समय से नहीं चढ़ाया ब्लड एचआइवी पीड़िता की मौत
समस्तीपुर : जिले के सीमावर्ती हायाघाट थाना क्षेत्र की एचआइवी पीड़ित एक महिला की सोमवार दोपहर सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में इलाज शुरू होने से पहले ही मौत हो गयी़ मौत की पुष्टि होते ही इलाज में विलंब होने का आरोप लगाकर परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया. इमरजेंसी वार्ड से महिला की लाश […]
समस्तीपुर : जिले के सीमावर्ती हायाघाट थाना क्षेत्र की एचआइवी पीड़ित एक महिला की सोमवार दोपहर सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में इलाज शुरू होने से पहले ही मौत हो गयी़ मौत की पुष्टि होते ही इलाज में विलंब होने का आरोप लगाकर परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया. इमरजेंसी वार्ड से महिला की लाश अपने घर ले जाने से इंकार कर दिया़ आक्रोशित परिजन लाश के समीप दो तीन महिलाओं को छोड़कर अस्पताल से बाहर निकल गये़ करीब चार घंटों तक लाश इमरजेंसी वार्ड में ही पड़ी रही़ बाद में काफी मशक्कत के बाद स्वास्थ्यकर्मियों ने परिजनों को
शांत किया तब शाम के करीब चार बजे परिजन महिला की लाश को इमरजेंसी वार्ड से निकाल कर अपने घर ले गये़
मरनासन्न स्थिति में भेजा सदर अस्पताल : परिजनों के मुताबिक सदर अस्पताल के एआरटी सेंटर में पदस्थापित चिकित्सक पंकज कुमार उसका इलाज कर रहे थे़ डॉ पंकज कुमार ने उक्त महिला को शहर के विवेक बिहार स्थित अपने निजी क्लीनिक में पिछले दो दिनों से भर्ती कर रखा था़ इधर, सोमवार की सुबह जब उक्त डॉक्टर को यह पता लगा कि महिला के शरीर में मात्र एक ग्राम खून है और वह जीवन के अंतिम क्षणों में है तो आनन-फानन में उसे सदर अस्पताल में खून चढ़वाने की बात कह कर भेज दिया़
इधर-उधर में गुजर गये दो घंटे : परिजनों के अनुसार एआरटी सेंटर एवं ब्लड बैंक की कागजी खानापूर्ति में करीब डेढ़ घंटे से अधिक समय गुजर गये़ मरीज के शरीर में मात्र एक ग्राम खून था,
उसे खून चढ़ाने की अत्यंत आवश्यकता थी़ लेकिन, कागजी खानापूरी व स्वास्थ्यकर्मी द्वारा ब्लड चढ़ाने में विलंब के कारण उसकी मौत हो गयी.
इस दौरान स्वास्थ्यकर्मियों व चिकित्सक से बार-बार परिजन जल्द-से-जल्द खून चढ़ाने की गुहार लगा रहे थे, लेकिन स्वास्थ्य प्रबंधक के पहल पर संबंधित स्वास्थ्यकर्मी जब तक परिजनों की बात को तरजीह दी तब तक काफी देर हो चुकी थी़ ब्लड चढ़ाने के लिए स्वास्थ्यकर्मी एवं चिकित्सक पहुंचे, तो उक्त महिला को मृत पाया़ मौत की खबर सुनते ही परिजन आक्रोशित हो गये़ चिकित्सक बीपी राय, अस्पताल प्रबंधक चंदन कुमार, एआरटी सेंटर के काउंसलर आमोद कुमार समेत कई स्वास्थ्यकर्मी परिजनों को समझा बुझा कर शांत किया़
बोले एआरटी के डॉक्टर
उक्त महिला का इलाज कर रहे एआरटी सेंटर के चिकित्सक पंकज कुमार ने इस घटना को लेकर पूछे जाने पर बताया कि शनिवार को यह महिला भर्ती हुई थी़ उसकी हालत पूरी तरह से खराब हो चुकी थी़ शरीर में ब्लड नहीं था. इसलिए उसे सदर अस्पताल भेजा था.