समस्तीपुर में दो महिलाओं ने किया समलैंगिक विवाह, जेल में बढ़ी नजदीकी, बाहर निकलीं तो दोनों हो गयी एकदूजे की
कमलेश झा समस्तीपुर : जेल में वे दोनों एक-दूसरे के नजदीक आयीं और उनके बीच प्यार पनपा. जब दोनों जेल से बाहर निकलीं तो उन्होंने जिंदगी साथ निभाने का फैसला किया. दोनों ने समलैंगिक शादी करने के लिए एकरारनामा भी किया है. दो महिलाओं की यह कहानी समस्तीपुर की है. जिले में समलैंगिक संबंध का […]
कमलेश झा
समस्तीपुर : जेल में वे दोनों एक-दूसरे के नजदीक आयीं और उनके बीच प्यार पनपा. जब दोनों जेल से बाहर निकलीं तो उन्होंने जिंदगी साथ निभाने का फैसला किया. दोनों ने समलैंगिक शादी करने के लिए एकरारनामा भी किया है. दो महिलाओं की यह कहानी समस्तीपुर की है. जिले में समलैंगिक संबंध का यह पहला मामला है. दोनों महिलाएं पहले से शादीशुदा हैं. शहर में यह चर्चा का विषय बना हुआ है.
दोनों महिलाओं के पति उन्हें छोड़ चुके हैं, जिसे दोनों अपना स्याह अतीत मानकर भुला चुकी है़ कुरेदने पर एक महिला बताती है कि अपहरण के मामले में वह करीब 20 महीने पूर्व जेल गयी थी़ वहां अपने जेठ की संतान की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजी गयी थी. दोनों करीब तीन महीने तक समस्तीपुर जेल में साथ रहीं. इसी दौरान उनके बीच नजदीकी बढ़ी. जेल से वापस आने पर परिजन उसकी दूसरी शादी कराना चाह रहे थे. लेकिन, वह जेल में मिले प्यार को खोना नहीं चाहती थी.
इसलिए वह घर छोड़कर समस्तीपुर चली आयी. यहां उसने जेल की अपनी दोस्त की मां और उसकी बेटी के साथ रहकर परिवार में घुलती-मिलती चली गयी़ इसके बाद मंगलवार को दोनों ने इस रिश्ते को कानूनी रूप देने के लिए न्यायालय पहुंचकर एकरारनामा पेश किया. हालांकि, पहली महिला की मां और बेटी ने भी इस रिश्ते पर अपनी सहमति जता दी.
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल सितंबर में दिये गये ऐतिहासिक फैसले में समलैंगिक संबंध को अपराध की श्रेणी से हटा दिया था. कोर्ट के फैसले के मुताबिक, आपसी सहमति से दो वयस्कों के बीच बनाये गये समलैंगिक संबंधों को अब अपराध नहीं माना जायेगा. हालांकि, विवाह निबंधन एक्ट में समलैंगिक शादी का प्रावधान नहीं है.