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बिहार : समस्तीपुर में रामचंद्र पासवान व डॉ अशोक कुमार के बीच सीधा मुकाबला
समस्तीपुर : मसाले व सब्जियों के लिए मशहूर समस्तीपुर की जमीन पर राजनीति की फसल भी खूब लहलहाती है. जब जिसने इस राजनीतिक जमीन पर जितनी मेहनत की, फसल वही काट ले जाता है. वर्ष 2009 में परिसीमन के बाद समस्तीपुर (सुरक्षित) लोकसभा क्षेत्र का भूगोल बदला तो योद्धा भी बदल गये. वैसे इस बार […]
समस्तीपुर : मसाले व सब्जियों के लिए मशहूर समस्तीपुर की जमीन पर राजनीति की फसल भी खूब लहलहाती है. जब जिसने इस राजनीतिक जमीन पर जितनी मेहनत की, फसल वही काट ले जाता है. वर्ष 2009 में परिसीमन के बाद समस्तीपुर (सुरक्षित) लोकसभा क्षेत्र का भूगोल बदला तो योद्धा भी बदल गये.
वैसे इस बार के लोकसभा चुनाव में दोनों ही गठबंधन से पुराने योद्धा ही मैदान में डटे हैं. गत लोकसभा चुनाव की तर्ज पर इस बार भी यह सीट एनडीए के खाते में रही तो लोजपा ने वर्तमान सांसद रामचंद्र पासवान को ही दोबारा मैदान में उतारा है. महागठबंधन से कांग्रेस के खाते में आयी समस्तीपुर सीट पर रोसड़ा से कांग्रेस के मौजूदा विधायक डॉ अशोक कुमार फिर मैदान में हैं.
वर्ष 2014 के चुनाव में डॉ अशोक कुमार महज 6872 मतों के अंतर से हार गये थे. समय के साथ मुद्दे बदले तो सियासी मिजाज भी बदल गया. दोनों ही गठबंधन के योद्धा नये साथी व नारों के साथ मैदान में डटे हैं. इस बार जदयू एनडीए के साथ है तो महागठबंधन की धुरी राजद व कांग्रेस के साथ हम, रालोसपा व वीआइपी जैसे नये सहयोगी जुड़ गये हैं. मतदाता खामोशी से नजरें गड़ा रखी हैं.
अब भी धुंधली है यहां की फिजां
जिले के पूर्वी हिस्से में बसे शिवाजीनगर प्रखंड के पीएचसी गेट के बाहर छेदी मंडल की चाय दुकान पर शुक्रवार की दोपहर में राजनीति की महफिल जमी थी. चाय की चुस्की ले रहे बोरज गांव के राम प्रसाद शर्मा कहते हैं -हमरा सबके चिन्है वाला सांसद चाही. देखिऔ की होइ छै.
तपाक से रामभद्रपुर के विजय कुमार साव कहते हैं, हमरा एके गो पसंद छै तो पिपरौलिया के गणेश मुखिया कहते हैं, ऊपर-नीचा देखिये क ने कोनो फैसला करबै. इन लोगों की बातें सुनकर तिलाही के राजेंद्र मंडल से रहा न गया तो वे बोल बैठे एगो के आगू सब फेल छै हो. मतदाताओं की यह गोल-मटोल बातें चुनावी फिजां को अब तक धुंधली बनाये हुए हैं.
खुलकर कहने से कतरा रहे वोटर
नेताओं की धुआंधार सभा और प्रचार के साथ प्रत्याशियों के संपर्क से क्षेत्र की चुनावी तासीर बढी है. 29 अप्रैल को मतदान है. वोटर भी प्रत्याशियों को गुन रहे हैं. लेकिन, खुलकर कहने से कतराते हैं. नीरपुर गांव में जयवीर मिश्र के दरवाजे पर बैठे रंजीत झा कहते हैं अइ बेर ओइ बेर बला नइ बुझिऔ. जकरा जे करअ के छै सोचने… वाक्य पूरा होने से पहले ही पास खड़े दो युवक भोलू और गोनू ने लपक लिया. हो देखिअह. के कहां जाइ छै. रिजल्ट त 23 मई के बुझाइये ने जेतइ.
2009 में परिसीमन के बाद समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र का भूगोल बदला
विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इसमें से दो दरभंगा जिले के कुशेश्वर स्थान व हायाघाट भी शामिल हैं. इसके अलावा जिले के कल्याणपुर, वारिसनगर, समस्तीपुर व रोसड़ा विधानसभा समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र में आते हैं.
सभा व संपर्क पर प्रत्याशियों का जोर
अन्य चुनावों की तुलना में इस बार प्रत्याशी बड़े नेताओं की सभा और समीकरणों को साधते नेताओं के साथ जनसंपर्क पर अधिक जोर देते दिखाई दे रहे हैं.
समस्तीपुर लोकसभा सुरक्षित क्षेत्र से एनडीए गठबंधन प्रत्याशी रामचंद्र पासवान के समर्थन में लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी, डॉ सीपी ठाकुर समेत अन्य बड़े नेताओं की सभाएं हुई हैं. वहीं पूर्व सांसद सूरजभान सिंह ने भी जनसंपर्क कर वोट मांगा है. इ
सी तरह कांग्रेस प्रत्याशी डॉ अशोक कुमार के पक्ष में राजद नेता तेजस्वी यादव, रालोसपा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा, हम के अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी जैसे बड़े नेता सभा कर अपने प्रत्याशी के लिए वोट मांग चुके हैं.
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