पढाई जब जिंदगी के साथ गूंथ जायेगी तो मन लगने लगेगाः डॉ अरूण जयसवाल
पढाई जब जिंदगी के साथ गूंथ जायेगी तो मन लगने लगेगाः डॉ अरूण जयसवाल
गायत्री शक्तिपीठ में व्यक्तित्व परिष्कार सत्र का आयोजन सहरसा. गायत्री शक्तिपीठ में रविवार को व्यक्तित्व परिष्कार सत्र का आयोजन किया गया. सत्र को संबोधित करते डॉ अरुण कुमार जायसवाल ने छात्रों के प्रश्नों का जबाव देते कहा कि पढ़ने में मन का नहीं लगना सामान्य समस्या है. यह मन की प्रवृति है. मन धीरे-धीरे लगातार अभ्यास करने पर लगता है. यहीं पर काउंसेलिंग की जरूरत पड़ती है. पढ़ाई से अपनी जिंदगी को रिलेट करना होगा. पढाई जब जिंदगी के साथ गूंथ जायेगी तो मन लगने लगेगा. किसी को पढ़ाई में मन नहीं लगता, खेलने में कूदने में मन लगता है, मटकने में मन लगता है. मन हमेशा खुशी सुकून तलाशता है. पढ़ाई शुरुआत में पढते समय में जहर लगती है, लेकिन परिणाम में तो अमृत होता है. इसी को भगवान ने गीता में सात्विक सुख कहा है. मेहनत आपको अलग चमकायेगा. जिंदगी की समझ रोजमर्रा की जिंदगी में काम आती है, इसलिए पढ़ना चाहिए.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है