खर्च का हिसाब नहीं देने के कारण बिहार के सभी डीइओ का रोका गया वेतन
राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों का मई से वेतन रोक दिया गया है. दरअसल प्रदेश के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी अपने अपने जिलों के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रयोगशाला उपकरण और दूसरे संसाधनों पर खर्च की गयी राशि का विवरण माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को उपलब्ध नहीं करा पाये हैं.
पटना : राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों का मई से वेतन रोक दिया गया है. दरअसल प्रदेश के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी अपने अपने जिलों के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रयोगशाला उपकरण और दूसरे संसाधनों पर खर्च की गयी राशि का विवरण माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को उपलब्ध नहीं करा पाये हैं.
जानकारी के मुताबिक माध्यमिक शिक्षा निदेशक गिरिवर दयाल सिंह ने इस संबंध में जून माह भी एक आधिकारिक पत्र लिखा था. उन्होंने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को चेतावनी देेते हुए कहा है कि मांगी गयी जानकारी हर हाल में 16 सितंबर तक उपलब्ध नहीं करायी गयी तो सख्त नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी.
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक वर्ष प्रयोगशाला उपकरणों के लिए वित्तीय वर्ष 2017-18 में राशि का प्रबंध किया था. इसके लिए माध्यमिक-उच्च माध्यमिक स्कूलों को दो अरब से अधिक की राशि दी गयी थी. इस राशि से उच्च माध्यमिक स्कूलों को उपस्करों की खरीद की राशि का इंतजाम सरकार ने विभिन्न मदों से किया था. 2000 प्लस टू स्कूलों को प्रति स्कूल पांच लाख के मुताबिक एक अरब दिए गए थे.
हालांकि राशि देने के बाद भी प्रदेश के सैकड़ों माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों ने तो उनके उपयोगिता प्रमाण पत्र ही नहीं दिये. कुछ जगहों पर जांच के दौरान यह बात निकल कर आयी कि प्रयोगशाला उपकरण खरीदे ही नहीं गये और भुगतान कर दिया गया.
posted by ashish jha