हाइवा चालक की लापरवाही से सदर अस्पताल का टूटा ट्रांसफार्मर
हाइवा चालक की लापरवाही से सदर अस्पताल का टूटा ट्रांसफार्मर
शॉर्ट सर्किट से सीटी स्कैन मशीन हुआ खराब , सीटी स्कैन मशीन जलने से जांच हुई बाधित, मरीज हुए परेशान सहरसा . बुधवार की देर शाम सदर अस्पताल के पिछले इलाके में मिट्टी भराई के दौरान कार्य में लगे संवेदक का हाइवा ट्रक चालक की लापरवाही से सदर अस्पताल में लगे ट्रांसफार्मर में जोरदार टक्कर मार दी. टक्कर से ट्रांसफार्मर में लगा बिजली पोल पूरी तरह टूट गया. जिसके कारण शॉर्ट सर्किट से सदर अस्पताल परिसर में लगे हुए सीटी स्कैन सिस्टम जल गया. बिजली के शॉर्ट सर्किट से सीटी स्कैन मशीन के साथ-साथ अन्य कई बिजली का उपकरण भी जल गया. प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि करीब 9.30 बजे देर शाम हाइवा चालक मिट्टी गिराने के बाद बिना डाला गिराये गाड़ी लेकर चल दिया. डाला उठा रहने के कारण सीटी स्कैन सेंटर में बिजली आपूर्ति के लिए लगे तार में डाला फंस गया व हाइवा के साथ खींचता चला गया. बिजली आपूर्ति के लिए लगा करीब तीन पोल क्षतिग्रस्त हो गया. तार खींचने के दौरान ट्रांसफार्मर में जोरदार धमाका हुआ. अस्पताल परिसर में मरीजों में अफरातफरी मच गयी. गनीमत रही कि बिजली प्रवाहित तार कवर्ड वायर था. जिसके कारण जान-माल की क्षति नहीं हुई. सदर अस्पताल के नये बिल्डिंग का निर्माण हाल ही में संपन्न हुआ हुआ है. नये बिल्डिंग के सामने के इलाके में मिट्टी भराई का कार्य और पीसीसी ढलाई का भी कार्य संपन्न हो गया. लेकिन अस्पताल के पीछे के हिस्से में मिट्टी भराई का कार्य अधूरा छोड़ दिया गया था. माॅनसून में लगातार हो रही बारिश के कारण पिछले इलाके में जल जमाव हो गया था. जिससे बदबू और उसमें पनपने वाले कीड़े-मकोड़े और मच्छरों से अस्पताल में भर्ती मरीजों को काफी परेशानी हो रही थी. इसी समस्या को दूर करने के लिए मिट्टी भराई का कार्य किया जा रहा था. सीटी स्कैन जांच की सुविधा पूरी तरह बंद गुरुवार से सदर अस्पताल में सीटी स्कैन जांच की सुविधा पूरी तरह बंद हो गयी. सीटी स्कैन सेंटर में तैनात कर्मी ने बताया कि इंजीनियर को सूचना दे दी गयी है. उसके आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है कि मशीन कब तक ठीक होगा. सदर अस्पताल उपाधीक्षक एसपी विश्वास ने बताया कि जांच कर कार्रवाई की जायेगी और जल्द ही सीटी स्कैन की सुविधा बहाल कर दी जायेगी. इस घटना से अस्पताल की सेवाओं में बाधा उत्पन्न हुई है. जिसके कारण मरीजों व उनके परिजनों में नाराजगी है.
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