एक ही जगह पर संचालित हो रही है दो अलग-अलग योजनाएं

एक ही जगह पर संचालित हो रही है दो अलग-अलग योजनाएं

By Prabhat Khabar News Desk | July 25, 2024 6:17 PM

प्रखंड के जिम्मेदार पदाधिकारियों को इस बारे में जानकारी तक नहीं सौरबाजार . पंचायत और नगर के विकास के लिए सरकार द्वारा चलायी जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं में जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों की मिलीभगत से पूरी तरह अनियमितता बरती जा रही है. जिसका परिणाम है कि आये दिन बारिश के दिनों में पंचायत और नगर के लोगों को जलजमाव और कीचड़ जैसी समस्या से जूझना पड़ता है. आलम यह है कि एक ही जगह पर दो अलग-अलग योजनाएं संचालित हो रही है और प्रखंड के जिम्मेदार पदाधिकारियों को इस बारे में जानकारी तक नहीं है. आखिर ऐसी योजना को संचालित करने के लिए कार्य एजेंसी को स्वीकृति देकर कौन भुगतान कर रहा है. इस तरह का मामला सौरबाजार प्रखंड में कई जगहों पर है, लेकिन हैरत की बात तो यह है कि प्रखंड मुख्यालय जहां प्रखंड स्तर के शीर्ष पदाधिकारी रोज बैठते हैं, वहां इस तरह का काम हो रहा हो तो यह चिंता का विषय है. मिली जानकारी के अनुसार सौरबाजार प्रखंड मुख्यालय में बने सभा भवन के आगे से उत्तर दिशा में बने क्षतिग्रस्त साक्षरता कार्यालय की ओर जाने के लिए एक सड़क बन रही है. जिसका कार्य स्थल पर कोई सूचना बोर्ड भी नहीं लगाया गया है. लेकिन कार्य प्रगति पर है और जहां यह सड़क बन रही है, वहां मनरेगा योजना से मिट्टी भराई का काम भी चल रहा है. आश्चर्य की बात तो यह है कि दोनों योजना यानी 15वीं वित योजना से सड़क बनाने और मनरेगा योजना से मिट्टी भराने का काम एक हीं समय में एक ही जगह पर कैसे चल रहा है. कहीं यह विभाग की आंखों में धूल झोंककर यहां के पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के द्वारा सरकारी राशि की बंदरबांट तो नहीं की जा रही है. यह जांच का विषय है. लेकिन शिकायत के बाद जो पदाधिकारी जांच करेंगे और जब वही इसमें संलिप्त हो तो सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि जांच कैसी होगी. इसलिए स्थानीय लोगों ने जिला के वरीय पदाधिकारी को इस पर संज्ञान लेकर निष्पक्ष तरीके से जांच कर गड़बड़ी करने वालों पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों पर कार्रवाई करने की मांग की है. सौरबाजार में एक ही जगहों पर दो अलग-अलग योजना संचालित होना, एक हीं योजना का दो-दो बार अलग-अलग पदाधिकारियों द्वारा शिलान्यास होना, नये भवन जिनका उद्घाटन भी नहीं हुआ, उनका मरम्मति के नाम पर योजना संचालित करना कोई नई बात नहीं है. इससे पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं. लेकिन पदाधिकारियों द्वारा उनकी निष्पक्ष तरीके से जांच कर दोषी लोगों पर कार्रवाई करने के बदले शिकायत के बाद जांच के नाम पर खानापूर्ति कर उन्हें ठंढ़े बस्ते में डालकर दोषी लोगों को बचाना एक आदत सी बन गयी है. यहां के स्थानीय पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि सुनील शर्मा ने कहा कि यह प्रखंड और अंचल कार्यालय बिचौलिया के सहारे चलता है और उनके हीं सहयोग से यह सब काम किया जा रहा है. उन्हौने प्रखंड कार्यालय में रोज दिन भर चक्कर लगाने वाले ऐसे लोग जो न तो कोई कर्मी है न पदाधिकारी हैं और न हीं कोई जनप्रतिनिधि हैं तो आखिर वे लोग दिन भर कार्यालय और इसके इर्द-गिर्द क्या करते रहते हैं. इसकी जांच होनी चाहिए. प्रखंड प्रशासन ऐसे कारनामे को सामने लाने के लिए मुख्यालय और कार्यालय में लगाये गये सीसीटीवी कैमरे को भी दुरुस्त नहीं रख पाते हैं. जिससे इसकी जांच की जा सके. इस संबंध में जब प्रखंड विकास पदाधिकारी नेहा कुमारी से जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि यह योजना पूर्व में हीं खोला गया है. अभी इसके संबंध में मुझे पूरी जानकारी नहीं है.

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