बिहार : आंधी के बाद गिरी बिजली, आसमान से ओलों की बरसात, गेहूं-मक्के की फसल को नुकसान
समस्तीपुर : बिहार के समस्तीपुर में सुबह की धूप के बाद शनिवार को मौसम का मिजाज अचानक बदल गया. जिले के दक्षिणी इलाकों में धूल भरी आंधी आयी. इसमें कई झोपड़ियां धराशायी हो गयीं. आसमान बादलों से घिर गया. फिर बिजली कौंधी. जोरदार बारिश होने लगी. शहर से सटे जितवारपुर, मोरवा, ताजपुर समेत कई इलाकों […]
समस्तीपुर : बिहार के समस्तीपुर में सुबह की धूप के बाद शनिवार को मौसम का मिजाज अचानक बदल गया. जिले के दक्षिणी इलाकों में धूल भरी आंधी आयी. इसमें कई झोपड़ियां धराशायी हो गयीं. आसमान बादलों से घिर गया. फिर बिजली कौंधी. जोरदार बारिश होने लगी. शहर से सटे जितवारपुर, मोरवा, ताजपुर समेत कई इलाकों में आसमान से 10 मिनट तक जमकर ओले गिरे. इससे खेतों में खड़ी और पड़ी गेहूं फसल को व्यापक नुकसान पहुंचा है. तेज हवा के कारण मक्का के पौधे जमीन को चूमने लगे हैं. आम व लीची के फल झर गये. बारिश के बाद मौसम खुशनुमा हो गया. तापमान में 6 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गयी.
अनुमान के मुताबिक आंधी के दौरान 40 से 60 किलो मीटर प्रति घंटे की औसत रफ्तार से हवा चली. इसके कारण शहरी क्षेत्रों में जगह-जगह लगे होडिंग उड़ गये. उजियारपुर में स्टेशन चौक के पास पेड़ गिरने से कुछ देर के लिए यातायात बाधित हो गया. मोरदीवा में आंधी के दौरान छप्पर गिरने से रामसेवक पासवान दब गये. उनका इलाज सदर अस्पताल में जारी है. ताजपुर के माधोपुर दिघरुआ, रामपुर महेशपुर, फतेहपुरवाला, कोठिया, कस्बे आहर, मानपुरा आदि गांवों में ओले गिरने से फसल बर्बाद हो गयी. करकट व छप्पर तहस-नहस हो गये. मोतीपुर सब्जी मंडी के पास पेड़ गिरने से एनएच 28 पर यातायात प्रभावित हुआ.
सरायरंजन के लाटवसेपुरा पंचायत में दो दर्जन से अधिक घर गिरने की बात सामने आयी है. लाटवसेपुरा निवासी राम प्रसाद चौरसिया, शंकर ठाकुर, अनिल गिरि, पलटी देवी, राम सेवक राम, मंटु राम, समेत दो दर्जन से अधिक लोगों के घर गिर गये. मोरवा उत्तरी, मोरवा दक्षिणी, निकसपुर एवं सोंगर समेत कई पंचायतों में ओलावृष्टि से खेतों में लगी फसल को व्यापक नुकसान पहुंचा. करीब 6 से 10 मिली मीटर औसत वर्षा के कारण शहर की कई सड़कों पर पानी जमा हो गया. स्टेशन रोड व गुदरी बाजार में लोग पानी से होकर आने जाने को विवश दिखे.
तेज आंधी-पानी से गिरे कई पेड़, बिजली हुई गुल
तेज आंधी और बारिश से तापमान में भले ही गिरावट आने से लोगों को गर्मी से फौरी निजात मिली, लेकिन तेज आंधी की वजह से पेड़ इस कदर से गिरे हैं कि शहरी के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी बिजली आपूर्ति शनिवार को दोपहर में बाधित हो गयी. आंधी ने एक बार फिर से बिजली व्यवस्था को प्रभावित कर दिया है. वर्षा शुरू होने से पहले ही बिजली आपूर्ति बंद कर दी थी. वर्षा व आंधी थमने के बाद बिजली चालू नहीं हो पाई. बिजली की लाइन ब्रेक डाउन हो गयी है. प्री मानसून कहें या बिन मौसम बरसात. इतना जरूर है कि बिजली कंपनी भले बारिश के पूर्व बिजली का मेंटेनेंस करने का दावा कर रही है, लेकिन वास्तविकता की पोल विगत गुरुवार और शनिवार को आयी तेज आंधी और बारिश में खुल गयी.
मिली जानकारी के अनुसार मोहनपुर ग्रिड से जुड़े जितवारपुर पीएसएस के 33 केवीए तार में फॉल्ट उत्पन्न होने के कारण 5 फीडरों की बिजली देर शाम तक गुल रही. वहीं शहर के मगरदही रोड़ में पेड़ व तार गिरने के कारण टाउन टू के उपभोक्ता बिजली के लिए घंटों परेशान रहे. इधर पंजाबी कॉलोनी में भी तार टूटने के कारण बिजली गुल रही.
नप की सफाई व्यवस्था की खुली पोल
शनिवार की दोपहर को हुई बारिश ने नप प्रशासन के सफाई व्यवस्था का पोल खोल कर रख दिया है. बारिश के कारण शहर के कई कॉलोनी सहित विभिन्न मार्गों पर जल जमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. शहर के बहुरानी पैलेस के निकट में तो सड़क पर लगभग एक फीट बारिश व नाले का गंदा पानी जमा हो जाने के कारण लोगों का पैदल चलना तक दुश्वार हो गया है. लोगों की माने तो हल्की वर्षा होने पर भी सड़कों पर जल जमाव होने का एक मात्र कारण नप प्रशासन द्वारा सड़क के किनारे स्थित नालों की नियमति सफाई नहीं किया जाना है. नाला के किचड़ों की सफाई नहीं होने से सड़क का पानी नहीं निकल पाता है बल्कि नाला का पानी ओभर फ्लो हो कर उसका गंदा पानी सड़कों पर जल जमाव की समस्या को उत्पन्न कर देता है. नाला सहित शहर की साफ सफाई पर नप प्रशासन प्रति वर्ष लाखों रुपया खर्च जरूर करती है. इसके बाद भी बारिश के समय स्थिति जस की तस हो जाती है.