सड़क पर सरकने को विवश जिंदगी

समस्तीपुरः जब जब शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने के दावे होते हैं, तब तब जाम का दायरा बढ़ता जाता है़ वाहनों की संख्या में जबरदस्त इजाफा व अतिक्रमण की बोझ से सिकुड़ती जा रही सड़कों के कारण जाम की समस्या लाइलाज मर्ज बनता जा रहा है़. जाम में फंसकर लोगों की जिंदगी घंटों सड़कों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 11, 2014 5:33 AM

समस्तीपुरः जब जब शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने के दावे होते हैं, तब तब जाम का दायरा बढ़ता जाता है़ वाहनों की संख्या में जबरदस्त इजाफा व अतिक्रमण की बोझ से सिकुड़ती जा रही सड़कों के कारण जाम की समस्या लाइलाज मर्ज बनता जा रहा है़. जाम में फंसकर लोगों की जिंदगी घंटों सड़कों पर सरकती रहती है़. हालत यह है कि शहर के नये इलाके भी जाम के स्थायी स्टॉपेज बनने लगे हैं. दो पाटों में बसे शहर को जोड़ने के लिए दो प्रमुख पुल है़ इसमें एक ओवर ब्रिज तो दूसरा फुट ओवर ब्रिज है़ फुट ओवर ब्रिज भी हमेशा जाम से कराहता रहता है़.

शहर के ताजपुर रोड, गोला रोड, कचहरी रोड, रेलवे स्टेशन रोड, गुदरी रोड समेत तमाम इलाकों में जाम लगने लगा है़. मुख्य सड़क के बाद जाम ने शहर की गलियों को भी चपेट में लेना शुरू कर दिया है़ शार्टकट राह तलाशने की होड़ में लोग पतली गलियों से अपनी राह आसान करने में लगे रहते हैं. इनमें भी लोग जाम में पीसने को मजबूर है़. शहर का इलाका सुबह 7 से 11 बजे और दिन के तीन बजे से रात के आठ बजे तक जाम की गिरफ्त में होता है़ लिहाजा स्कूली बच्चे, सरकारी गैर सरकारी कर्मचारी, व्यवसायी, कामगार मजदूर व आम जनता को अपने काम पर जाने में घंटों समय लग जाते हैं.

न बच्चे सही समय पर स्कूल पहुंच पाते हैं और न अधिकारी कर्मचारी कार्यालय़ तीन बजे के बाद शहर की सड़कें वाहनों के बोझ से दब जाती है़. स्कूल से घर लौटने में बच्चों को घंटों लग जाते हैं. स्कूली बस घंटों सड़क पर खड़ी रह जाती है़.

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