अवैध निर्माण पर कसेगा शिकंजा
समस्तीपुर : शहर में भवनों की जीआइसी मैपिंग हो चुकी है. नगर परिषद अब इस तकनीक का सहारा लेते हुए कार्रवाई की प्रक्रिया में जुटी है. जीआइसी मैपिंग होने से नगर परिषद क्षेत्र में अवैध निर्माण पर शिकंजा कसेगा. नगर प्रशासन एक क्लिक से ही शहर के किसी भी हिस्से में हो रहे निर्माण अथवा […]
समस्तीपुर : शहर में भवनों की जीआइसी मैपिंग हो चुकी है. नगर परिषद अब इस तकनीक का सहारा लेते हुए कार्रवाई की प्रक्रिया में जुटी है. जीआइसी मैपिंग होने से नगर परिषद क्षेत्र में अवैध निर्माण पर शिकंजा कसेगा. नगर प्रशासन एक क्लिक से ही शहर के किसी भी हिस्से में हो रहे निर्माण अथवा अवैध निर्माण का पता लगा सकेगा. एक क्लिक से नगर परिषद के तहत बने भवनों के लोकेशन का पता चल जायेगा. बता दें कि नप क्षेत्र में करीब तेरह हजार भवन निर्मित हैं, जबकि नप के पास फिलवक्त करीब आठ हजार घरों से ही होल्डिंग टैक्स की वसूली की जा रही है.
क्या है जीआइएस : नप के सिटी मैनेजर अरविंद कुमार ने बताया कि जिओग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम यानी जीआइएस की वजह से, ज्योग्राफिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम (जीआइएस) वास्तव में भूगोल की एक प्रमुख शाखा है, जो रिमोट सेंसिंग, डिजिटल तकनीक व हाइटेक विधियों से सुसज्जित यह शाखा पुराने आंकड़ों के साथ-साथ नये आंकड़ों को भी संशोधित व परिमार्जित करती है. इस सिस्टम को रिमोट सेंसिंग तकनीक का समरूप भी कहा जा सकता है.
क्योंकि इसमें किसी भी स्थान की स्थिति को उस स्थान पर जाये बिना ही अपने कंप्यूटर पर देखा एवं बनाया जा सकता है. वहीं कर संग्रहकों को भी जिम्मेवारी सौंपी जायेगी कि वह अपने-अपने वार्ड में बिना नक्शा पास कराये भवन निर्माण कराने वाले लोगों पर कड़ी नजर रखे. नगर निकायों से जुड़ी तमाम सुविधाएं जैसे नक्शा पास करवाने व एनओसी आदि को ऑनलाइन कर दिया गया है. इसके बाद इन सेवाओं की मोबाइल एप भी तैयार की जायेगी.