ऑपरेटर के अभाव में 24 घंटे नहीं हो पाती कैमरे से मॉनीटरिंग

दलसिंहसराय : दलसिंहसराय शहर जिले का एक ऐसा अनुमंडल मुख्यालय है जो सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में है़ शहर को सीसीटीवी कैमरे के लैस करने में स्थानीय व्यवसायियों का महत्वपूर्ण योगदान है. इनके सहयोग से पुलिस प्रशासन ने शहर को सुरक्षा की दृष्टि से तीसरी आंख की निगरानी में रखने में कामयाब हुई. इससे पुलिस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 26, 2017 4:51 AM

दलसिंहसराय : दलसिंहसराय शहर जिले का एक ऐसा अनुमंडल मुख्यालय है जो सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में है़ शहर को सीसीटीवी कैमरे के लैस करने में स्थानीय व्यवसायियों का महत्वपूर्ण योगदान है. इनके सहयोग से पुलिस प्रशासन ने शहर को सुरक्षा की दृष्टि से तीसरी आंख की निगरानी में रखने में कामयाब हुई. इससे पुलिस को कई अपराधिक कांडों के उद्भेदन व अपराधियों को दबोचने में कामयाबी तो मिली, मगर कई कांडों का उद्भेदन करने में यह असफल भी रही है़ इससे लोगों में खासकर व्यवसायी वर्ग में इस बात को लेकर चर्चा बनी है कि ये तीसरी आंख भी पूरी तरह सुरक्षा देने में अब तक पूर्णरूपेण सफल नहीं हो सकी है.

इससे आये दिन शहर में बैंक से निकलते ही झपट्टा मार गिरोह या कोढ़ा गिरोह के सक्रिय अपराधियों या फिर अन्य घटनाओं को अंजाम दे अपराधियों के बच निकलना बताया जा रहा है़ पुलिस घटना के बाद सीसीटीवी फुटेज खंगालने में जुट तो जाती जरूर है, लेकिन घटना की लगातार मॉनीटरिंग न होेने से अपराधियों को बच निकलने में कामयाबी मिलने से अपराध के वक्त संबंधित अपराधियों को दबोचने में सफलता न मिलना मुख्य वजह बनी है़

इसको लेकर सीसीटीवी कैमरों के फुटेज लगातार चौबीस घंटे संबंधित कंप्यूटर ऑपरेटर या किसी कर्मी की कमी से न हो पाना पुलिस की मजबूरी बनी है. व्यवसायियों व अन्य लोगों ने इसके लगातार मॉनीटरिंग किये जाने व घटना के वक्त ही अंजाम देने वाले अपराधियों को सीसीटीवी फुटेज की मॉनीटरिंग के सहारे उन्हें दबोचने की व्यवस्था करने की मांग पुलिस व संबंधित प्रशासन से

की है, ताकि अपराधी घटना को अंजाम देने के बाद बच निकलने में कामयाब न हो सके.
बता दें कि एक जनवरी 17 को तत्कालीन एसपी नवल किशोर सिंह ने थाने में बने कंट्रोल रूम का
उद्घाटन किया. इसे पुलिस प्रशासन की मदद को लेकर स्थानीय लोगों के कदम को सराहा़
इसके एक जनवरी 18 को एक साल पूरे होने के बाद भी उस अनुपात में अपराध में अपेक्षित कमी नहीं मिल सकी. बीते साल 2017 में तीसरी आंख की निगरानी के बाद भी झपट्टामार गिरोह व कोढ़ा गिरोह के साथ ही बैंकों से रुपये निकाल कर बाहर निकले कई लोगों के साथ लूटपाट की घटना को बेखौफ अपराधियों ने अंजाम दिया और बेखौफ भाग निकलने में कामयाब भी रहे, मानों वे तीसरी आंख की निगेहबानी को भी धत्ता बता रहे हो़ हालांकि, कुछ मामले में अपराधियों तक पहुंचने में पुलिस को सीसीटीवी की मदद से कामयाबी भी मिली. इसका परिणाम रहा कि कटिहार के कोढ़ा गिरोह के एक अपराधी को दबोचने में पुलिस कामयाब रही थी, जिसने यहां कई घटनाओं को अंजाम दिया था़ विडंबना रही कि तीसरी आंख की निगहबानी के बावजूद भी पुलिस को इससे अपेक्षित सफलता नहीं मिल पायी है.

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