साहिबगंज-पूर्णियां भाया कटिहार फोरलेन सड़क का रूट बदला गया, भड़के ग्रामीणों ने जताया विरोध
राष्ट्रीय राजमार्ग 131ए अंतर्गत निर्माणाधीन साहिबगंज-पूर्णियां भाया कटिहार फोरलेन पर कटिहार से बठेली, मधेपुरा, रक्सा, जबरा, प्राणपुर सहित बारसोई बंगाल को जोड़ने वाली मुख्य सड़क मार्ग को सीमांचल बीएड कॉलेज के पास रूट को बदला गया है. इस वजह से ग्रामीणों में रोष का माहौल है.
कटिहार: राष्ट्रीय राजमार्ग 131ए अंतर्गत निर्माणाधीन साहिबगंज-पूर्णियां भाया कटिहार फोरलेन पर कटिहार से बठेली, मधेपुरा, रक्सा, जबरा, प्राणपुर सहित बारसोई बंगाल को जोड़ने वाली मुख्य सड़क मार्ग को सीमांचल बीएड कॉलेज के पास रूट को बदल कर सड़क को पश्चिम दक्षिण रेलवे लाइन से पुन: उत्तर दिशा की ओर आरडब्लूडी सड़क से जोड़ने से दूरी बढ़ रही है.
ग्रामीणों ने जताया विरोध
बता दें कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से इलाके का ग्रामीण इसे सही नहीं मान रहे हैं. लोग विरोध कर रहे है. मामले को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े संबंधित अधिकारियों के पास लिखित रूप से विरोध कर कटिहार से सोनौली 24 300 प्वाइंट पर अंडर पास पुल निर्माण की मांग कर रहे हैं. गरभेली संघर्ष समिति के बुलावे पर स्थिती का जायजा लेने पहुंचे राजद प्रदेश महासचिव समरेंद्र कुणाल ने कहा कि इलाके के ग्रामीणों का विरोध वाजिब है.
उन्होनें कहा कि अपराध के दृष्टिकोण से यह इलाका हमेशा से संवेदनशील बना रहता है. रूट बदलने से महिला राहगीरों छात्राओं व्यवसायियों के साथ लूटपाट छीन छोर छेड़खानी और बढ़ जायेगी. उन्होने जिला प्रशासन से मामले में हस्तक्षेप करने की अपील किया है. 23 जनवरी से आंदोलन होगा. इस अवसर पर पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष जाकिर हुसैन, मुखिया प्रतिनिधि गणेश कुमार मंडल, समिति प्रेम कुमार मंडल समेत दर्जनों लोग शामिल थे.
बिहार को झारखंड से जोड़ेगा फोरलेन, घटेगी दूरी
निहारी व झारखंड के साहिबगंज के बीच गंगा पर पुल का निर्माण कार्य लगभग अंतिम चरण में है. यह पुल बिहार को झारखंड राज्य को आपस में जोड़ेगा, तथा आर्थिक उन्नति का द्वार भी खोलेगा. दोनों राज्यों के बीच व्यापारिक, आर्थिक व सांस्कृतिक विकास को नया आयाम मिलेगा. इस पुल के निर्माण से समय व लागत की बचत भी लोगों को होगी.
इसके साथ ही मनिहारी के नरेनपुर (नारायणपुर)से पूर्णिया तक फोरलेन सड़क(राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 131ए) का निर्माण भी शुरु है. पुल व सड़क निर्माण से सीमांचल के विकास को एक नई रफ्तार मिलनी तय है. इस क्षेत्र के आर्थिक विकास को पंख लगने तय हैं. पूर्वोत्तर भारत का शेष भारत से जुड़ाव का यह सुलभ मार्ग होगा. इससे औद्योगिक विकास की एक नई संभावना भी पैदा होगी.