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समस्तीपुर में युवक को जिंदा करने की सनक में शव के साथ घंटों चिपके रहे तांत्रिक दंपती, …पढ़ें क्या है मामला?

वारिसनगर / समस्तीपुर : ज्ञान-विज्ञान के युग में भी अंधविश्वास ने यक्ष्मा पीड़ित युवक की जान ले ली. मामला तब लोगों के संज्ञान में आया जब युवक की मौत के बाद झाड़फूंक करनेवाले उसके अपने ही चाचा और चाची शव के साथ चार घंटे तक चिपके रहे. मंत्र बुदबुदा कर उसे दोबारा जिंदा करने का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2018 9:26 AM

वारिसनगर / समस्तीपुर : ज्ञान-विज्ञान के युग में भी अंधविश्वास ने यक्ष्मा पीड़ित युवक की जान ले ली. मामला तब लोगों के संज्ञान में आया जब युवक की मौत के बाद झाड़फूंक करनेवाले उसके अपने ही चाचा और चाची शव के साथ चार घंटे तक चिपके रहे. मंत्र बुदबुदा कर उसे दोबारा जिंदा करने का दावा करते हुए शव को घर के अंदर कैद कर लिया.

इस बीच, मृत कृष्ण मुरारी झा (35) की पत्नी सोनम देवी रोती-बिलखती रही. पुजारी दंपती ने दरवाजा नहीं खोला. महिला की चीख-पुकार पर लखनपट्टी गांव लोगों को जब घटना की जानकारी मिली, तो इसकी सूचना पुलिस को दी. जबरन दरवाजा खुलवाया. लोगों के कहने पर भी लाश से चिपक कर मंत्र बुदबुदा रहे पुजारी दंपती अमलेश झा और अंजिला देवी पर इसका कोई असर नहीं होता देख कर उसे जबरन खींच कर अलग किया. साथ ही लाश को बाहर निकाला.

क्या है मामला

ग्रामीणों के समक्ष कृष्ण मुरारी की पत्नी ने बताया कि उसका पति दिल्ली मजदूरी करता था. पति-पत्नी साथ रहते थे. अचानक उसकी तबीयत बिगड़ने पर डॉक्टर के यहां ले गये. जांच-पड़ताल के बाद पता चला कि कृष्णमुरारी को टीबी है. सेहत में लगातार गिरावट आने की वजह से वह कामकाज करने में असमर्थ हो गया. इसके बाद वह आठ अप्रैल 18 को पति के साथ लखनपट्टी लौट आयी. उसने पति को इलाज कराने के लिए अस्पताल ले जाना चाहा. उसके तांत्रिक चाचा और चाची ने अस्पताल जाने से रोक लिया. बकौल महिला तांत्रिक दंपत्ती ने उसे झाड़फूंक से ठीक करने की बात कह कर रोक लिया. इसके बाद वह कृष्णमुरारी को अपने ही घर पर रखते थे. घंटों घर में बंद कर तांत्रिक क्रियाएं की जाती थी. उसकी सेहत में कोई सुधार नहीं हो रहा था. डाक्टर के पास जाने की बात सुनकर भड़के चाचा-चाची युवक को ठीक करने का भरोसा देकर रोक लेते थे. मंगलवार की शाम को उसकी मौत हो गयी. इसके बाद तांत्रिक दंपती ने घर का दरवाजा अंदर से बंद कर शव को कैद कर लिया. लाश से चिपक कर तांत्रिक क्रियाएं करने में जुटे रहे. इस बीच, महिला के अनुरोध को अनसुना कर उसे दोबारा जिंदा करने की बात कहते रहे. इसके बाद उसने आसपास के लोगों को इसकी जानकारी देकर लाश बाहर निकालने की गुजारिश करने लगी, तो लोगों को जानकारी मिली, तब स्थानीय थाने की पुलिस को घटना की सूचना देकर जबरन दरवाजा खोलवा कर लाश को बाहर निकाला.

प्राथमिकी दर्ज, तांत्रिक दंपती गिरफ्तार

घटना की सूचना पर पहुंची स्थानीय थाने की पुलिस ने शव को अंत्यपरीक्षण के लिए भेजा. मृतक की पत्नी का बयान लिया. उसके आधार पर तांत्रिक दंपती को आरोपित करते हुए दोनों को गिरफ्तार कर थाने ले गयी. घटना के बाद आसपास के ग्रामीणों से भी पुलिस ने पूछताछ की. थानाध्यक्ष पवन कुमार ने बताया कि अंत्यपरीक्षण रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है. आरोपित दंपती को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.

तांत्रिक क्रियाओं की हो रही चर्चा

स्थानीय लोगों का कहना है कि मृतक के चाचा-चाची पूजा-पाठ में अक्सर लीन रहते हैं. लोगों को घर में लगे टोटके और रोग को झाड़फूंक कर समाप्त करने का दावा कर खुद को तांत्रिक के रूप में स्थापित कर लिया. लोग भी अंधविश्वास में आकर उसके यहां आते-जाते थे. इस बार उसने अपने भतीजे को इसी क्रिया से रोग ठीक करने का भरोसा देकर झाड़फूंक करता था. अंतत: उसकी जान चली गयी.

यक्ष्मा का उपचार संभव

बता दें कि जिस रोग से कृष्णमुरारी की मौत होने की बात सामने आ रही है, उसका इलाज संभव है. स्वास्थ्य विभाग नि:शुल्क मरीजों की जांच कर मुफ्त दवाएं उपलब्ध कराता है. नियमित दवा सेवन से कुछ ही दिनों में बीमार भला-चंगा हो जाता है. सरकार की ओर से पोषण को लेकर निर्धारित राशि भी उपलब्ध करायी जाती है. इसको लेकर गांव-गांव अभियान चलाया जा रहा है. इस मौत से योजना पर भी सवाल उठ खड़ा हुआ है कि आखिर अभियान से जुड़े लोगों को इसका पता समय रहते क्यों नहीं चला.

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