ऑन ड्यूटी महिला सिपाही ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट ने खोल दिए राज, कई पुलिस अधिकारी जांच के घेरे में
मृत सिपाही की मां बच्ची देवी ने सार्जेंट मेजर नयन कुमार एवं समस्तीपुर एसपी के विरुद्ध नगर थानाध्यक्ष को लिखित आवेदन (शिकायत) दिया है.
समस्तीपुर में ऑन ड्यूटी महिला सिपाही के आत्महत्या के मामले में सुसाइड नोट के सामने आने के बाद पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. कहा जा रहा है कि सार्जेंट मेजर व वरीय अधिकारियों के रवैये से वह डिप्रेशन में थी. महिला सिपाही अर्चना कुमारी ने मरने से पहले दो पेज का सुसाइड नोट भी लिखा था. इसका फोटो अपने भाई एवं पति के व्हाट्सएप पर भेजकर उसने अपने ही कार्यालय (इवीआर 112 के कंट्रोल रूम) में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली. घटनास्थल से पुलिस ने महिला सिपाही का लिखा सुसाइड नोट भी बरामद किया है. सुसाइड नोट में सार्जेंट मेजर नयन कुमार के साथ कई वरीय अधिकारियों पर उसने प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है.
इधर, मृत सिपाही की मां बच्ची देवी ने सार्जेंट मेजर नयन कुमार एवं समस्तीपुर एसपी के विरुद्ध नगर थानाध्यक्ष को लिखित आवेदन (शिकायत) दिया है. हालांकि नगर थानाध्यक्ष द्वारा इस आवेदन पर एफआइआर दर्ज करने से इनकार कर दिया गया है. इस वजह से अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी थी. मृतका के भाई आवेदन की रिसीविंग के लिए नगर थाना से एसपी कार्यालय के बीच चक्कर लगा रहे थे. बताया जाता है कि सुसाइड नोट एवं उसकी मां के द्वारा की गयी लिखित शिकायत से पूरे महकमे में हड़कंप मच गया है. उधर, एसपी विनय तिवारी ने फिलहाल इस घटना की जांच के लिए एसआइटी का गठन कर दिया है. इसकी जानकारी उन्होंने पुलिस के सोशल मीडिया से दी है.
महिला सिपाही अर्चना का पति सुमन कुमार भी समस्तीपुर जिला बल का सिपाही है. पिछले दो महीने से वह निलंबित है. सुसाइड नोट एवं उसकी मां की लिखित शिकायत के अनुसार अर्चना अपने पति के निलंबन और सरकारी क्वार्टर खाली करने को लेकर वरीय अधिकारियों द्वारा दिये जा रहे दबाव से डिप्रेशन में थी. पति के निलंबन अवधि में जीवनयापन भत्ता तक बंद किये जाने, उसके नाम पर सरकारी आवास आवंटन किये जाने एवं उसके एवज में वेतन से कटौती करने के बाद भी आवास से निकाले जाने के दबाव के कारण वह काफी परेशान थी.
बच्चों को भी काफी दिक्कत हो रही थी. जिसे वह बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी. निलंबन वापस करवाने को लेकर वह लगातार मुख्यालय डीएसपी एवं एसपी से मिल रही थी. किसी ने उसकी बात नहीं सुनी. मृत सिपाही के पति सुमन ने बताया कि बुधवार को उनकी पत्नी अर्चना मुख्यालय डीएसपी से मिलने गयी थी. उन्होंने इस मामले में अपने हाथ खड़े कर लिये. उसे वापस कर दिया. इससे वह डिप्रेशन में चली गयी. ड्यूटी पर कंट्रोल रूम में जाकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
सुसाइड नोट में लिखा- हार गयी मैं भैया सब आपलोगों सेमहिला सिपाही अर्चना का सुसाइड नोट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें मृत सिपाही अपने पति एवं तीनों बच्चों के साथ ही मां से माफी मांगी है. साथ ही अपने विभाग के अधिकारियों को कोट करते हुए लिखा है कि- हार गयी मैं भैया सब आपलोगों से. दो पन्ने के सुसाइड नोट में पति को निलंबनमुक्त कराने को लेकर अधिकारियों के यहां चक्कर लगाकर थक जाने और सरकारी आवास आवंटन को लेकर प्रताड़ित करने की बात कही है. साथ ही उसमें सार्जेंट मेजर द्वारा पति के विरुद्ध गलत रिपोर्ट कर एसपी को बरगलाने और उसे निलंबित करवा देने की बात भी लिखी है. उसने सरकारी आवास के आवंटन को लेकर लिखा है कि काफी कोशिश के बाद उसके नाम से जून माह में एक सरकारी आवास आवंटन किया गया था. इसके एवज में उसके वेतन से कटौती भी की जा रही थी.
वह सार्जेंट मेजर एवं डीएसपी साहब के मौखिक आदेश पर सरकारी आवास में शिफ्ट कर गयी थी. उसके बाद सार्जेंट मेजर ने उनपर (पति पर) बिना आदेश का ताला तोड़कर आवास में घुस जाने का आरोप लगाया. उन्हें सबके सामने में प्रताड़ित किया. इतना ही नहीं आवास खाली करने को लेकर दबाव भी डाला. इस वजह से उन्हें आवास भी छोड़ना पड़ा. उसके पति को सस्पेंड भी करवा दिया गया. वह अपनी समस्याओं को लेकर एसपी, डीएसपी, सार्जेंट मेजर सभी के यहां गुहार लगायी, लेकिन कहीं उसकी बातों को नहीं सुना गया. इस वजह से तंग आकर उसने आत्महत्या करने का निर्णय लिया है. उसने अपने सुसाइड नोट के माध्यम से वरीय अधिकारियों से अपील की है कि छोटे कर्मियों पर किसी तरह की कार्रवाई करने से पहले कम से कम एक बार जांच जरूर क रवा लें.
बच्ची बोली : डीएसपी साहब झूठ बोले इसलिए मां मर गयीमहिला सिपाही अर्चना के तीन बच्चे हैं. अर्चना की शादी करीब 8 साल पहले हुई थी. बड़ी बेटी अनीश 6 साल की है. अनुष्का चार साल की और अभिनव 2 साल का है. पिता और नानी को रोता देख बच्चों का भी रो-रोकर बुरा हाल था. सदर अस्पताल में बड़ी बेटी ने घटना को लेकर पूछे जाने पर जो बोली वह कलेजा को तार-तार कर गया. उसका कहना था कि डीएसपी साहब झूठ बोले इसलिए मां मर गयी. उसका कहना था कि डीएसपी साहब के कहने पर ही पापा मम्मी सरकारी आवास में रहने को गये थे, लेकिन डीएसपी साहब ने कहा कि मैं नहीं बोला था.
आग की तरह फैल गयी थी घटना की सूचनाबुधवार की शाम करीब पौने दस बजे नगर थाना कैंपस में स्थित 112 कंट्रोल रूम में ऑन ड्यूटी महिला सिपाही अर्चना कुमारी के आत्महत्या कर लिये जाने की सूचना कुछ ही पल में आग की तरह फैल गयी थी. बताया जाता है कि कमरे को अंदर से बंद कर अर्चना ने दुपट्टे के सहारे फांसी लगा ली थी. उसने फांसी लगाने से पहले सुसाइड नोट लिखकर पति एवं कुछ लोगों को व्हाट्सएप कर दिया था. इसके वायरल होते ही पुलिस कर्मी कंट्रोल रूम की ओर दौड़े. गेट को तोड़कर उसे फंदे से उतारा गया. तत्काल सदर अस्पताल पहुंचाया गया. तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. इसी बीच पति सुमन भी पहुंच गया था. उसका रो-रोकर बुरा हाल था.
इस घटना के जिम्मेवार अधिकारियों के विरुद्ध वह रोते-रोते कई गंभीर आरोप भी लगा रहा था. घटना की सूचना मिलते ही एसपी विनय तिवारी के साथ मुख्यालय डीएसपी अमित कुमार, सदर डीएसपी संजय कुमार पांडेय, नगर थानाध्यक्ष विक्रम आचार्य के साथ साथ भारी संख्या में पुलिसकर्मी सदर अस्पताल पहुंच गये थे. गुरुवार को सुबह परिजनों के पहुंचने के बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर शव को परिजनों को सौंप दिया. परिजन इस मामले में दोषी अधिकारियों के विरुद्ध केस दर्ज कर कार्रवाई की मांग पर अड़े थे. बाद में पुलिस एसोसिएशन के अधिकारियों की पहल पर मृत सिपाही की मां ने घटना की लिखित शिकायत पुलिस को दी. इसके बाद वह शव को अंतिम संस्कार के लिए गया ले गये.