सजा की खुशी, मुआवजा नहीं मिलने का मलाल
रोसड़ा : विगत चार वर्ष पूर्व थाना के रानीपरती गांव के एक नासी में छह वर्षीया लड़की से दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में आरोपित हरेकृष्ण सदा को कोर्ट द्वारा फांसी की सजा मिलने पर मृतका की मां एवं पिता काफी खुश हैं. वे बताते हैं कि सजा मिलने की खबर सुनकर आज दिल को […]
रोसड़ा : विगत चार वर्ष पूर्व थाना के रानीपरती गांव के एक नासी में छह वर्षीया लड़की से दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में आरोपित हरेकृष्ण सदा को कोर्ट द्वारा फांसी की सजा मिलने पर मृतका की मां एवं पिता काफी खुश हैं.
वे बताते हैं कि सजा मिलने की खबर सुनकर आज दिल को तसल्ली मिली है. हालांकि, उन्होंने बताया कि अबतक कोई सरकारी सहायता या मुआवजा नहीं मिल सका है. किसी तरह परिवार का भरण पोषण करते हैं. दुष्कर्म पीड़िता की मां सोमनी देवी बताती है कि सजा मिलने में थोड़ी विलंब हुई है, लेकिन फांसी की सजा से मिलने से वह दुख में भी खुशी से झूम उठी. उसने कोर्ट के प्रति आभार व्यक्त किया. पिता विंदा कुरेरी ने कहा कि आज मेरी मृतक पुत्री के आत्मा को शांति मिली होगी. दरिंदों को इसी तरह फांसी की सजा मिले ताकि गांव व समाज में ऐसे लोगों को घटना करने की बात सोचने से पहले उसका रूह कांप जाये.
घटना के संबंध में मां पिता ने बताया कि वे अपने परिवार व बच्चों के साथ घटना से करीब ढाई माह पूर्व रानीपरती मिडिल स्कूल परिसर में घुमंतू होने के कारण रोजी रोटी के लिए डेरा बनाकर घूम-घूम कर मजदूरी करते थे. तीन बेटी व दो बेटे के साथ भीख मांगकर मां अपने बाल बच्चों का भरण पोषण करते थे. स्थायी घर सोनुपुर है,जहां झोंपड़ी बनाकर रहते हैं. मृतका खुशबू पांच भाई बहन में दूसरे नंबर पर थी. सबसे बड़ी बहन कंचन की शादी सहरसा हो चुकी है. तीसरी राधा छह साल की है. वहीं चार साल का दिव्यांग पुत्र दीपक व ढाई साल का पुत्र दिलखुश के साथ किसी तरह जीवन बसर कर रहा है. फिलहाल मृतक के पिता सोनुपुर में रहकर सुई, धागा व ओडिशा की दवा बेचने व पेड़ से मधु छुड़ाने का काम कर परिवार चला रहा है.
मृतका के परिजनों ने सजा पर जतायी खुशी
कहा, पुत्री की आत्मा को मिली शांति