मतदान के बाद अब जीत-हार के कयास लगने शुरू
And the round of laughter continues
लोकसभा के तीसरे चरण का चुनाव खत्म हो गया है. लेकिन अभी भी क्षेत्र में चुनाव को लेकर चर्चा और चकल्लस का दौर जारी है. खगड़िया लोकसभा क्षेत्र के सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा के सलखुआ में मतदान के बाद अब जीत-हार के कयास लगने शुरू हो गये हैं और इसके साथ ही प्रत्याशियों पर दांव भी लगने लगे हैं. चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार व राजनीतिक दल अपने समर्थकों से क्षेत्रवार मतदान व वोटों के आंकड़ों को जुटाने में लग गये हैं तो कहीं धोखे व पाला बदलने की भी खबरें सामने आ रही है. होटल, पान दुकान, सार्वजनिक चौक- चौराहों, चाय की दुकानें में अब पार्टियों के कार्यकर्ता के साथ-साथ चुनाव में दिलचस्पी रखने वाले लोग भी अपने-अपने आंकड़े बताकर जीत का दावा-प्रतिदावा कर रहे हैं. जीत-हार के दावों के बीच अब कोई शर्त लगाने की भी चुनौती दे रहा है. एक ओर इंडिया गठबंधन के समर्थक जीत के आंकड़े गिना रहे हैं तो दूसरी ओर एनडीए के समर्थक केंद्र सरकार की योजनाओं के बल पर जीत के लिए आश्वस्त हैं. सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा के सलखुआ प्रखंड में महागठबंधन के जीत का कयास लगाये जा रहे हैं. हालांकि मुकाबला लोजपा (रामविलास) व सीपीएम के बीच होने से दोनों ही दल के समर्थक अपनी-अपनी जीत का भी दावा करने लगे हैं.
सबकी जुबां पर चुनाव की चर्चामतदान के दूसरे दिन हालांकि सभी की जुबां पर चुनाव की चर्चा है. कौन जीतेगा, कौन हारेगा और कौन रहेगा दूसरे नंबर पर, किसका दबदबा रहेगा तथा जीत-हार में कितना अंतर होगा. देश में किसकी सरकार बनेगी तथा किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी, इस पर भी सटोरिए मोल-भाव कर रहे हैं. 7 मई को शांतिपूर्ण संपन्न हुए चुनाव के बाद अब सभी के जुबान में हार-जीत की समीक्षा का दौर तेजी से शुरू हो गया है. वहीं राजनीतिक पंडित भी अपना गुणा-भाग कर चुनावों के परिणाम निकालने लगे हैं और जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा, इस पर भी हर घंटे लोगों के दावे बदलने लगे हैं. दूसरी ओर मतदाताओं की चुप्पी ने भी प्रत्याशियों व राजनीतिक दलों को सोचने पर मजबूर कर दिया है. जीत व हार के मंथन के बीच दावों को लेकर लोगों की तकरारें भी बढ़ गयी है और बातों ही बातों में लोगों के सुर भी तेज होते जा रहे हैं. जीत पर अड़े रहने के कारण दावे को लेकर तल्खियां भी बढ़ गयी है. गांव से लेकर बाजार तक अमूमन यही स्थिति है कि चुनाव के बाद हार-जीत के मामले को लेकर हो रही बहसें विवाद का रूप भी लेनी लगी हैं.
इस बार लोक सभा चुनाव में मतदान से राजनीतिक गलियारों की चर्चाएं तो गर्म है हीं, वहीं जोड़-घटाओ लगाने वाले राजनीतिक पंडित भी पेशो पेश में हैं. हालांकि राजनीति का यह ऊंट किस करवट बैठेगा, यह तो 4 जून को ही पता चलेगा, लेकिन इतना तय है कि पिछले चुनाव से कम प्रतिशत से हुए मतदान से कईयों के समीकरण बनने बिगड़ने लगे हैं. अपने-अपने दावे व प्रति दावों के बीच दोनों ही राजनीतिक दल कम मतदान को अपने पक्ष में बता रहे हैं. जहां प्रमुख एनडीए पार्टी से सरकार की योजनाओं व विकास कार्यों से जोड़ कर देख रही हैं तो इसे महागठबंधन बदलाव का संकेत मान रही है. खगड़िया लोकसभा में लोजपा के राजेश वर्मा बनाम सीपीआई के संजय कुशवाहा का भाग्य दांव पर है. चाय दुकान पर सेवानिवृत अपर समाहर्ता मो हासिम उद्दीन, लुटकुन यादव, भाजपा के मिथिलेश भगत, लोजपा प्रखंड अध्यक्ष अरुण कुमार यादव, जदयू के सीताराम यादव,उमेश यादव, राजद के रामचरित्र यादव, प्रेमलाल यादव, दीपनारायण यादव, सेवा निवृत रेल पायलट नागेंद्र यादव, विनोद यादव सहित कई पंचायत वासी शामिल थे.
फोटो – सहरसा 23 – सलखुआ में नागा चाय दुकान पर जीत हार की चर्चा में जुटे लोगडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है