महिला की सर्पदंश से मौत, जीवित करने बुलाया महिला तांत्रिक
महिला की सर्पदंश से मौत, जीवित करने बुलाया महिला तांत्रिक
अंधविश्वास और दकियानुसी में विश्वास के कारण बढ़ रही है सर्पदंश से मौत की घटना बारिश का महीना शुरू होने से पूर्व सरकार लोगों को करती है जागरूक अस्पतालों में सर्पदंश से बचाव की दवा होने की देती है जानकारी गांवों में आज भी लोग पहले ओझागुणी व तांत्रिकों के पास जाते हैं, तब तक पूरे शरीर में फैल जाता है जहर बनमा ईटहरी. बारिश का मौसम शुरू होने के साथ सरकार की ओर से स्वास्थ्य विभाग लोगों को सर्पदंश की घटना को लेकर जागरूक करता है. सर्पदंश से बचने की सलाह देता है. यदि सांप काट ले तो बचने के लिए संभावित उपाय भी बताता है. लोगों को इस बात को लेकर जागरूक किया जाता है कि यदि सांप काट ले तो तुरंत नजदीक के किसी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल जायें. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास और दकियानूसी सोच आज भी प्रभावी है. लोग सांप के काटने पर अस्पताल जाने की बजाय आज भी ओझा गुणी व तांत्रिकों की शरण में ही जाते हैं. जहां तांत्रिक प्रक्रिया के दौरान सांप का विष पूरे शरीर में फैल जाता है और उसे बचाना मुश्किल हो जाता है. रविवार को सदर अस्पताल सहरसा में कुछ अजीब ही हो गया. सहरसा के मॉडल अस्पताल परिसर में सर्पदंश से मौत हुई महिला का जब शव पहुंचा तो महिला तांत्रिक को बुलाया गया. ताकि वह किसी तरह जीवित हो जाए. इसी चक्कर में सही इलाज नहीं मिल पाता है और वक्त ज्यादा बीतने के साथ सर्पदंश के शिकार लोगों की मृत्यु हो जाती है. निश्चित रूप से किसी की असामयिक मृत्यु पीड़ा पहुंचाती है, लेकिन उससे ज्यादा दुख की बात तब होती है, जब लोग अंधविश्वास में फंसकर झाड़-फूंक और मंत्र में विश्वास करके इलाज के लिए तांत्रिक के पास चले जाते हैं. समाज का एक बड़ा हिस्सा आज भी इसी झाड़-फूंक और तंत्र-मंत्र में विश्वास करता है जिसका ताजा उदाहरण रविवार को देखने मिला. जहां बनमा ईटहरी अंचल क्षेत्र के हथमंडल डीह गांव के वार्ड 15 में बीती रात जमीन पर अपने बच्चों के साथ 32 वर्षीय खुशबू देवी सो रही थी. तभी एक विषैले सांप ने दंश कर लिया. अहले सुबह जब महिला की नींद खुली तो वह दर्द से कराह रही थी. तभी परिजन आये और देखा कि पांव से खून बह रहा है. परिजनों को शक हुआ कि इसे किसी विषैला सांप ने काटा है. परिजन उसे उपचार करवाने के लिए अनुमंडल अस्पताल सिमरी बख्तियारपुर ले गये. जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार करने के बाद बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. बताया जा रहा है अस्पताल पहुंचने से पहले ही रास्ते में ही महिला ने दम तोड़ दिया. महिला की मौत के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. मृत महिला को जीवित करने के लिए बुलाया गया महिला तांंत्रिक बनमा ईटहरी के हथमंडल डीह वार्ड 15 निवासी बिपिन राम के 32 वर्षीय पत्नी खुशबू कुमारी की मौत के बाद जैसे ही परिजन सदर अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने जांच कर उसे मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद परिजनों ने एक महिला तांत्रिक को बुलाया और वह झाड़ फूंक करने लगी. मामला इतना गंभीर हो गया कि महिला के मंत्र उच्चारण को देख आसपास लोगों की भीड़ जुट गयी. भीड़ इतनी बेकाबू हो गई कि अस्पताल के गार्ड को आना पड़ा. जैसे ही पुलिस की गाड़ी दिखी कि महिला तांत्रिक भाग खड़ी हुई. मृतक खुशबू अपने पीछे 10 वर्ष का विज्ञानशू कुमार, 8 वर्ष की सृष्टि कुमारी, 5 वर्ष की कल्याणी कुमारी व 2 वर्ष के मुनीस कुमार को छोड़ गयी. स्थानीय ग्रामीणों ने यह भी बताया कि जब लोगों को शक हुआ कि महिला को सर्प ने काटा है तो वहां पर भी झाड़-फूंक की गयी. जिससे ज्यादा समय व्यतीत हो गया.
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