अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की चल रही तैयारी, विभिन्न जगहों पर आयोजित होंगे कार्यक्रम योग के प्रति नहीं दिख रही बड़ी उत्सुकता प्रतिनिधि, सहरसा योग से रोगों का निदान ही संभव नहीं है. बल्कि इससे निरोग जीवन भी प्राप्त होता है. ऐसा सभी जान भी रहे हैं. लेकिन इसके लिए लोग नियमित समय नहीं निकाल पा रहे हैं. जिससे लोग इसके प्रति उदासीन हो रहे हैं. आज योग भारत से निकलकर विश्व स्तर पर अपनी बडी उपस्थित दर्ज करायी है. विश्व के अनेक देशों में आज योग घर घर पहुंच गया है. लेकिन जहां से इसकी शुरुआत हुई, वहां ही लोग इसे भूलते जा रहे हैं. आज एक बार फिर 21 जून को हम 10वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने जा रहे हैं. लेकिन इसके लिए अब उत्साह की जगह खानापूर्ति नजर आ रही है. दस वर्ष पूर्व जब अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी तो इसे बडे पैमाने पर हर गांव शहर एवं सार्वजनिक स्थलों पर लोग योग शिक्षा लेने जुटे थे. योग एक महत्वपूर्ण अंग बनता दिख रहा था. जगह जगह योग शिक्षा केंद्र संचालित हो रहे थे. लेकिन धीरे धीरे इस पर ग्रहण का दौर शुरू हो गया. अब कुछ जगहों पर योग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. वहां वैसे लोग पहुंच रहे हैं जो लंबी बीमारी से परेशान हैं. इससे छुटकारा के लिए ऐसा करने पर विवश हैं. जबकि बच्चों से लेकर युवा पीढ़ी तक को योग अपनाने की जरूरत है. जिससे उन्हें निरोगी काया मिल सके. लेकिन इसके प्रति युवा वर्ग उदासीन हो रहे हैं. आज फिर से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस एक कार्यक्रम बनकर रहने वाला है. कुछ जगहों पर खानापूर्ति कर दिवस मना लिया जायेगा. जबकि इसे घर घर पहुंच बनाने की जरूरत है. योग प्रशिक्षक संजू दीदी जगा रही है अलख आज योग प्रशिक्षक संजू दीदी लोगों के बीच योग का अलख जगाने में जुटी है. विभिन्न तरह के आसन के माध्यम से रोगों से मुक्ति का राज बताने में जुटी है. हजारों लोग योग के माध्यम से लाभान्वित हुए हैं एवं हो रहे हैं. संजू दीदी ने कहा कि योग शरीर के हर कोशिका को स्वस्थ एवं बेहतर बनाने की दिशा में काम करता है. आज कल इस भाग दौड़ की दुनिया में स्वास्थ की समस्या बहुत बढ़ गयी है. लोग बेमौत मर रहे हैं. हर्ट अटैक कहां कैसे हो रहा है, इंसान को पता भी नहीं चलता. जो जहां है वहीं पर अटैक आया और ढेर हो जा रहे हैं. ऐसी परिस्थिति में योग सिर्फ शरीर को ही नही बल्कि मन को भी शांति एवं एकाग्रचित करती है. योग के अभ्यास से शांतिपूर्ण मन से समाज के कल्याण के लिए निर्णय लेने में भी फायदा होता है. योग एक ही बीमारी से नहीं सभी बीमारियों से बचाता है. योग करके हम पूर्ण रूप से स्वस्थ एवं निरोग हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि उनके योग साधना केंद्र पर प्रत्येक दिन योगाभ्यास कराया जाता है. हर वर्ष हजारों लोग यहां से स्वास्थ्य लाभ लेते हैं. प्रत्येक दिन सबको एक घंटे योग करना चाहिए. 21 जून को विश्व योग दिवस है. इस योग दिवस को पूरा देश महापर्व के रूप में मनाते आ रहा है. इस योग दिवस से लोगों को एक नयी प्रेरणा मिलती है. योग के प्रति धीरे-धीरे हर घर, मोहल्ला, टोला, समाज सभी जागरूक हो रहे हैं. जल्द ही हमारा देश योगमय होगा एवं योग के मामले में देश विश्व गुरु कहलायेगा. सभी रोगों में योग से मिलता है तत्काल लाभ योग गुरू आचार्य प्रभाकर बच्चों से लेकर युवा एवं बुजुर्गों को लगातार जागरूक करने में जुटे हैं. खासकर विद्यालयों में जाकर छोटे-छोटे बच्चों को योग का प्रशिक्षण देते योग के प्रति जागरूक भी कर रहे हैं. जिले के सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के साधना स्थल खजुरी में लक्ष्मीनाथ योगपीठ के माध्यम से वे नियमित रूप से योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा शिविर आयोजित कर जागरूक करने में जुटे हैं. दूर दूर से कोसी दियारा के साधक भी स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि गुरु से योग की शिक्षा प्राप्त कर योग के प्रचार प्रसार में दो दशकों से समर्पित हैं. मिथिला के अद्भुत संत शिरोमणि लक्ष्मीनाथ गोसांई के योग से सभी परिचित हैं. अपने योगबल से आठों सिद्धी प्राप्त कर परमहंस पद से विभूषित हुए. आज उस भूमि में एक भी स्थान पर विधिवत रूप से ना ही योग पाठशाला है. ना ही कहीं योग की पढ़ाई ही मिथिला में हो रही है. भारत सरकार सभी सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थानों में योग को शिक्षा से जोड़ने का भरपूर प्रयास कर रही है. अब जब पूरी दुनियां चिकित्सक, विज्ञान योग को स्वीकार किया तो फिर हम योग से कैसे दूर रहें. योग करके ही मानव स्वस्थ जीवन जी सकता है. सभी रोगों में योग से तत्काल लाभ मिलता है. जिसमें कुछ बीमारी तो सिर्फ प्रसन्नता से ही दूर हो जाती है. योग के नियमित अभ्यास से बीमारी खुद ठीक हो जाता है. उन्होंने कहा कि बिना गुरु के योग अभ्यास नहीं करें. किताब से पढ़कर मोबाइल देखकर भी योग अभ्यास नहीं करें. गुरु के सानिध्य में किया गया योग निश्चित रूप से फलीभूत होता है. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष भी विश्व योग दिवस मौके पर लक्ष्मीनाथ योग ट्रस्ट द्वारा जिले के पांच स्थानों में योग शिविर लगाया गया था. वे जिला सहित बिहार के कई जिलों में एवं देश के कोने-कोने में जाकर योग का प्रचार प्रसार दो दशक से कर रहे हैं.
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