बेरहम बाप: पिता ने बेटी को गर्म सलाखों से दागा…, कान उखाड़ा, जानें क्या था कसूर..
पांच वर्षीया बच्ची बिना घर बंद किये खेलने चली गयी. इसका फायदा उठा घर में रखे कुछ पैसे किसी ने चुरा लिया. इसी बात पर उसने आपा खो दिया. गुस्से में अपनी ही नन्हीं जान को बुरी तरह पीट दिया. पिता बच्ची को 45 किमी दूर सदर अस्पताल ठेले पर लादकर लाया था.
समस्तीपुर के पटोरी थाने के धमौन गांव में पिता ने अपनी नन्हीं जान की बेरहमी से पिटाई कर दी. बुरी तरह जख्मी बच्ची का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है. पिता ने बच्ची का कान उखाड़ दिया. उसका बायां पैर तोड़ दिया. इससे भी दिल नहीं भरा तो, उसे बांध कर गर्म सलाखों से दाग दिया. उसके चेहरे पर भी जख्म है. उस पर पट्टी लगी है. सदर अस्पताल में भर्ती पांच वर्षीया शिवानी दर्द से कराह रही है. वह नर्स से बिठाने के लिए रो-रोकर कह रही थी. पैर टूटने के कारण उसे बिठाया नहीं जा सकता था. बुरी तरह मारने-पिटने, दागने के बाद बच्ची को उसका पिता मंटू राय ठेले पर लादकर गांव से सदर अस्पताल इलाज कराने का आया था.
उसने बताया कि उसकी पत्नी उसे और तीन बच्चों को छोड़कर चली गयी है. वह ठेला चलाकर गुजर बसर करता है. उसकी पांच वर्षीया बच्ची बिना घर बंद किये खेलने चली गयी. इसका फायदा उठा घर में रखे कुछ पैसे किसी ने चुरा लिया. इसी बात पर उसने आपा खो दिया. गुस्से में अपनी ही नन्हीं जान को बुरी तरह पीट दिया. पिता बच्ची को 45 किमी दूर सदर अस्पताल ठेले पर लादकर लाया था. एक ढाई वर्ष का बच्चा भी उसके साथ था. पिता गुस्से में हुई गलती के लिये बहुत अफसोस भी कर रहा था. उसे इस बात का डर भी सता रहा था कि कहीं केस न हो जाये. केस होने पर जेल चला जायेगा, तो उसके बच्चों को कौन देखेगा.
उसका कहना था कि मोटर वाला ठेला आ जाने से इस ठेले को भाड़ा भी कम मिलता है. जैसे-तैसे बच्चों और अपना भोजन जुटा पाता है. वह इलाज में होने वाले खर्च के लिए अपने ठेले पर एक बोरा गेहूं भी लादकर लाया था.कहा कि जरूरत पड़ने पर इसे बेच कर बच्ची का इलाज करायेंगे. इधर, बाल संरक्षक इकाई की सहायक निदेशक पूजा कुमारी ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. बच्चे को उचित संरक्षण दिया जायेगा. इधर, घटना के लिए जिम्मेवार पीड़ित बच्ची के पिता को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.