प्रथम श्रेणी के लिए लेते थे Rs 10 से 30 हजार!
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इंटर आर्ट्स टॉपर प्रकरण
समस्तीपुर : इंटर टॉपर प्रकरण मामले में परत दर परत खुलासे के बाद शिक्षा विभाग ने देर से ही सही कार्रवाई शुरू कर दी. इसी कड़ी में निदेशक प्रशासन माध्यमिक शिक्षा ने संजय गांधी उच्च विद्यालय, शिवाजीनगर के एचएम को पत्र भेज कर बोर्ड के द्वारा हटाये गये कला संकाय के टॉपर गणेश कुमार की उम्र में हुई हेराफेरी के मामले में स्पष्टीकरण पूछा है. साथ ही कई बिंदुओं पर जबाव तलब करते हुए एक सप्ताह के अंदर उत्तर मांगते हुए कहा है कि इस तरह की गड़बड़ी के लिए क्यों न संबद्धता को रद्द कर दिया जाये. इस पत्र के जारी होने के बाद से डीइओ कार्यालय के कर्मचारियों के बीच चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है.
इधर, पटना पुलिस की टीम चकहबीब में आरएनजेएसएन उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रिंसिपल और कमेटी के सदस्यों की
प्रथम श्रेणी के
तलाश में छापेमारी कर रही है. शिक्षा विभाग के सूत्र बताते हैं कि संजय गांधी विद्यालय में विगत कई सालों से फर्जीवाड़े का खेल चल रहा था. विद्यालय प्रशासन सेंटर मैनेज कर छात्रों को प्रथम श्रेणी पास कराने के नाम पर 10 से 30 हजार रुपये तक लेते थे. सूत्रों की मानें, तो पुलिस ने एक रजिस्टर बरामद किया है जिसमें कई छात्रों का नामांकन है. उनसे नौवीं में फाॅर्म भराने से लेकर दसवीं में प्रथम श्रेणी से पास कराने के लिए आठ हजार से 30 हजार रुपये लेने का हिसाब है. इसकी जांच चल रही है. वितरिहत विद्यालय होने के कारण फॉर्म और दाखिले के नाम पर अभिभावकों से वसूली होती थी. उक्त विद्यालय में धांधली और फर्जीवाड़े की शिकायत 2015 से की जा रही है. मुखिया ने डीइओ, बोर्ड ऑफिस में भी शिकायत की थी. हालांकि डीइओ बीके ओझा ने शिकायत करने से संबंधित बातों को सिरे से खारिज किया है.
जेल में बंद संजय गांधी उवि के एचएम से विभाग ने मांगा स्पष्टीकरण
रद्द हो सकती है विद्यालय की मान्यता
आरएनजेएसएन उमावि के प्रिंसिपल व कमेटी के सदस्यों की खोज में पहुंची पटना पुलिस