भागलपुर. पिछले दिनों शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी एवं निजी स्कूल को यू-डायस पोर्टल पर स्टूडेंट्स का प्रोफाइल अपलोड करने का आदेश दिया था. सख्त आदेश जारी होने के बाद भी अपलोड करने में लापरवाही किया गया. इससे नाराज जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान देवनारायण पंडित ने भागलपुर जिले के सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के वेतन पर रोक लगा दिया है. भेजे पत्र में कहा गया है कि जब तक 80 प्रतिशत तक डाटा अपलोड नहीं हो जाता है, तब तक वेतन जारी नहीं किया जायेगा. साथ ही कहा है कि छात्र प्रोफाइल की इंट्री के साथ ही शालासिद्धी कार्यक्रम अंतर्गत स्कूल के स्व मूल्यांकन के प्रपत्र को अपलोड करने में पीछे हैं, जो लापरवाही दिखाता है. यह चिंताजनक स्थिति है.
बता दें कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान देवनारायण पंडित ने बीइडीएमसी के डाटा ऑपरेटर को आदेश दिया है. इसमें कहा गया है कि कम से कम वो पांच स्टूडेंट्स के प्रोफाइल का डाटा इंट्री रोज करें. साथ ही स्कूल प्राचार्य के सामने उनके आइडी से स्व मूल्यांकन प्रपत्र को अपलोड करें. इसके अलावा वसुधा केंद्र, कैफे, सीएससी सेंटर समेत अन्य माध्यम से डाटा यू-डायस पोर्टल पर इंट्री अपलोड करने का आदेश दिया गया है.
जिले के गोपालपुर, इस्माइलपुर, जगदीशपुर, कहलगांव, नारायणपुर, नाथनगर, नवगछिया, सबौर, सन्हौला से स्व मूल्यांकन प्रपत्र को भरने की स्थिति शून्य है. शाहकुंड, इस्माइलपुर, नवगछिया, नाथनगर, जगदीशपुर और सन्हौला में एक भी स्टूडेंट प्रोफाइल इंट्री नहीं किया गया है. इस मामले में राज्य मुख्यालय द्वारा संभाग प्रभारी का वेतन स्थगित कर दिया गया है.
सरकार यू-डायस पोर्टल को लेकर गंभीर है. इससे शिक्षा विभाग के पास भी सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का कक्षावार डिटेल, कैटेगरी, अभिभावकों का डिटेल भी आसानी से प्राप्त हो सकेगा. इससे विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ विद्यार्थियों तक पहुंचाने की प्लानिंग करने में भी सुविधा होगी. इससे पहले यू-डायस पोर्टल पर स्कूल एंड फैसिलिटी प्रोफाइल और टीचर्स प्रोफाइल के डिटेल ही अपलोड किये जाते थे. जिले के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों को जिला शिक्षा पदाधिकारी की ओर से फरवरी में ही स्टूडेंट प्रोफाइल अपडेट करने का निर्देश दिया गया था.
काम से नाराज होकर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने सभी बीईओ को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि इस काम को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही सहन नहीं होगी. आदेश के बाद भी अगर कार्य में सुधार नहीं होगा, तो इसके खिलाफ मुख्यालय को पत्र लिख कर विभागीय कार्रवाई का आग्रह किया जायेगा.