एमडीएम में अंडा नहीं पड़ेगा ठंडा, छह रुपये निर्धारित
एमडीएम निदेशक ने जनवरी व फरवरी के लिए अधिकतम छह रुपए निर्धारित किया दर, मानव शृंखला के दिन खुलेंगे स्कूल समस्तीपुर : मध्याह्न भोजन योजना में प्रत्येक शुक्रवार को अंडा देने में विद्यालय पिछड़ने लगे थे. एमडीएम की थाली में प्रधान शिक्षकों को फल देना ही आसान व बजट के अनुसार सुगम साबित हो रहा […]
एमडीएम निदेशक ने जनवरी व फरवरी के लिए अधिकतम छह रुपए निर्धारित किया दर, मानव शृंखला के दिन खुलेंगे स्कूल
समस्तीपुर : मध्याह्न भोजन योजना में प्रत्येक शुक्रवार को अंडा देने में विद्यालय पिछड़ने लगे थे. एमडीएम की थाली में प्रधान शिक्षकों को फल देना ही आसान व बजट के अनुसार सुगम साबित हो रहा था. बताते चले कि अंडा के लिये पांच रुपये ही राशि मिल रही थी, जबकि बाजार में सात
रुपये से कम में अंडा मिल नहीं रहा था. इसे देखते हुए एमडीएम निदेशक ने माह जनवरी व फरवरी के लिए अधिकतम छह रुपये प्रति अंडा का दर निर्धारित करते हुए कई दिशा निर्देश दिये हैं. जारी पत्र में एमडीएम निदेशक ने कहा है कि विशेष परिस्थिति में ही अधिकतम छह रुपये अंडा व मौसमी फल के लिए दर निर्धारित है. उक्त माह के लिए दर विद्यालय में लागू होगा. विदित हो कि अंडे के भाव में तेजी आने से स्कूल प्रधानों का टेंशन बढ़ गया था. प्रति अंडे की कीमत में एक से डेढ़ रुपये भाव चढ़ा है. ऐसे में बच्चों की एमडीएम वाली
थाली से पोषण गायब हो रहा था. स्कूल के एमडीएम मेनू में प्रत्येक शुक्रवार को अंडा शामिल किया गया था. अंडा कारोबारी की माने तो हाल के दिनों में अंडे की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई है.
शिक्षकों को मिलेगा क्षतिपूर्ति अवकाश : मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने डीएम को निर्देश दिया है कि 21 को बनने वाली मानव शृंखला को लेकर उस दिन सभी स्कूल निश्चित तौर पर खोले जायें. मानव शृंखला समाप्त होने के बाद इसमें भाग लेने वाले सभी बच्चों को मिड डे मील
उपलब्ध कराया जाये. साथ ही अवकाश के दिन विद्यालय खोलने के लिए शिक्षकों को एक दिन का क्षतिपूर्ति अवकाश देय होगा.
रोसड़ा. कड़ाके की ठंड व कुहासे के बीच पूरा इलाका भीषण शीतलहर की चपेट में हैं. ठंड लगने से लोगों की मौत का सिलसिला भी जारी है. मौसम विभाग द्वारा शीतलहर का प्रकोप अभी कुछ दिनों तक जारी रहने की संभावना व्यक्त की जा रही है. क्षेत्र के शहरी व ग्रामीण इलाके के लोग ठंड से बचने के लिए अपने-अपने घरों में दुबके रह रहे हैं. इस बीच हाड़ कंपकपा देने वाली ठंड से गुरुवार को भी क्षेत्रीय जनजीवन अस्त-व्यस्त ही रहा. ठंड व कुहासे की वजह से देर सुबह तक लोग बिस्तर में दुबके रहे. पूरे दिन लोगों को सूर्य देव का दर्शन नहीं हो सका. धूप नहीं निकलने से पूरे दिन मौसम काफी सर्द रहा. लोग ठंड से बचने के लिए घरों,
चौक चौराहों व सार्वजनिक स्थानों पर जले अलाव का घेरा बनाये बैठे रहे. ठंड व गलन के चलते बाजार व ग्रामीण इलाके की दुकानों का शटर शाम होते ही बंद होने लगी है. इस वजह से बाजार व ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों पर शाम के बाद ही सन्नाटा पसरने लगा है. ठंड का सड़कों पर यातायात पर भी असर पड़ा है. ज्यादातर सवारी ऑटो व बसें खाली ही चल रही हैं. ठंड लगने के डर से जरूरी काम वास्ते भी लोग घरों से निकलने में परहेज कर रहेे हैं. ठंड में दुधारू पशुओं के भी चपेट में आने का सिलसिला जारी है. लगातार पड़ रहे कोहरे व पाले की वजह से आलू फसल पर भी झुलसा रोग का खतरा बढ़ गया है.