अब लगेगा स्मार्ट मीटर

कवायद. एलटी बॉक्स खोलेगा बिजली चोरी का पोल समस्तीपुर : शहर को बिजली आपूर्ति की कवायद के क्रम में लाइन लॉस व चोरी सबसे बड़ी चुनौती है. मीटर बाइपास बिजली चोरी व लाइन लॉस के आंकड़े सबसे अधिक हैं. एलइडी बल्ब, पंखे व ट्यब लाइट के जरिये बिजली की खपत कम करने का प्रयास जारी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 10, 2017 4:51 AM

कवायद. एलटी बॉक्स खोलेगा बिजली चोरी का पोल

समस्तीपुर : शहर को बिजली आपूर्ति की कवायद के क्रम में लाइन लॉस व चोरी सबसे बड़ी चुनौती है. मीटर बाइपास बिजली चोरी व लाइन लॉस के आंकड़े सबसे अधिक हैं. एलइडी बल्ब, पंखे व ट्यब लाइट के जरिये बिजली की खपत कम करने का प्रयास जारी है. बिजली चोरी पर अंकुश के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत स्मार्ट मीटर लगाये जायेंगे. जानकारी के मुताबिक, पहले चरण में 20 हजार स्मार्ट मीटर लगाने की कार्य योजना बनायी गयी है. इसमें सरकारी भवनों में प्री पेड व उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाये जायेंगे.
खास, यह है कि उपभोक्ता से मीटर का चार्ज नहीं लिया लायेगा. इस बाबत केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के निदेशक के निर्देश के आलोक में पहल शुरू कर दी गयी है.
मोबाइल फोन से होगा संचालित : स्मार्ट मीटर पूरी तरह आपके मोबाइल फोन से संचालित किया जा सकेगा. इसका माध्यम इंटरनेट बनेगा. लोड, बिजली की खपत, मीटर रीडिंग, बिल भुगतान आदि की सुविधा मिलेगी. स्मार्ट मीटर आवश्यकता के अनुरूप कार्य करेगा. निर्धारित लोड से अधिक बिजली के उपयोग पर रोक लगायेगा. ऐसी स्थिति में बिजली बंद हो जायेगी. मीटर से छेड़छाड़ भी दर्ज कर लेगा.
ट्रांसफॉर्मर में लगेंगे एलटी बॉक्स : एपीडीआरपी, आरएपीडीआरपी योजना के माध्यम से केंद्र सरकार की योजना राज्यों में गुणवत्तापूर्ण बिजली व्यवस्था के साथ ‘लाइन लॉस’ को कम करना है, जिससे भविष्य में हर घर तक बिजली आसानी से पहुंचायी जाये. इन योजनाओं के माध्यम से अच्छे केबल जब लग जायेंगे, तो बिजली सप्लाई व बिजली चोरी के कारण जो लाइन लॉस हो रही है, उसमें कमी आयेगी.
जिले में 12 से 18 फीसदी तक लाइन लॉस है. एलटी बॉक्स (लो टेंशन डिस्टिब्यूशन बॉक्स)ट्रांसफाॅर्मर में लगाने की योजना है. इसके तीन लाभ होंगे. पहला, कितनी बिजली किस उपभोक्ता के घर में उपयोग हो रही है इसका पता चल जायेगा. ट्रांसफॉर्मर से सारी लाइन पहले एलटी बॉक्स में आयेगी. एलटी बॉक्स से ही बिजली उपभोक्ताओं के घरों में जायेगी. इससे कोई उपभोक्ता कितनी बिजली की खपत कर रहा है, बॉक्स के माध्यम से बिजली कर्मियों व अधिकारियों को पता चल जायेगा. इससे पता चल जायेगा कि किस गली व उपभोक्ता के घर मांग से ज्यादा बिजली की खपत हो रही है. उसके बाद विभाग संबंधित उपभोक्ता के विरुद्ध कार्रवाई कर सकता है व लोड बढ़ाने के लिए कहेगा. दूसरा, एलटी बॉक्स में सेफ्टी फ्यूज व एमसीवी लगे होंगे, जो हर मौसम में बिजली व्यवस्था को
सुचारु रखेगी. अगर, किसी कारण बिजली आपूर्ति में दिक्कतें आयीं तो फ्यूज उड़ जायेगी.
निर्धारित लोड से अधिक बिजली के उपयोग पर लगायेगा ब्रेक
शहरी क्षेत्र में प्रति माह औसतन लगभग 52 लाख यूनिट बिजली की आपूर्ति हो रही है. शहरी क्षेत्र में करीब 17 हजार कनेक्शन हैं. इसमें एचटी कनेक्शन चार व एनडीएस कनेक्शन 4403 है. इन्हें प्रतिदिन औसतन अधिक से अधिक 22 घंटे बिजली उपलब्ध हो पा रही है. सिर्फ शहरी क्षेत्र में ही साढ़े तीन करोड़ रुपये की बिजली प्रति माह आपूर्ति की जा रही है. सर्वाधिक राजस्व रेलवे के द्वारा देने के कारण शहर के सामान्य उपभोक्ताओं को भी बेहतर आपूर्ति मिल रही है.

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