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17 सितंबर को एक साथ मनेगा विश्वकर्मा पूजा, अनंत पूजा व चतुर्दशी का व्रत

17 सितंबर को एक साथ मनेगा विश्वकर्मा पूजा, अनंत पूजा व चतुर्दशी का व्रत

सहरसा . ब्रज किशोर ज्योतिष संस्थान संस्थापक ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा ने बताया कि भगवान विष्णु काे अतिप्रिय अनंत चतुर्दशी का व्रत व पूजा व श्री श्री 108 बाबा विश्वकर्मा पूजा व गणपति विसर्जन भी 17 सितंबर को ही होगा. उन्होंने कहा कि मान्यता है कि बाबा विश्वकर्मा इस ब्रह्मांड के रचयिता हैं. माना जाता है कि पूरे श्रद्धा, विधि-विधान के साथ बाबा की पूजा-अर्चना की जाए तो जीवन एवं घर में उन्नति व व्यापार में आने वाली कठिनाई दूर होकर धन-संपदा आने लगती है. उन्होंने बताया कि भगवान विष्णु को अति प्रिय अनंत पूजा के दिन भगवान विष्णु के सहस्त्रनाम का पाठ करना अति शुभ माना जाता है. अनंत की 14 गांठों को 14 लोकों का प्रतीक माना जाता है. कथा के अनुसार अनंत भगवान ने सृष्टि के आरंभ में 14 लोक तल, अतल, वितल, सुतल, तलातल, रसातल, पाताल, भू, भुव:, स्व:, जन, तप, सत्य, मह की रचना की थी. इन लोकों के पालन एवं रक्षा करने के लिए स्वयं भी 14 रूपों में प्रकट हुए थे. अनंत चतुर्दशी का व्रत भगवान विष्णु को प्रसन्न करने एवं अनंत फल देने वाला होता है. वहीं अनंत डोर की हर गांठ की भगवान विष्णु के नामों से पूजा की जाती है. पहले अनंत, फिर पुरुषोत्तम, ऋषिकेश, पद्मनाभ, माधव, बैकुंठ, श्रीधर, त्रिविक्रम, मधुसूदन, वामन, केशव, नारायण, दामोदर एवं गोविंद की पूजा होती है.

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