गांव के अंदर छुपे पारंपरिक हुनर को पीएम विश्वकर्मा योजना के माध्यम लाया जा रहा बाहर

गांव के अंदर छुपे पारंपरिक हुनर को पीएम विश्वकर्मा योजना के माध्यम लाया जा रहा बाहर

By Prabhat Khabar News Desk | September 20, 2024 7:17 PM
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राजकीय पॉलिटेक्निक में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के एक वर्ष पूरे होने प्रधानमंत्री का हुआ लाइव संबोधन प्रशिक्षण प्राप्त प्रशिक्षकों को दिया गया प्रमाणपत्र सहरसा . राजकीय पॉलिटेक्निक में शुक्रवार को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के एक वर्ष पूरे होने पर कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम के लिए नामित राज्य सरकार के भूमि सुधार मंत्री सह जिला प्रभारी मंत्री दिलीप जायसवाल, स्थानीय विधायक डॉ आलोक रंजन व भाजपा जिलाध्यक्ष दिवाकर सिंह शामिल हुए. कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्रभारी प्राचार्य मिथुन कुमार ने की. प्रधानाचार्य ने बताया कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के एक वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री ने वर्धा गुजरात से लाइव संबोधन किया. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत यहां निर्माण मिस्त्री कार्य, सिलाई कढ़ाई, कारपेंटर कार्य सहित अन्य का प्रशिक्षण दिया जाता है. प्रशिक्षितों को योजना के तहत लाभ दिया जाता है. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के माध्यम से वैसे प्रशिक्षणार्थी जिन्होंने अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है, उन्हें प्रमाणपत्र दिया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते मंत्री जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के गांव के अंदर छुपे पारंपरिक हुनर को पीएम विश्वकर्मा योजना के माध्यम से देश के सामने लाने का कार्य किया है. आज ऐसे हुनर के 18 समाज इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं. गांव घरों में छिपे हुनर को आगे लाने के लिए उन्हें उनके हुनर के अनुकूल मुफ्त प्रशिक्षण दिया जा रहा है. साथ ही उनको रोजगार के लिए सस्ते दर पर ऋण भी दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश भर के शिल्पकारों को सशक्त बनाने के लिए इस योजना की शुरुआत की. वहीं भूमि बंदोबस्त को लेकर पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा कि लगभग 130 वर्षों के बाद राज्य सरकार ने भूमि विवाद को देखते भूमि बंदोबस्त कार्यक्रम की शुरुआत की है. इसमें लोगों को कागज पूरा करने में कुछ समस्याएं आ रही हैं. राज्य के 62 प्रतिशत लोगों के पास सभी कागजात हैं. जबकि 38 प्रतिशत लोगों को थोड़ी समस्या हो रही है. उन्होंने कहा कि आज थाने में 60 प्रतिशत मामले जमीन विवाद से संबंधित हैं. सर्वे के बाद राज्य के अंदर जमीन का भविष्य तय हो जायेगा. आदालतों में भूमि विवाद से संबंधित मामले कम हो जायेंगे. फोटो – सहरसा 28 – कार्यक्रम में मौजूद मंत्री व अन्य.

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