भतीजी से दुष्कर्म करनेवाले चाचा को उम्र कैद

न्यायाधीश ने 25 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया शिवहर जिले के मोहन बराही गांव का है आरोपित सीतामढ़ी जीआरपी थाने में दर्ज किया गया था मामला समस्तीपुर : नाबालिग भतीजी को हवस का शिकार बनाने वाले आरोपित को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है. आरोपित शिवहर जिले के मोहन बराही गांव का रहने वाला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 9, 2017 3:58 AM

न्यायाधीश ने 25 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया

शिवहर जिले के मोहन बराही गांव का है आरोपित
सीतामढ़ी जीआरपी थाने में दर्ज किया गया
था मामला
समस्तीपुर : नाबालिग भतीजी को हवस का शिकार बनाने वाले आरोपित को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है. आरोपित शिवहर जिले के मोहन बराही गांव का रहने वाला है. न्यायाधीश ने 25 हजार रुपये का अर्थदंड भी सुनाया है. जीआरपी सीतामढ़ी में दर्ज मामले में सुनवाई के दौरान प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह पोस्को विशेष न्यायाधीश मो. इरशाद अली ने गुरुवार को यह फैसला सुनाया. जानकारी के अनुसार, पीड़िता के पिता नेपाल में ईंट भट्ठा पर मजदूरी करते थे.
इसी दौरान गांव में रहने वाली पीड़िता की मां बीमार पड़ गयी. उसे देखने के लिए पीड़िता के पिता गांव चले गये और अपनी नाबालिग पुत्री को मोहन बरारी गांव के ही उनके साथ काम करने वाले एक मजदूर के पास अपनी पुत्री को छोड़ गये. वह व्यक्ति रिश्ते में पीड़िता का चाचा लगता था. बताया जाता है कि अकेला पाकर उसने उस नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया तथा उसे भरोसा दिया कि गांव जाकर उसके साथ वह शादी कर लेगा. पीड़िता ने यह भी बताया था कि आरोपित उसे ट्रेन से लेकर घर ले जा रहा था.
इसी बीच ट्रेन में उसने पुलिस को सारी बात बतायी. इसको लेकर सीतामढ़ी स्थित जीआरपी थाना में उसे लाकर उसका बयान दर्ज कर प्राथमिकी दर्ज की गयी. यह प्राथमिकी 26 अप्रैल 15 को दर्ज की गयी थी. इस मामले की सुनवाई करते हुए प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह पास्को विशेष न्यायाधीश मो इरशाद अली ने दुष्कर्म के आरोपित 60 वर्षीय एक व्यक्ति को उम्रकैद की सजा सुनायी. साथ ही पास्को एक्ट की धारा 6 के तहत उम्रकैद एवं नाबालिग के अपहरण मामले में 10 वर्ष सश्रम कारावास के साथ-साथ 50 हजार रुपये अर्थदंड भी सुनाया. सुनवाई के दौरान अपर लोक अभियोजक पास्को विनोद कुमार तथा बचाव पक्ष की ओर से राम किशोर राय ने न्यायालय में अपना-अपना पक्ष रखा.

Next Article

Exit mobile version