सखी वन स्टॉप सेंटर में पीड़ित महिलाओं को मिल रहा त्वरित न्याय
सखी वन स्टॉप सेंटर में पीड़ित महिलाओं को मिल रहा त्वरित न्याय
मां के भरण पोषण के लिए बेटों को कराया राजी दिलायी न्याय सहरसा. जब एक औरत मां बनती है तो उसके लिए उसका बच्चा ही उसकी पूरी जिंंदगी होती है. मां सोते जागते, उठते बैठते तो सिर्फ अपनी बच्चे के बारे में ही सोचती है. खुद भूखे सो जाती है पर अपने बच्चे को खाना खिलाना नहीं भूलती. चाहे उसके एक बच्चे हो या पांच. लेकिन वही बच्चा बड़ा होकर अपनी मां का अपमान करते है खाना-पीना देना तो दूर उनसे ठीक ढंग से बात भी नहीं करता तो बड़ी ठेस पहुंचती है. कुछ ऐसा ही घटना सहाना खातुन के साथ हुआ. उनके पांच पुत्र व तीन पुत्रियां है. सभी की शादी उन्होंने कर दी है. वह स्वयं चुड़ी बेचकर अपना गुजर बसर कर रही है. कुछ वर्ष पहले उनके पति का देहांत हो गया. तब से वे बीमार भी रहने लगी. शहर के भीड़-भाड़ वाले ऐरिया में पति ने घर बनाया. जहांं सभी बच्चे अपने-अपने परिवार के साथ अलग रहते हैं. सिर्फ छोटा लड़का ही है जो उनकी देखभाल करता है. लेकिन बहुत कठिनाई से करता है. ऐसे में सहाना खातुन ने अपने अन्य बच्चों से अपने इलाज के लिए पैसे मांगे. लेकिन सब ने मना कर दिया. तब सहाना खातुन ने सखी वन स्टॉप सेंटर में आकर अपना आवेदन दिया. उनके आवेदन के आलोक में केंद्र प्रशासक मुक्ति श्रीवास्तव ने कड़ा रुख अपनाते सभी पुत्रों को नोटिस भेजकर कार्यालय बुलाया. जहांं दोनों पक्षों का कई परामर्शन के बाद बेटों ने मांं के भरण-पोषण के लिए खर्च देने का एकरार किया. ऐसे में सखी वन स्टॉप सेंटर ने एक मां को उसके बच्चे के साथ जुडने एवं उन्हें उनका फर्ज याद दिलाने में एक पुल का कार्य किया. केंद्र प्रशासक मुक्ति श्रीवास्तव ने कहा कि ऐसे ही कई मामले प्रतिदिन सखी वन स्टॉप सेंटर में दर्ज किए जाते हैं. जिनका परामर्शन केस वर्कर नमिता शंकर एवं रेशमा प्रवीण के द्वारा करते पीडित महिला को इंसाफ दिलाया जाता है. सखी वन स्टॉप सेंटर में महिला के साथ सखी अर्थात सहेली जैसा व्यवहार किया जाता है. जिससे महिलाएं अपनी समस्या को बेझिझक बताती हैं. सखी वन स्टॉप सेंटर जिला प्रशासन के अधीन समाहरणालय परिसर में संचालित है. जहांं घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना, लैंगिक हिंसा एवं महिला प्रताड़ना की शिकार महिला को कानूनी सहायता, मनोवैज्ञानिक परामर्श, चिकित्सकीय सहायता एवं एफआईआर में सहायता प्रदान की जाती है. उन्होंने कहा कि वन स्टॉप सेंटर में इस वित्तीय वर्ष माह अप्रैल से जून तक कुल 68 केस दर्ज हुए है एवं 43 मामलों का निष्पादन सफलतापूर्वक किया गया है. महिलाएं चाहे तो अपनी समस्या टॉल फ्री नंबर 181 या मोबाइल नंबर 9771468027 पर भी दर्ज करा सकती हैं. ……………………………………………………………………………………………………… राहुल गांधी को अपने बयान पर पूरे हिंदू समाज से मांगनी चाहिए मांफी सहरसा . संसद भवन में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद कांग्रेस के लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान सभी हिंदू को हिंसक कहकर संबोधित किया. जिसके बाद पूरे देश में हिंदू समाज के लोग अपनी नाराजगी जता रहे हैं. वहीं एबीवीपी विभाग संयोजक गौरव ठाकुर ने अपनी प्रतिक्रिया देते कहा कि जिस प्रकार लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर में राहुल गांधी द्वारा सम्पूर्ण हिंदू समाज को हिंसक कह कर संबोधित किया वह बेहद निंदनीय एवं दुर्भाग्यपूर्ण है. इसके लिए उन्हें सम्पूर्ण हिंदू समाज से माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को यह ज्ञात नहीं है कि उनके कांग्रेस पार्टी को जो पूरे देश में 99 सीट आया है वो 100 में नहीं बल्कि 543 में है. ऐसा परिणाम राहुल गांधी जैसे दिमागी रूप से अर्ध विकसित लोगों के कारण ही आता है. उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म संप्रदाय पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार किसी को नहीं है. राहुल गांधी को अपने इस अनर्गल बयान के लिए पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए.
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