आज सावन की पहली सोमवारी, हजारों श्रद्धालु बाबा मटेश्वर को करेंगे जर्लापण
आज सावन की पहली सोमवारी, हजारों श्रद्धालु बाबा मटेश्वर को करेंगे जर्लापण
विभिन्न ट्रेनों से मुंगेर के छर्रापट्टी के लिए रवाना हुए कांवरिये सिमरी बख्तियारपुर. सावन मास की पहली सोमवारी को कांठो अंतर्गत बाबा मटेश्वर धाम मे हजारों शिव भक्तों के जलार्पण करने की संभावना है. वहीं एक दिन पूर्व रविवार को भक्तिमय माहौल में हजारों श्रद्धालु विभिन्न ट्रेनों द्वारा कांवर लिए बोलबम के जयघोष के साथ मुंगेर के छर्रा पट्टी के लिए रवाना हुए. वहीं दोपहर बाद सभी शिव भक्त छर्रा पट्टी से जल भर कर पैदल बाबा मटेश्वर के जलाभिषेक के लिए चल पड़े. सभी ट्रेन गई हॉउसफुल सावन की पहली सोमवारी पर जलाभिषेक के लिए रविवार दिन भर सहरसा-मानसी रेलखंड के सोनवर्षा कचहरी, सिमरी बख्तियारपुर, कोपड़िया, धमारा घाट स्टेशन पर मुंगेर जाने वाले भक्तों का तांता लगा रहा. सुबह छह बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक रेलखंड के सभी स्टेशन कांवरियों से फूल दिखे. वहीं सबसे ज्यादा भीड़ सिमरी बख्तियारपुर और कोपड़िया स्टेशन पर देखने को मिली. सुबह नौ बजे से लेकर ग्यारह बजे के लगभग पूरा स्टेशन परिसर केसरिया कपड़े से लिपटे बमों से भरा दिखा. स्थिति यह थी कि स्टेशन पर पैर रखने की जगह तक नहीं थी. वहीं कांवरियों की संख्या ज्यादा होने की वजह से सभी ट्रेनें फूल होकर गयी. जमकर हुई बिक्री सावन की पहली सोमवारी को लेकर सिमरी बख्तियारपुर सहित सलखुआ, सोनवर्षा कचहरी आदि मार्केट दिनभर बमों से गुलजार दिखा. सैकड़ों की संख्या में बम टेंपो आदि की सहायता से बोल बम के जयकारों के साथ सिमरी बख्तियारपुर स्टेशन पहुंचते गये. पहुंचने के बाद उजले और केसरिया वस्त्रों में सजे बम बाजार में खरीदारी करते दिखे. बमों ने सबसे ज्यादा टॉर्च, टीशर्ट, मोबाइल चिप्स आदि की खरीदारी की. जिस वजह से इन दुकानों में भीड़ देखी गयी. कांवरियों ने बताया कि काले पत्थर वाला मटेश्वर धाम का शिवलिंग अद्भुत है. मंदिर में स्थित शिवलिंग की मोटाई चार फीट और ऊंचाई दो फीट दो इंच है. शिवलिंग की परिधि में अठपहल चबूतरा बना है. शिवलिंग का चबूतरा से स्पर्श नहीं है. दोनों के बीच डेढ़ इंच का शून्य है, जिसमें हमेशा जल भरा रहता है. गर्मी के दिनों में शिवलिंग के चारों ओर जलस्तर उठा रहता है, जबकि सावन भादो में जलस्तर नीचे चला जाता है. श्रद्धालुओं को नहीं होगी दिक्कत : अध्यक्ष बाबा मटेश्वर धाम में श्रावणी मेला को लेकर न्यास समिति और जिला प्रशासन पूरी सजग दिखाई दे रहे है. शनिवार शाम न्यास समिति के अध्यक्ष डॉ अरुण यादव ने मंदिर पहुंच तैयारियों का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि बाबा मटेश्वर के भक्तो को कोई परेशानी ना हो, इसके लिए न्यास समिति की टीम लगातार प्रयासरत है. हम जिला और अनुमंडल प्रशासन के संपर्क में है. वहां से जो भी हमें सुझाव मिल रहे हैं, उनको पूरा करवाया जा रहा है. इस मौके पर सचिव जगधर यादव, पिंकू यादव, बाबा मटेश्वर धाम श्रावणी मेला के जनक व डाक कांवरिया संघ के अध्यक्ष मुन्ना भगत, हर्ष कुमार सहित अन्य मौजूद थे. भगवान भरोसे सबकुछ सावन शुरू होने से पूर्व कांवरियों की सुरक्षा के लिए रेलवे ने लंबे-चौड़े वादे किये थे. रेलवे स्टेशन से लेकर पटरी तक के किनारे भी सुरक्षा बल उपलब्ध कराने की बात कही गयी थी. लेकिन रविवार को रेलवे के सारे दावे हवा हवाई साबित हुए. कांवरियों की भीड़ के आगे मात्र दो रेल पुलिस बल सिमरी बख्तियारपुर स्टेशन पर देखने को मिले. इस दौरान कांवरिये और डाक बम ट्रेन में चढ़ने के लिए पटरी पर खडे़ नजर आये. जिससे बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी रही. हरियाली लेकर आता है सावन का महीना बारिश की बूंदों से भींगता सावन का महीना हरियाली लेकर आता है. यह महीना भगवान शिव को भी अत्यंत प्रिय है, सावन जहां प्रकृति का श्रृंगार है, वहीं प्रेम का भाव और तीज-त्योहार भी है. सावन आते ही सबके अंदर उमंग, उत्साह, उल्लास और संगीत मुखर हो जाता है. चहुं ओर हरियाली, बागों के झूले, आकाश पर छाये काले-काले मेघ और लहलहाते धान के खेत ऐसे लगते हैं, मानो धरती ने धानी चुनरिया ओढ़ ली हो. महिलाएं भी सोलह श्रृंगार कर सावन के व्रत व देवों के देव महादेव की आराधना में लीन हो जाती है. वेदः शिवः शिवो वेदः अर्थात ””वेद ही शिव हैं और शिव ही वेद हैं. शिव वेद स्वरूप है. ज्योतिषी बताते हैं कि वैसे तो सावन मास का प्रत्येक दिन खास माना जाता है. लेकिन सोमवार को विशेष पूजा होती है. पौराणिक मान्यता है कि सावन मास में निकले हलाहल का पान सोमवार को ही शिव ने किया था. शिव अपने सिर पर सोम को धारण करते हैं. सोम अर्थात चंद्रमा. हलाहल के प्रभाव को कम करने के लिए लंका के राजा दशानन ने महादेव का जलाभिषेक किया था तथा तभी से कांवर यात्रा की शुरुआत हुई. ऐसे रखें सोमवारी का व्रत प्राचीन ग्रंथों के अनुसार सोमवार व्रत के तीन प्रकार हैं. सोमवार, सोलह सोमवार, सौम्य प्रदोष. व्रत सोमवार सूर्योदय से प्रारंभ तीसरे पहर तक रखा जाता है. कुछ भक्त सूर्योदय से सूर्यास्त तक निर्जला रखते हैं. कुछ फलाहर करते हैं तो कुछ नमक रहित भोजन करते हैं. सोमकर व्रत की कथा सुनी जाती है. प्रसाद वितरण किया जाता है. सोमवारी व्रत से नयी ऊर्जा व शक्ति मिलती है. गेरुआ वस्त्र की बढ़ी डिमांड बाबा मटेश्वर धाम जाने वाले श्रद्धालु गेरुआ वस्त्र पहन कर जाते हैं. गेरुआ वस्त्र का अपना महत्व होता है. लिहाजा गेरुआ वस्त्र की खरीदारी बढ़ गयी है. दुकानों पर गेरुआ वस्त्र सज गये हैं. बाजार मे कांवरियों के लिए शिव और त्रिशूल बने टी शर्ट और सिर पर बांधने के लिए गमछा की डिमांड ज्यादा है. इसे युवा शिव भक्त खूब पसंद करते हैं. महिलाएं कॉटन और सिंथेटिक साड़ी, पटियाला, कुर्ती केसरिया खरीद रही है. चापाकल है खराब पूर्व मध्य रेलवे अंतर्गत सहरसा-मानसी रेलखंड के सिमरी बख्तियारपुर रेलवे स्टेशन पर भोले के भक्तों को रविवार को पीने के पानी के लिए परेशानी का सामना करना पड़ा. जिस कारण उमस भरी गर्मी में बोतल बंद पानी की खूब बिक्री हुई. मिली जानकारी के मुताबिक अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत सिमरी बख्तियारपुर स्टेशन का भवन निर्माण एवं सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है. जिस कारण स्टेशन पर पानी टंकी हटा दी गयी. जिस कारण नलों में पानी नहीं आ रहा है. वहीं एक चापाकल भी खराब होने के कारण इस गर्मी मे पीने के पानी की दिक्क़त हो गयी है. श्रद्धालुओं की मांग है कि चापाकल ठीक करवाया जाये ताकि पीने का पानी की दिक्कत ना हो. एसडीओ ने लिया जायजा रविवार दोपहर को अनुमंडल पदाधिकारी अनीषा सिंह कांठो स्थित बाबा मटेश्वर धाम पहुंची. जहां उन्होंने मंदिर मे चल रही तैयारियों का जायजा लिया. एसडीओ ने शिवगंगा परिसर सहित बैरिकेटिंग का निरीक्षण किया. साथ ही शौचालय और पेयजल को लेकर न्यास सचिव से चर्चा की. इस मौके पर एसडीओ ने बताया कि मटेश्वर धाम मेला की व्यवस्था चुस्त दुरुस्त कर ली गयी है. उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर की व्यवस्था के लिए पर्याप्त मात्रा में महिला-पुरुष पुलिस बल सहित मजिस्ट्रेट को प्रतिनियुक्त किया गया है. नगर परिषद सिमरी बख्तियारपुर को चलंत शौचालय, पेयजल और सफाई का जिम्मा दिया गया है. फोटो – सहरसा 21 – मंदिर का निरीक्षण करती एसडीओ फोटो – सहरसा 22 – खिड़की के माध्यम से ट्रेन मे घुसते डाकबम फोटो – सहरसा 23 – सिमरी बख्तियारपुर स्टेशन हुआ केसरियामय फोटो – सहरसा 24 – ट्रेन में चढ़ने की जद्दोजहद फोटो – सहरसा 25 – तैयारियों का जायजा लेते न्यास समिति के अध्यक्ष फोटो – सहरसा 26 – स्टेशन पर चश्मा खरीदते डाकबम फोटो – सहरसा 27 – गेरुआ वस्त्र खरीदते डाकबम फोटो – सहरसा 28 – शिवभक्तों का जोश दिखा हाई फोटो – सहरसा 29 – शिवभक्तों ने खूब ली सेल्फी फोटो – सहरसा 32 – छर्रा पट्टी मे स्नान कर जल लेते डाकबम ……………………………………………………………………………… मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए की गयी है विशेष तैयारी सहरसा सावन का महीना हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है. खासकर शिव भक्तों के लिए इस महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और सावन की पहली सोमवारी का दिन भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. इस वर्ष शहर के विभिन्न मंदिरों में सावन और पहली सोमवारी की तैयारी जोर-शोर से की गयी है. भक्तों के लिए इस वर्ष का सोमवारी इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि सावन की शुरुआत सोमवार के दिन हो रही है. शहर के प्रमुख मंदिरों में शंकर चौक स्थित शिव मंदिर श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है. इस साल भक्तों की बड़ी संख्या को ध्यान में रखते हुए विशेष व्यवस्थाएं की गयी है. मंदिर प्रबंधन ने भक्तों की सुविधा के लिए कार्यकर्ताओं की तैनाती की है. मंदिर के मुख्य पुजारी विजय चौबे ने बताया कि इस साल विशेष पूजा-अर्चना के कार्यक्रमों की श्रृंखला तैयार की गयी है. सोमवार को सुबह चार बजे से ही मंदिर के द्वार भक्तों के लिए खोल दिया जायेगा. सबसे पहले महादेव का अभिषेक किया जायेगा. जिसमें दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल का प्रयोग होगा. इसके बाद रुद्राभिषेक और महाआरती व बाबा का श्रृंगार का आयोजन किया जायेगा. शहर के मत्स्यगंधा, सपटियाही, पुलिस लाइन, कोसी काॅलोनी रोड, गायत्री मंदिर में पहली सोमवारी को लेकर विशेष रूप से मनाने के लिए तैयारियां की है. मत्स्यगंधा मंदिर के मंदिर प्रबंधक हीरा प्रभाकर ने बताया कि भक्तों की सुरक्षा के लिए पुलिस बल की तैनाती के साथ-साथ स्वयंसेवकों भी भक्तों के सेवा में तत्पर रहेंगे. फोटो – सहरसा 30 – शंकर चौक स्थित मंदिर में शिवलिंग ……………………………………………………………………………………………….. 25 जुलाई से शुरू होगा नवविवाहिता का मधुश्रावणी पर्वः पंडित तरूण झा सहरसा ब्रज किशोर ज्योतिष संस्थान के संस्थापक पंडित तरुण झा ने बताया कि श्रावण मास का प्रारंभ सोमवार से हो रहा है. उन्होंने कहा कि सावन शिव को प्रिय है एवं सोमवार उनकी पूजा को समर्पित वार भी है. श्रावण मास का सोमवार भगवान भोलेनाथ की पूजा का सबसे उत्तम दिन भी माना जाता है. इस बार श्रावण मास में पांच सावन सोमवार है. उन्होंने कहा कि इस साल के श्रावण में सभी सोमवार अतिशुभ फलदायी है. जो शिव भक्तों के मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए अच्छा है. यह योग सभी कार्यों को सिद्ध करने की क्षमता रखता है. इसके साथ ही नवविवाहिता का मधुश्रावणी व्रत, मौना पंचमी 25 जुलाई को प्रारंभ होगा एवं सात अगस्त को समाप्त होगा. इस बार रक्षाबंधन 19 अगस्त को मनाया जायेगा. शिव मंदिर में जाकर शिवजी के दर्शन करते शिवलिंग पर गंगाजल एवं दूध से अभिषेक अवश्य करें. भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र, धतूरा, गंगाजल एवं दूध अवश्य शामिल करें. सावन माह में शिवजी के जलाभिषेक के दौरान ओम नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें. पूजा के अंत में अपनी सभी तरह की मनोकामना की पूर्ति के लिए भगवान शिव से प्रार्थना करें. उनकी आरती करते शिव चालीसा का पाठ करें. फोटो – सहरसा 31 – पंडित तरूण झा ………………………………………………………………………………….. बाबा गौरीशंकर स्थान बिहरा से कांवरिया का जत्था रवाना सत्तरकटैया हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्रावणी मेला के अवसर पर बाबा गौरीशंकर सेवा समिति के सहयोग से गौरीशंकर स्थान बिहरा से एक हजार एक कांवरियों का जत्था मुंगेर छर्रापट्टी गंगाजल भरने के लिए रवाना हुए. जो रविवार की देर रात मुंगेर पहुंचेगें तथा सोमवार की सुबह 4 बजे गंगाजल भरकर वहां से बिहरा में जलार्पण के लिए प्रस्थान करेंगे. मंदिर निर्माण प्रबंधन अध्यक्ष मोहन राय के द्वारा कांवरिया को हरी झंडा दिखाकर रवाना किया गया.
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