पूर्वी रेलवे कॉलोनी दुर्गा मंदिर में बंगला पद्धति से आज भी होती है पूजा
पूर्वी रेलवे कॉलोनी दुर्गा मंदिर में बंगला पद्धति से आज भी होती है पूजा
52 वर्षों से यहां हो रहा भव्य आयोजन, अष्टमी के दिन यहां लगता है खिचड़ी का भोग सहरसा . शहर के पूर्वी रेलवे कॉलोनी में 51 वर्ष से दुर्गा पूजा हो रही है. यहां बंगला पद्धति से पूजा की शुरुआत की गयी थी. जिसका निर्वहन अभी भी किया जा रहा है. यहां वर्ष 1972 में बंगला पद्धति से पूजा की शुरुआत सहरसा में प्रतिनियुक्त रेलकर्मी एसके विश्वास व लहरी मामा ने की थी. मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रहने वाले इन रेल कर्मियों ने मां दुर्गा की छोटी सी मूर्ति बनवाकर पूजा आरंभ की. इसके बाद साल दर साल पूजा का आकार बढ़ता गया. अब यहां संगमरमर की मूर्ति स्थापित की गयी है. प्रतिमा श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनी है. पूर्वी रेलवे कॉलोनी में दुर्गा पूजा रेलवे पदाधिकारियों व कर्मियों के द्वारा मनाया जाता है. श्रद्धालुओं की सुरक्षा में यहां रेल कर्मी, जीआरपी, आरपीएफ के अलावा स्काउट गाइड हर साल लगे रहते हैं. वर्ष 2017 में संगमरमर की माता की प्रतिमा लगायी गयी थी. प्रतिमा का भव्य रूप श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र बना है. मेला कमेटी के अध्यक्ष रेल डीएमओ डॉ अनिल कुमार व संरक्षक रेल एडीईएन किशोर कुमार भारती हैं. सचिव सीनियर सेक्शन इंजीनियर सह कोषाध्यक्ष मनोज कुमार साह व मेला संचालक ट्रेन मैनेजर संजीव कुमार हैं. पूजा पाठ विधि विधानकर्ता सीनियर सेक्शन इंजीनियर रेल पथ सुनील कुमार व पीडब्लूआई राकेश कुमार हैं. मंदिर के पुजारी आचार्य रविंद्र झा हैं. दस दिनों तक चलने वाले शारदीय नवरात्र के अष्टमी के दिन यहां खिचड़ी का भोग लगाया जाता है. अन्य वर्षों की तरह यहां भव्य पंडाल का निर्माण किया जा रहा है. पंडाल निर्माण में कोलकाता के कारीगर जुटे हैं. मेला कमेटी अध्यक्ष ने कहा कि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी नहीं हो़, इसका पूरा इंतजाम रहेगा. पूजा अर्चना भक्तिभाव से की जायेगी. मेला कमेटी के संरक्षक ने कहा कि इस बार भी भव्य पूजा पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है. मेला कमेटी के अध्यक्ष डीएमओ डॉ अनिल कुमार ने कहा कि हर साल की तरह इस बार भी श्रद्धापूर्वक पूजा अर्चना की जायेगी. पिछले वर्ष से प्रसाद के रूप में खीर भी बांटा जाता है. फोटो – सहरसा 02 – पूर्वी रेलवे दुर्गा मंदिर
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है