एक मुकदमा समाप्त होने से छह मुकदमा होता है समाप्तः डीजे
एक मुकदमा समाप्त होने से छह मुकदमा होता है समाप्तः डीजे
राष्ट्रीय लोक अदालत का किया गया आयोजन, सहरसा. व्यवहार न्यायालय परिसर स्थित टेन कोर्ट बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर में शनिवार को जिला व सत्र न्यायाधीश गोपाल जी की अध्यक्षता एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार सचिव अभिमन्यु कुमार के संचालन में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. लोक अदालत का उद्घाटन जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार अध्यक्ष गोपाल जी, एडीजे नितेश कुमार, एडीजे ब्रजेश कुमार त्रिपाठी, जिला विधिक सेवा प्राधिकार सचिव अभिमन्यु कुमार, सीजेएम अश्वनी कुमार, एडीएम ज्योति कुमार, जिला विधिवेत्ता संघ अध्यक्ष विनोद कुमार झा, संघ सचिव कृष्ण मुरारी प्रसाद व विधिवेत्ता संघ पूर्व सचिव मनोज कुमार सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया. उद्घाटन समारोह में जिला जज गोपाल जी ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत का मूल भावना नीचे पायदान पर जो हैं उसे भी निशुल्क न्याय मिल सके का है. राष्ट्रीय लोक अदालत दो परिवार की कटुता को समाप्त कर खुशियां लाती है. आने वाली पीढ़ियों की वैमनस्कता समाप्त करता है. अक्सर देखा जाता है कि एक मुकदमे से छह मुकदमे पैदा होते हैं. एक मुकदमा समाप्त होने से छह मुकदमा समाप्त हो जाता है. छोटे-छोटे मामले समाप्त होने से अपने आप बड़े मुकदमे समाप्त हो जाते हैं. इसलिए कहा गया है कि प्रिवेंशन इज बेटर दैन क्योर. सभी को जियो एवं जीने दो की राह पर चलना चाहिए. सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया. उन्होंने कहा कि लिटिगेशन का मामला खत्म करना वकीलों के साथ-साथ न्यायिक पदाधिकारी का भी दायित्व है. न्यायालय में ज्यादातर मामले पति-पत्नी के बीच पारिवारिक विवाद का आता है. पति या पत्नी किसी को भी आगे बढ़कर सकारात्मक सोच रखकर एक दूसरे से बात करनी चाहिए. जिला सेवा प्राधिकार के सचिव अभिमन्यु कुमार ने कहा कि कोर्ट आने जाने में जो समय हम लगाते हैं उसे दूसरे कार्यों में लगाएं तो ज्यादा लाभ होगा. समझौता के आधार पर मुकदमों का निस्तारण करना लोक अदालत का मकसद है. जिसमें पक्षकारों के बीच शांति स्थापित होती है. इस अदालत के खिलाफ ना ही अपील होती है एवं ना ही रिवीजन होता है. इस अदालत में दोनों ही पक्ष विजेता होते हैं. अधिवक्ता संघ अध्यक्ष विनोद कुमार झा ने कहा कि लोक अदालत में मामले का निष्पादन होने से लोगों को काफी लाभ मिलता है. उन्होंने आए हुए पदाधिकारी से भी कहा कि लचीला रुख अपनायें. जिससे ज्यादा से ज्यादा मामले का निष्पादन हो सके. संघ सचिव कृष्ण मुरारी प्रसाद ने कहा कि पैसा व समय दोनों की बचत होती है. इसमें कोई भी पक्षकार खाली हाथ नहीं जाता है. दोनों कुछ ना कुछ लेकर जाते हैं. यह निःशुल्क न्याय का सशक्त माध्यम है. संघ के पूर्व सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि देश में लगभग आठ करोड़ से ज्यादा मुकदमें पेंडिंग है. इस बोझ को कम करने में यह लोक अदालत अहम भूमिका अदा कर सकती है. मौके पर एडीजे सह विशेष न्यायाधीश पोक्सो कृष्ण कुमार चौधरी, सीजेएम अश्वनी कुमार, एसीजेएम सह सब जज चंदन कुमार वर्मा, भवानी प्रसाद, न्यायिक दंडाधिकारी मुंसिफ शिव श्रुतिका, अंजिता सिंह, अमित कुमार सिंह, अफजल खान, कृष्ण कुमार, चंदन ठाकुर, निखिल चंद्रा, अभिनव कुमार, मुकेश कुमार, कोर्ट मेनेजर रवि कुमार, न्यायालय कर्मी निसार अहमद, मनोज कुमार, पवन कुमार, चंदन कुमार, निखिल कुमार सहित अन्य मौजूद थे. फोटो – सहरसा 10- कार्यक्रम का शुभारंभ करते डीजे, एडीएम व अन्य.
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