

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