पटना : समस्तीपुर के पूसा स्थित डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि बिहार से मेरा विशेष लगाव है. यहां आकर मुझे बहुत खुशी होती है. उन्होंने कहा कि कविता से लेकर क्रांति और सामाजिक समरसता से लेकर कृषि क्षेत्र तक समस्तीपुर ने प्रतिमान स्थापित किया है. साथ ही उन्होंने छठ पर्व को लेकर कहा कि छठ को ग्लोबल बनाने का श्रेय बिहार को जाता है.
जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एक दिवसीय दौरे पर गुरुवार की सुबह वायुसेना के विशेष विमान से पटना एयरपोर्ट पहुंचे. इसके बाद वह समस्तीपुर के पूसा स्थित डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में शिरकत करने पहुंचे. यहां पहुंचने पर उन्होंने विश्वविद्यालय स्थित देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से की गयी. राष्ट्रपति ने अपने-अपने क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करनेवाले देश के होनहारों को गोल्ड मेडल प्रदान कर सम्मानित किया.
इस मौके पर छात्रों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि बिहार के लोग अपने स्वभाव ही नहीं, अतिथि सत्कार के लिए भी जाने जाते हैं. देश के होनहार छात्रों के बीच गर्व महसूस कर रहा हूं. साथ ही उन्होंने कहा कि कविता से लेकर क्रांति और सामाजिक समरसता से लेकर कृषि क्षेत्र तक समस्तीपुर ने प्रतिमान स्थापित किया है. बिहार के राज्यपाल के रूप में यहां के जनजीवन को नजदीक से देखने का अवसर मिला. मेरे हृदय में बिहार के लिए विशेष स्थान है. एक दिन पूर्व ही बीते छठ पर्व को लेकर उन्होंने कहा कि आज छठ पूजा दुनिया भर में की जा रही है. छठ को ग्लोबल बनाने का श्रेय बिहार को जाता है. इस मौके पर राज्यपाल लालजी टंडन और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल रहे.
दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पूसा विश्वविद्यालय देश का टॉप विश्वविद्यालय बनेगा. साथ ही विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति की उपस्थिति पर कहा कि यह बिहार के लिए गर्व की बात है. इस मौके पर राज्यपाल लालजी टंडन, केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह समेत कई गण्यमान्य लोग मौजूद रहे. राष्ट्रपति ने पूसा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में पांच सौ छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान किया. जबकि, 33 छात्रों को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया.