Salary Grade Pay : सरकारी कर्मचारियों को ये जान लेना है जरूरी, अब इस आधार पर होगा ग्रेड पे का निर्धारण

MACPS के अंतर्गत वित्तीय उन्नयन प्रदान करने को लेकर आदेश जारी किये गए हैं. अब कर्मचारियों को जारी निर्देश के अनुसार ही वेतन का लाभ मिलेगा. सामान ग्रेड (same grade pay) पर सातवें वेतनमान (7th cpc) के तहत समान लेवल और पद संवर्ग से दूसरे पदोन्नति (promotion) पर उनके लिए नवीन वेतनमान तय किए गए हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 16, 2022 6:48 PM

पटना. सरकारी कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर है. 7th pay commission कर्मचारियों के लिए एक आदेश जारी किया गया है. अब कर्मचारियों को जारी निर्देश के अनुसार ही वेतन का लाभ मिलेगा. सामान ग्रेड (same grade pay) पर सातवें वेतनमान (7th cpc) के तहत समान लेवल और पद संवर्ग से दूसरे पदोन्नति (promotion) पर उनके लिए नवीन वेतनमान तय किए गए हैं.

एमएसीपीएस के अंतर्गत वित्तीय उन्नयन को लेकर आदेश

समान ग्रेड पे/लेवल (7वें CPC) वाले पद/संवर्ग से दूसरे पद/संवर्ग में नियुक्त कर्मचारियों को एमएसीपीएस के अंतर्गत वित्तीय उन्नयन प्रदान करने को लेकर आदेश जारी किये गए हैं. वरिष्ठ वाणिज्यिक लिपिक (GP 2800/वेतन स्तर 5) से पूछताछ सह आरक्षण लिपिक (GP 2800/वेतन स्तर 5) और वरिष्ठ वाणिज्यिक लिपिक (GP 2800/वेतन स्तर 5) से नियुक्ति की गणना न करके एमएसीपीएस लाभ प्रदान करने के संबंध में मामला बोर्ड कार्यालय में गुड्स गार्ड (GP 2800/पे लेवल 5) विचाराधीन है.

इनको मिलेगा MACPS का लाभ

यह निर्णय लिया गया है कि ऐसे कर्मचारियों को MACPS लाभों को विनियमित करते समय सीनियर कमर्शियल क्लर्क (GP 2800/पे लेवल 5) से गुड्स गार्ड्स (GP 2800/पे लेवल 5) और सीनियर कमर्शियल क्लर्क (GP 2800/पे लेवल 5) में नियुक्ति की जाए.

रेल कर्मचारियों पर लागू होगी

वहीं, पूछताछ सह आरक्षण लिपिक (जीपी 2800 / वेतन स्तर 5) को पदोन्नति के रूप में नहीं माना जाना चाहिए और इसलिए, एमएसीपीएस के तहत वित्तीय उन्नयन प्रदान करने के उद्देश्य से नहीं माना जा सकता है. इसे रेल मंत्रालय के वित्त निदेशालय की सहमति से जारी किया जा रहा है. बता दें कि ये मुद्दा NFIR द्वारा पीएनएम फोरम में मद संख्या 15/2021 के रूप में उठाया गया है. MACPS को माडिफाइड एश्‍योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन योजना के नाम से जाना जाता है, यह योजना पूर्व ACP योजना को प्रतिस्थापित करती है और संगठित समूह ‘क’, ‘ख’ और ‘ग’ के रेल कर्मचारियों पर लागू होगी. समूह ‘घ’ कर्मचारी को समूह ‘ग ’ माना जाता है.

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